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गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम को लेकर मद्रास HC ने डिज्नी+हॉटस्टार को दी ये राहत
डिज्नी+हॉटस्टार उन कंपनियों में से एक है, जिन्होंने गूगल प्ले स्टोर के बिलिंग मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हुआ है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
डिज्नी+हॉटस्टार (Disney+ Hotstar) के लिए एक राहत भरी खबर है। दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट ने गूगल (Google) को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर किए गए सभी भुगतानों पर केवल 4% कमीशन लगाने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने गूगल से यह भी कहा कि जब तक मामला कोर्ट में विचाराधीन है, तब तक वह स्ट्रीमिंग ऐप को गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से डिलीट न करे।
गूगल के एक प्रवक्ता ने इस सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अस्थायी 4% का आंकड़ा केवल एक शुल्क है, जो डेवलपर इस कानूनी कार्यवाही के दौरान हर महीने गूगल को भुगतान करेगा।
न्यायमूर्ति एटी उषा की एकल पीठ ने डिज्नी+हॉटस्टार से कहा कि वह गूगल को अंतरिम शुल्क के समय पर कलेक्शन में सहायता के लिए मासिक लेखांकन जानकारी भी प्रदान करें।
डिज्नी+हॉटस्टार उन कंपनियों में से एक है, जिन्होंने गूगल प्ले स्टोर के बिलिंग मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हुआ है। कंपनियों ने गूगल के उन निर्देशों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है, जिसके तहत ऐप्स को सभी भुगतानों के लिए गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम का उपयोग करना जरूरी है। गूगल बदले में प्लेटफॉर्म पर किए गए सभी भुगतानों के लिए 11 से 26% तक कमीशन लेता है।
Unacademy, Kuku FM, TrulyMadly और QuackQuack, प्रतिलिपि, क्राफ्टो, आनंद विकटन और Aha के अलावा भारत मैट्रिमोनी व Shaadi.com जैसे अन्य प्लेटफॉर्म हैं, जो गूगल के नियम के खिलाफ डिज्नी + हॉटस्टार के साथ मिलकर हाई कोर्ट का रुख किया है।HC से संपर्क करने के लिए डिज्नी + हॉटस्टार में शामिल हुए थे।
गूगल ने ये सिस्टम अक्टूबर 2022 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस आदेश के बाद लागू किया है, जिसमें थर्ड पार्टी बिलिंग सिस्टम के इस्तेमाल की इजाजत देने के लिए कहा गया था। गूगल ने थर्ड पार्टी को बिलिंग सिस्टम के इस्तेमाल की इजाजत दी है, लेकिन गूगल इसके लिए 11-26 फीसदी सर्विस चार्ज लेता है। पिछले इन-ऐप भुगतान सिस्टम में ऐप डेवलपर्स और स्टार्टअप को गूगल की सेवाओं के लिए 15-30 फीसदी का भुगतान करना पड़ता था।
जानिए क्या है गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम-
गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम उन डेवलपर्स के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है, जिनके ऐप में डिजिटल कंटेंट के खरीदने की सुविधा होती है। गूगल डेवलपर्स से सभी तरह के डिजिटल कंटेंट की बिक्री पर कमीशन लेता है। एपल के ऐप स्टोर पर भी इसी तरह की सुविधा है और एपल भी कमशीन लेता है। गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने पर आपके पास महीने का बजट तय करने, पेमेंट का इतिहास देखने और सदस्यताएं मैनेज करने का विकल्प होता है।
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