अदालती कार्यवाही में तब हो सकती है ना जब सही जाँच, सही समय सीमा के अंदर हो। जब जाँच में ही झोल है, तो अदालत क्या ढोल बजाने के लिए है? धिक्कार है।
'शांतिपूर्ण' प्रदर्शनकारी होने का दावा करने वाले 'गुंडों' द्वारा ईंट से हमला किए जाने के बाद उनकी आंखों की रोशनी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है।
कोलकाता में ममता बनर्जी के खिलाफ लोगों का ऐसा गुस्सा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। कोलकाता में जो मसला है वो इतना जज़्बाती है कि वो लाठियों और गोली से दबाया नहीं जा सकता।
इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अपना नाम बदल लेना चाहिए।
टाइम्स ग्रुप ने 2012 में अपने प्रमुख बंगाल दैनिक 'ई समय' (Ei Samay) को ब्रॉडशीट दैनिक अखबार के रूप में लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य आनंदबाजार पत्रिका के साथ सीधे मुकाबले में उतरना था।
बंगाल में छठ व कई अन्य त्योहारों पर भी सार्वजनिक अवकाश होता है लेकिन रामनवमी पर बंगाल में पहले अवकाश नहीं होता था। पहली बार रामनवमी की छुट्टी घोषित हुई है।
पश्चिम बंगाल में हाईकोर्ट की सख्ती और संदेशखाली की जनता के दबाव के सामने आखिरकार ममता बनर्जी को झुकना पड़ा।
क्या यह सच नहीं है कि पैगम्बर ने इस्लाम में जातियों पर प्रतिबंध लगाया था तो ये मुस्लिम ओबीसी जातियां कौन हैं?
संदेशखाली में राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम पहुंची, SC, ST कमीशन की टीम पहुंची लेकिन ममता ने किसी की बात नहीं मानी। महिलाओं की आवाज दब रही है।
जाँच से पहले ही महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों को झूठ बता दिया। देश में अगर सच में कहीं तानाशाही के लक्षण हैं तो वो पश्चिम बंगाल है।