सियासत की भी अपनी मनोवैज्ञानिक समझ होती है। यह कला प्रत्येक राजनेता को यूं ही हासिल नहीं होती। वर्षो की कठिन साधना के बाद ही यह हुनर प्राप्त होता है।
जाने-माने बिजनेस पत्रकार देवेन्द्र शर्मा ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ (Rastriya Sahara) में अपनी करीब 30 साल पुरानी पारी को विराम दे दिया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने फेक न्यूज पर चिंता जाहिर की
‘स्वच्छ भारत अभियान’ को जन आंदोलन बनाने में भारत के प्रत्येक व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
अनुभव से बड़ा कोई ज्ञान नहीं है। जब कोई उमरदराज बूढ़ा इस लोक से जाता है तो अपने साथ एक विशाल पुस्तकालय ले जाता है।
हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ नोएडा के स्थानीय संपादक निर्मलेंदु साहा ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 31 अगस्त, 2021 इस समूह में उनका आखिरी दिन था।
पिछले दिनों ‘सहारा समय’, लखनऊ से अपनी पारी को विराम देने के बाद वरिष्ठ टीवी पत्रकार शिल्पी सेन ने अपनी नई पारी की शुरुआत की है।
आईआईएमसी के विशेष व्याख्यान में बोले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव
‘इंडिया न्यूज’ को हाल ही में अलविदा कहने वाली न्यूज एंकर निदा अहमद ने अब अपनी नई पारी का आगाज कर दिया है
मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, ‘जब मैं नागपुर या औरंगाबाद की यात्रा करता हूं तो मोबाइल नेटवर्क कनेक्शन नहीं होता है। फिर आप ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?