‘नागरिकता संशोधन कानून’ (सीएए) के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट को लेकर विवाद गहराता चला जा रहा है
संभवतः यह पहली बार है, जब दो न्यूज चैनलों ने टीआरपी में एक-दूसरे को पछाड़ने की दौड़ से अलग हटकर संयुक्त रूप से किसी मुद्दे पर ग्राउंड रिपोर्टिंग की है
गोवा सरकार ने अपने कार्यक्रम 'डीडी कौशांबी फेस्टिवल ऑफ आइडियाज' में फे डिसूजा का नाम स्पीकर की सूची से हटा दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन को कवर करने पहुंचे वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया व उनकी टीम के साथ की गई थी बदसलूकी
‘नागरिकता संशोधन कानून’ (सीएए) का विरोध और खबरिया चैनलों में उस पर होने वाली बहस लगातार जारी है
अपने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर अंजना ओम कश्यप को निशाना भी बनाया जा रहा है।
नागरिकता कानून को लेकर न केवल में देश मे ही बल्कि विदेशो में भी झूठी और भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, जिसमें विदेशी मीडिया का अहम रोल है।
किसी विषय पर दो लोगों के विचार अलग हो सकते हैं, यह स्वाभाविक है, लेकिन जब बात पत्रकारों की आती है तो यह ‘स्वाभाविक’ एकदम से ‘अस्वाभाविक’ हो जाता है
21 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों के साथ हुई थी मारपीट