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30 दिन में होगा डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड का गठन, दिशा-निर्देश भी होंगे जारी: राजीव चंद्रशेखर
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट को अमल में लाने के लिए अगले एक महीने के अंदर डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड का गठन किया जाएगा।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (Digital Personal Data Protection Act, 2023) को अमल में लाने के लिए अगले एक महीने के अंदर डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड का गठन किया जाएगा। साथ ही DPDP एक्ट के तहत जरूरी नियमों का दिशा-निर्देश भी एक महीने के भीतर जारी किया जाएगा।
नई दिल्ली में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम पर आयोजित पहले डिजिटल इंडिया वार्ता कार्यक्रम के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह बात कही। इस अधिनियम को हाल ही में लागू किया गया है। ये चर्चाएं डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून के विषयबद्ध विशेष खंडों के लिए आवश्यक परिवर्तन समय एवं कार्यान्वयन पर विशिष्ट इनपुट प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रमुख उद्योग हितधारकों के साथ आयोजित की गई थी।
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और अस्पताल जैसे कुछ व्यवसाय जो लोगों के डेटा को संभालते हैं, उन्हें इन नियमों का पालन करने के लिए अधिक समय दिया सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि उनके पास डेटा को संभालने का उतना ज्यादा अनुभव नहीं हो सकता है जितने बड़े डेटा का अनुभव बड़े जिम्मेदार संगठनों के पास होता है। इसलिए, वे नियमों को सीखने और उनका पालन करने के लिए अधिक समय की मांग सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गूगल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी तकनीकी फर्मों को कानून लागू करने से पहले मोहलत चाहिए तो उन्हें उसकी उपयुक्त और ठोस वजह बतानी होगी।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि यदि कोई इन नियमों को तोड़ता है, तो डेटा संरक्षण बोर्ड इस मामले में दखल देगा और जरूरी कदम उठाएगा। लेकिन वे ऐसा करना तभी शुरू करेंगे जब वे निर्णय लेने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे।
आयोजित सत्र के दौरान राजीव चंद्रशेखर ने इस ऐतिहासिक कानून के व्यवस्था में लाने के पीछे की जद्दोजहद को याद किया, जिसमें इसकी स्थापना से लेकर अधिनियमित कानून के रूप में इसकी वर्तमान स्थिति तक के विकास का पूरा विवरण दिया गया है। राजीव चन्द्रशेखर ने विस्तार से बताया कि कैसे यह कानून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप एक व्यापक मिशन के रूप में एकीकृत होता है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण दृष्टिकोण का उद्देश्य मंचीय दायित्वों के साथ-साथ भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप समसामयिक व प्रासंगिक कानून व्यवस्था को लागू करना है।
सत्र में औद्योगिक संघों, स्टार्टअप्स, सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों, विचारकों और अधिवक्ताओं सहित प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम के विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया। परामर्श में लगभग 100 से अधिक लोग शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने इस कानून का प्राथमिक उद्देश्य दोहराया, जो सभी डिजिटल नागरिकों के विश्वास एवं सुरक्षा की गारंटी देता है। उन्होंने बताया, कानून में इस बात पर जोर दिया गया है कि हर तरह से डेटा के लिए जिम्मेदार सभी संगठनों को इस कानून का पालन करना चाहिए। राजीव चन्द्रशेखर ने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार बाध्यकारी कारणों के साथ अनुपालन अवधि बढ़ाने के लिए वैध तर्कों पर विचार करने हेतु तैयार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो कंपनियां पहले से ही जीडीपीआर (ईयू का सामान्य डेटा संरक्षण विनियमन) जैसे समान नियमों का पालन करती हैं, उन्हें इन नए नियमों का अनुपालन करने के लिए बहुत लंबे समय की मांग नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हम अब इन नियमों को लागू करने के चरण में हैं और यह सुचारू रूप से तथा शीघ्रता के साथ होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य विश्वास की संस्कृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत डेटा से निपटने वाले सभी लोगों के बीच एक व्यवहारिक परिवर्तन और उन्हें इसे जिम्मेदारी से तथा उस विश्वास के साथ संरेखित करने के लिए आवश्यक परिवर्तन करना होगा, जिस पर डेटा सिद्धांत लागू हो सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह एक निवारक कार्य है और यह अच्छे आचरण का निर्माण करने वाला भी है।
ये परामर्श कानून एवं नीति निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परामर्शी दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन तथा नियम संरचनाओं पर परामर्श किया जा रहा है।
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