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फेस्टिव सीजन को देखते हुए जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स ने कुछ यूं कसी कमर
हिंदी के जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स (GECs) ने त्योहारी सीजन को देखते हुए नॉन फिक्शन शोज के साथ अपनी कमर कसनी शुरू कर दी है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
‘कोरोनावायरस’ (कोविड-19) से प्रभावित हिंदी के जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स (GECs) ने त्योहारी सीजन को देखते हुए नॉन फिक्शन शोज जैसे- ‘बिग बॉस’(Bigg Boss), ‘इंडियन आइडियल’(Indian Idol), ‘डांस इंडिया डांस’ (Dance India Dance) और ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (Kaun Banega Crorepati) के सीजन12 के साथ अपनी कमर कसनी शुरू कर दी है।
मीडिया विशेषज्ञों का कहा है कि कोविड के शुरुआती महीनों के मुकाबले टेलिविजन बिजनेस में चीजें अच्छी दिखाई दे रही हैं। एक तरफ तमाम ब्रॉडकास्टर्स ने विज्ञापनों की दरों में छूट देना बिल्कुल बंद कर दिया है, वहीं कुछ ने डिस्काउंट कम कर दिया है। फेस्टिव सीजन के दौरान तमाम नए शो शुरू होने से ब्रॉडकास्टर्स के लिए विज्ञापन राजस्व (ad revenues) बढ़ने की उम्मीद है।
इस बारे में ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू) आशीष सहगल का कहना है कि जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स पर बड़े नॉन फिक्शन शो के लिए कीमतें हमेशा से डेली सोप के मुकाबल ज्यादा रही हैं।
आशीष सहगल के अनुसार, ‘ऐसे शोज चैनल्स को दर्शकों की संख्या बढ़ाने में भी मदद करते हैं और एडवर्टाइजर्स भी इन व्युअर्स के लिए ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। हम उम्मीद जता रहे हैं कि फेस्टिव सीजन के दौरान ऐसे शोज की ज्यादा डिमांड रहेगी और इससे जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स पर विज्ञापनों की संख्या बढ़ेगी और टीवी चैनल्स को ज्यादा ऐड रेवेन्यू मिलेगा।’
‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के डाटा के अनुसार, पिछले साल 29 सितंबर 2019 से शुरू हुए ‘बिग बॉस’ के सीजन 13 को 213 मिलियन व्युअर्स मिले थे और इसके फिनाले को अकेले 10.5 मिलियन इंप्रेशंस मिले थे। वहीं, सोनी एंटरटेनमेंट चैनल्स पर प्रसारित ‘कौन बनेगा करोड़पति’ वर्ष 2019 में टॉप टेन शो (SD+ HD व्युअरशिप) में शामिल था और उसे 6351 मिलियन इंप्रेशंस मिले थे।
‘DCMN India’ की कंट्री हेड बिंदु बालाकृष्णन का कहना है कि एडवर्टाइजर्स अपने कॉमर्शियल्स के लिए ज्यादा से ज्यादा व्युअरशिप वाले शो की ओर आकर्षित होते हैं। इन बड़े बजट के शोज की व्युअरशिप भी अन्य आम शोज के मुकाबले ज्यादा होती है और ऐसे में एडवर्टाइजर्स को भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ने का अवसर दिखाई देता है और वे ज्यादा पैसा लगाते हैं।
बालाकृष्णन के अनुसार, ‘लॉकडाउन के दौरान शूटिंग और प्रॉडक्शन बंद हो गया था। अब कपिल शर्मा शो फिर ऑन एयर हुआ है। इस मुश्किल समय में इस तरह के कॉमेडी शो दर्शकों को काफी राहत देते हैं और व्युअर्स की संख्या बढ़ती है। ऐसे में बड़े एडवर्टाइजर्स भी इसे अपने लिए एक अवसर के रूप में देखते हैं।’
वहीं, ‘KPMG India’ के पार्टनर और हेड (Media and Entertainment) गिरीश मेनन का कहना है कि जब भी विज्ञापन की बात आती है तो नॉन फिक्शन/रियलिट जॉनर के शो जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इनकी व्युअरशिप डेली सोप की तुलना में ज्यादा होती है। हालांकि, डेली सोप के मुकाबले इनकी प्रॉडक्शन कॉस्ट भी ज्यादा होती है, लेकिन इन शोज की रेटिंग को देखते हुए एडवर्टाइजर्स इन पर ज्यादा पैसा लगाने को तैयार होते हैं।
कोविड का हवाला देते हुए मेनन ने कहा, ‘विज्ञापन दरें पिछले साल की तरह ही रहेंगी। कोविड-19 के कारण एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री को पहली तिमाही में तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इंडस्ट्री के लिए दूसरी तिमाही बेहतर रही है, लेकन पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह अभी भी कम है। इन बड़े शोज और आगामी फेस्टिव सीजन को देखते हुए जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स के लिए बेहतर रिकवरी की उम्मीद है। हालांकि यह संभावना नहीं है कि इन शोज के लिए विज्ञापन की दरें पिछले साल से बढ़ेंगी, क्योंकि इसमें योगदान निभाने वाले तमाम सेक्टर्स चुनौतियों से जूझ रहे हैं। कोविड-19 ने आर्थिक मदी को और बढ़ा दिया है। इन शोज पर फ्रेश कंटेंट के मद्देनजर एडवर्टाइजिंग बढ़ने की उम्मीद है, जो इस चुनौतीपूर्ण वर्ष में टीवी इंडस्ट्री के लिए अच्छा होगा।’
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