चीन पर एक और ‘डिजिटल स्ट्राइक’ करते हुए भारत सरकार ने एक बार फिर 47 चाइनीज ऐप्स को देश में प्रतिबंधित कर दिया है।
मार्ग्रेट थैचर हों या जॉन मेजर या वर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन या अमेरिकी राष्ट्रपति, सुरक्षा के मामलों में हमेशा गोपनीयता रखते हैं।
देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन क्या लगाया कि चीन तिलमिला उठा।
अमेरिका ने पहले चीन के चार शीर्ष सरकारी मीडिया संस्थानों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र करार दिया और ‘विदेशी मिशन’ की श्रेणी में डाल दिया था। अब चीन ने इसका जवाब दिया है।
राजनगर डिस्ट्रिक सेंटर (आरडीसी) में पिछले दिनों अखबार के नए कार्यालय का उद्घाटन किया गया।
मीडिया निकायों ने यह भी सुझाव दिया है कि चीन द्वारा भारतीय कंपनियों में किए गए करार (collaborations) और निवेश को भी खत्म कर देना चाहिए।
भारत ने देश में 59 चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस लिस्ट में जिन 59 चाइनीज ऐप को प्रतिबंधित किया गया है
ट्रंप का मानना है कि दुनिया में घातक कोरोना वायरस के प्रसार का जिम्मेदार चीन है। लिहाजा वह चीन को क्षति पहुंचाने के लिए तरह-तरह की पैतरें अपना रहा है।
बीते सप्ताह गलवान में चीन के साथ खूनी संघर्ष मीडिया के सभी रूपों में छाया रहा। इस दरम्यान शुरू के तीन-चार दिन तक चीन के बयान एक के बाद एक आते रहे और भारतीय अधिकृत बयान आने में कुछ समय लगा।
15 जून को ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ (Line of Actual Control) पर भारत-चीन भिड़ंत से जहां एक ओर जनता में राष्ट्रीयता का जोश है, वहीं देश की राजनीति उबाल पर है।