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इस बड़े पद पर फिर ‘एबीपी न्यूज’ की कश्ती में सवार हुईं चित्रा त्रिपाठी

वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी। चित्रा त्रिपाठी ने हाल ही में 'आजतक' में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह यहां एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।

Last Modified:
Friday, 11 October, 2024
Chitra


जानी-मानी टीवी पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी ने 'आजतक' से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर हिंदी न्यूज चैनल ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) जॉइन कर लिया है। उन्होंने यहां पर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रोग्रामिंग) जॉइन किया है। वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी। 

‘एबीपी न्यूज’ में चित्रा त्रिपाठी की वापसी चैनल के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि चैनल अपनी प्राइम टाइम प्रोग्रामिंग को मजबूत करने का लक्ष्य बना रहा है। विभिन्न प्रमुख न्यूज आउटलेट्स में काम करने के कारण चित्रा त्रिपाठी की गहरी विशेषज्ञता और ऑन-स्क्रीन उपस्थिति उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक न्यूज परिदृश्य में नेटवर्क की लीडरशिप टीम के लिए उपयुक्त बनाती है।

अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि चित्रा के जुड़ने और नए एडिटर रजनीश आहूजा द्वारा किए जा रहे संपादकीय पुनर्गठन के बाद 'एबीपी न्यूज' की व्युअरशिप और रेटिंग में कितना सुधार होता है।

आपको बता दें कि चित्रा त्रिपाठी की ‘आजतक’ में यह दूसरी पारी थी। पहली पारी करीब पौने चार साल तक निभाने के बाद चित्रा ने 2022 में 'आजतक' से इस्तीफा देकर ‘एबीपी न्यूज’ जॉइन कर लिया था। लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने दोबारा से ‘आजतक’ में बतौर सीनियर एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) जॉइन कर लिया था, तब से वह इसी पद पर कार्यरत थीं। अपनी पहली पारी में वह ‘आजतक’ में एडिटर व सीनियर एंकर अपनी जिम्मेदारी संभाल रही थीं।

चित्रा त्रिपाठी का पत्रकारिता सफर बहुत ही प्रतिष्ठित और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अपनी बेहतरीन पॉलिटिकल एंकरिंग और चुनाव के दौरान फील्ड रिपोर्टिंग के लिए एक अलग पहचान बनाई है। चित्रा ‘आजतक’ पर शाम पांच बजे का डिबेट शो ‘दंगल’ कर रही थीं। इसके अलावा चित्रा शाम सात बजे न्यूज बुलेटिन ‘शंखनाद’ में नजर आती थीं। चित्रा त्रिपाठी को कश्मीर में आई बाढ़ पर रिपोर्टिंग के लिए प्रतिष्ठित ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा वह समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 के पहले एडिशन के विजेताओं की लिस्ट में भी शामिल रह चुकी हैं।

‘आजतक’ से पहले भी चित्रा त्रिपाठी ‘एबीपी न्यूज’ से जुड़ी हुई थीं। वह ‘एबीपी न्यूज’ में ‘2019 कौन जीतेगा’ शो करती थीं, साथ ही उनके पास 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' जैसा बड़ा वीकली प्रोग्राम भी था। ‘एबीपी’ में उन्हें सियाचिन में की गई रिपोर्टिंग के लिए बेस्ट रिपोर्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है, जबकि #कौनबनेगामुख्यमंत्री, #मोदीकेचारसाल और #बिहारकानेता कैसा हो, जैसे फ्लैगशिप शो जो लोगों के बीच जाकर किए गए, के जरिये उन्हें बड़ी पहचान मिली और एबीपी प्रबंधन ने उन्हें सम्मानित किया।

चित्रा त्रिपाठी इंडस्ट्री में अपनी पॉलिटिकल एंकरिंग/रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती हैं। चुनाव के दौरान उनका फील्ड में उतरना उनकी यूएसपी (USP) मानी जाती है। कई-कई घंटों तक नॉनस्टॉप काम करके चित्रा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। ।

यूपी के एक गांव में आधी रात को की गई उनकी एक बड़ी स्टोरी, जिसमें बीजेपी विधायक के घर बिजली और पूरे गांव में अंधेरे पर रिपोर्टिंग थी, जिसके बाद यूपी सरकार के बिजली मंत्री ने तीन दिन के अंदर गांव में खंभे लगवाए और आजादी के बाद वहां पहली बार लोगों के घरों में बिजली आई। सपा सरकार के बिजली मंत्री के गांव में भी उन्होंने बिजली पर रात के अंधेरे में रिपोर्टिंग की तो पता चला मंत्रीजी ने अपने धर्म के लोगों के घरों में बिजली पहुंचाई और दूसरे घरों में अंधेरा-कार्यक्रम का नाम था हिंदुओं के घर में अंधेरा। जहां बाद में बिजली पहुंची। फेसबुक के माध्यम से अयोध्या की एक बूढ़ी अम्मा के साथ भोजपुरी में की गई राम मंदिर पर उनकी बातचीत को तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा था।

‘एबीपी न्यूज’ के पहले चित्रा ‘इंडिया न्‍यूज’ चैनल में एसोसिएट एडिटर/प्राइम टाइम न्‍यूज एंकर थीं। चित्रा ने खास उपलब्धि हासिल करने वाली भारतीय युवा महिलाओं पर आधारित शो ‘बेटियां’ का भी सफलतापूर्वक संचालन किया था। उनका ये शो चैनल के फ्लैगशिप शो में गिना जाता था, जिसके 65 एपिसोड्स प्रसारित हुये थे और उनके द्वारा फेसबुक के माध्यम से भानुमति नाम की यूपी के एक गांव की महिला को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिये नॉमिनेट किया गया था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में सम्मानित किया था।

इसके अलावा चित्रा को उनकी स्‍टोरी ‘हिन्‍दुस्‍तान का मिशन जय हिन्‍द’ के लिए भारतीय सेना की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। ‘इंडिया न्‍यूज’ से पहले ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) में न्‍यूज एंकर/प्रड्यूसर के पद पर कार्यरत थीं। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से रहने वाली चित्रा त्रिपाठी को मीडिया में काम करने का करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। उन्होंने अपना करियर गोरखपुर दूरदर्शन से शुरू किया था। इसके बाद वह विभिन्‍न चैनल जैसे ‘ETV’ उत्‍तर प्रदेश एवं उत्‍तराखंड और ‘न्यूज 24’ में भी काम कर चुकी हैं। चित्रा ने गोरखपुर विश्‍वविद्यालय से ‘डिफेंस स्‍टडीज’ में स्नातकोत्तर किया है और इसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। एनसीसी सी सर्टिफिकेट प्राप्‍त चित्रा को वर्ष 2001 में रिपब्लिक डे गॉर्ड ऑफ ऑनर में कमांड करने के लिये गोल्ड मेडल मिल चुका है और उन्हें इसी उपलब्धि के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी उनके आवास जाकर मिलने का मौका मिला था।

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चित्रा त्रिपाठी ने एक बार फिर से अपने करियर का लिया बड़ा फैसला

जानी-मानी टीवी पत्रकार व एंकर चित्रा त्रिपाठी ने एक बार फिर से अपने करियर में बड़ा फैसला लिया है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, चित्रा त्रिपाठी ने 'आजतक' से इस्तीफा दे दिया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
Chitra Tripathi

जानी-मानी टीवी पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी ने एक बार फिर से अपने करियर में बड़ा फैसला लिया है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, चित्रा त्रिपाठी ने 'आजतक' से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस बारे में ‘समाचार4मीडिया’ ने ‘आजतक’ के प्रबंधन और चित्रा त्रिपाठी से संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक फिलहाल वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

आपको बता दें कि चित्रा त्रिपाठी की ‘आजतक’ में यह दूसरी पारी थी। पहली पारी करीब पौने चार साल तक निभाने के बाद चित्रा ने 2022 में 'आजतक' से इस्तीफा देकर ‘एबीपी न्यूज’ जॉइन कर लिया था। लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने दोबारा से ‘आजतक’ बतौर सीनियर एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) जॉइन कर लिया था, तब से वह इसी पद पर कार्यरत थीं। अपनी पहली पारी में वह ‘आजतक’ में एडिटर व सीनियर एंकर अपनी जिम्मेदारी संभाल रही थीं। 

चित्रा त्रिपाठी का पत्रकारिता सफर बहुत ही प्रतिष्ठित और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अपनी बेहतरीन पॉलिटिकल एंकरिंग और चुनाव के दौरान फील्ड रिपोर्टिंग के लिए एक अलग पहचान बनाई है। चित्रा ‘आजतक’ पर शाम पांच बजे का डिबेट शो ‘दंगल’ कर रही थीं। इसके अलावा चित्रा शाम सात बजे न्यूज बुलेटिन ‘शंखनाद’ में नजर आती थीं।

‘आजतक’ से पहले भी चित्रा त्रिपाठी ‘एबीपी न्यूज’ से जुड़ी हुई थीं। वह ‘एबीपी न्यूज’ में ‘2019 कौन जीतेगा’ शो करती थीं, साथ ही उनके पास 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' जैसा बड़ा वीकली प्रोग्राम भी था। ‘एबीपी’ में उन्हें सियाचिन में की गई रिपोर्टिंग के लिए बेस्ट रिपोर्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है, जबकि #कौनबनेगामुख्यमंत्री, #मोदीकेचारसाल और #बिहारकानेता कैसा हो, जैसे फ्लैगशिप शो जो लोगों के बीच जाकर किए गए, के जरिये उन्हें बड़ी पहचान मिली और एबीपी प्रबंधन ने उन्हें सम्मानित किया।

चित्रा त्रिपाठी इंडस्ट्री में अपनी पॉलिटिकल एंकरिंग/रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती हैं। चुनाव के दौरान उनका फील्ड में उतरना उनकी यूएसपी (USP) मानी जाती है। कई-कई घंटों तक नॉनस्टॉप काम करके चित्रा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। ।

यूपी के एक गांव में आधी रात को की गई उनकी एक बड़ी स्टोरी, जिसमें बीजेपी विधायक के घर बिजली और पूरे गांव में अंधेरे पर रिपोर्टिंग थी, जिसके बाद यूपी सरकार के बिजली मंत्री ने तीन दिन के अंदर गांव में खंभे लगवाए और आजादी के बाद वहां पहली बार लोगों के घरों में बिजली आई। सपा सरकार के बिजली मंत्री के गांव में भी उन्होंने बिजली पर रात के अंधेरे में रिपोर्टिंग की तो पता चला मंत्रीजी ने अपने धर्म के लोगों के घरों में बिजली पहुंचाई और दूसरे घरों में अंधेरा-कार्यक्रम का नाम था हिंदुओं के घर में अंधेरा। जहां बाद में बिजली पहुंची। फेसबुक के माध्यम से अयोध्या की एक बूढ़ी अम्मा के साथ भोजपुरी में की गई राम मंदिर पर उनकी बातचीत को तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा था।

‘एबीपी न्यूज’ के पहले चित्रा ‘इंडिया न्‍यूज’ चैनल में एसोसिएट एडिटर/प्राइम टाइम न्‍यूज एंकर थीं। चित्रा ने खास उपलब्धि हासिल करने वाली भारतीय युवा महिलाओं पर आधारित शो ‘बेटियां’ का भी सफलतापूर्वक संचालन किया था। उनका ये शो चैनल के फ्लैगशिप शो में गिना जाता था, जिसके 65 एपिसोड्स प्रसारित हुये थे और उनके द्वारा फेसबुक के माध्यम से भानुमति नाम की यूपी के एक गांव की महिला को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिये नॉमिनेट किया गया था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में सम्मानित किया था।

इसके अलावा चित्रा को उनकी स्‍टोरी ‘हिन्‍दुस्‍तान का मिशन जय हिन्‍द’ के लिए भारतीय सेना की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। ‘इंडिया न्‍यूज’ से पहले ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) में न्‍यूज एंकर/प्रड्यूसर के पद पर कार्यरत थीं। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से रहने वाली चित्रा त्रिपाठी को मीडिया में काम करने का करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। उन्होंने अपना करियर गोरखपुर दूरदर्शन से शुरू किया था। इसके बाद वह विभिन्‍न चैनल जैसे ‘ETV’ उत्‍तर प्रदेश एवं उत्‍तराखंड और ‘न्यूज 24’ में भी काम कर चुकी हैं। चित्रा ने गोरखपुर विश्‍वविद्यालय से ‘डिफेंस स्‍टडीज’ में स्नातकोत्तर किया है और इसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। एनसीसी सी सर्टिफिकेट प्राप्‍त चित्रा को वर्ष 2001 में रिपब्लिक डे गॉर्ड ऑफ ऑनर में कमांड करने के लिये गोल्ड मेडल मिल चुका है और उन्हें इसी उपलब्धि के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी उनके आवास जाकर मिलने का मौका मिला था। चित्रा त्रिपाठी को कश्मीर में आई बाढ़ पर रिपोर्टिंग के लिए प्रतिष्ठित ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड भी मिल चुका है।

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OTT पर लाइव टीवी चैनलों के प्रसारण से DPOs चिंतित, MIB से करेंगे हस्तक्षेप की मांग

डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स जल्द ही सूचना-प्रसारण मंत्रालय से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं, ताकि OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव टीवी चैनलों के प्रसारण को रोकने के लिए एक एडवाइजरी जारी की जा सके।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
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अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।

डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) जल्द ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं, ताकि OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव टीवी चैनलों के प्रसारण को रोकने के लिए एक एडवाइजरी जारी की जा सके। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस अनुरोध का मसौदा लगभग तैयार है और जल्द ही इसे मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।

OTT पर लाइव टीवी: केबल और DTH के लिए खतरा 

एक सीनियर इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा, "OTT प्लेटफॉर्म्स पर टीवी चैनलों के प्रसारण से केबल और DTH इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ रहा है।"

इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, OTT सेवाओं से मिल रही चुनौती के कारण पारंपरिक केबल और DTH सेवाओं का अस्तित्व खतरे में है, जोकि चिंता का विषय है।

घट रहे हैं DTH सब्सक्राइबर्स

2021 से DTH सर्विस प्रदान करने वाली चार प्रमुख कंपनियों के सब्सक्राइबर्स की संख्या में 7.6 मिलियन की गिरावट आई है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की भारतीय टेलीकॉम सेवाओं की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट 2023-2024 के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक DTH प्रदाताओं के एक्टिव पे सब्सक्राइबर्स की संख्या 61.97 मिलियन थी, जबकि 2021 में यह संख्या 69.57 मिलियन थी। यह गिरावट लगातार जारी है, जो पारंपरिक DTH इंडस्ट्री के लिए चिंता का विषय है।

यह गिरावट पिछले कुछ वर्षों में लगातार बनी हुई है। मार्च 2021 में सब्सक्राइबर्स बेस 69.57 मिलियन था, जो मार्च 2022 तक घटकर 66.92 मिलियन हो गया और मार्च 2023 तक और गिरकर 65.25 मिलियन हो गया। 31 मार्च, 2024 तक, एक्टिव सब्सक्राइबर्स की संख्या 61.97 मिलियन थी। हालांकि इन आंकड़ों से पता चलता है कि डीटीएच सेक्टर में गिरावट का जारी है।  

DTH मार्केट में हिस्सेदारी 

31 मार्च 2024 तक, टाटा प्ले लिमिटेड ने कुल एक्टिव DTH सब्सक्राइबर्स में 32.53% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी हिस्सेदारी प्राप्त की है। इसके बाद भारती टेलीमीडिया लिमिटेड 28.45% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। डिश टीवी इंडिया की हिस्सेदारी 20.46% और सन डायरेक्ट की 18.57% है।

MSOs इंडस्ट्री की स्थिति

31 मार्च 2024 तक, देश में 880 मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स (MSOs) सूचना-प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत हैं। इनमें से 11 MSOs और 1 हेडेंड-इन-द-स्काई (HITS) ऑपरेटर के पास एक मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। GTPL हैथवे 9.11 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ सबसे आगे है, जबकि सिटी नेटवर्क्स लिमिटेड और हैथवे डिजिटल लिमिटेड के क्रमश: 5.30 मिलियन और 5.29 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और वे क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। थमिग्ज़ा केबल टीवी कम्युनिकेशन लिमिटेड के 3.81 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और केरल कम्युनिकेटर्स केबल लिमिटेड के 3.50 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं।

OTT का बढ़ता प्रभाव

डिजिटलाइजेशन ने पारंपरिक पे टीवी इंडस्ट्री के लिए पहले से ही बड़ी चुनौती पेश की थी और अब OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव चैनल्स के प्रसारण ने स्थिति और गंभीर कर दी है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद विविध और अनगिनत कंटेंट और ऑन-डिमांड वीडियो देखने की सुविधा ने दर्शकों की टीवी देखने की आदतों को बदल दिया है। खासकर हाल के दिनों में OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव चैनलों की उपलब्धता ने इस बदलाव को और तेज कर दिया है। इस वजह से केबल ऑपरेटर्स को अपने सब्सक्राइबर्स बनाए रखने और बदलते माहौल में अपनी प्रासंगिकता बचाए रखने को लेकर गंभीर चिंता हो रही है।

एक अध्ययन के अनुसार, 84% घरों में एक से अधिक लोग कनेक्टेड टीवी (CTV) पर अलग-अलग कंटेंट देख रहे हैं। जैसे पहले टीवी पर लोग चैनल बदलते थे, अब वे OTT, गेमिंग और अन्य चैनलों के बीच स्विच करते हैं। इससे OTT सेवाओं ने भी अपने ऑफर्स का विस्तार किया है।

केबल इंडस्ट्री को अब अपनी लंबी अवधि की स्थिरता को लेकर गहरे संदेह हो रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव ने दर्शकों को अधिक विकल्प दिए हैं और उन्हें कहीं भी, कभी भी अपने पसंदीदा कार्यक्रम देखने की सुविधा प्रदान की है। इस स्थिति में केबल ऑपरेटर्स खुद को एक ऐसे मोड़ पर खड़ा पा रहे हैं, जहां उन्हें तेजी से बदलते इस परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाना होगा, जो उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।

एक अन्य एक्सपर्ट ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "स्ट्रीमिंग की ओर बदलाव से सब्सक्राइबर्स के पारंपरिक सेवाओं से दूर होने की संभावना है, जिससे उनके सब्सक्राइबर्स बेस में और कमी आएगी। यह चिंता बताती है कि तत्काल ही कोई आवश्यक कदम उठाया  जाए, क्योंकि इससे इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हो सकता है।" उन्होंने कहा, "MIB को प्रस्तुत किया जाने वाला मसौदा इन चिंताओं को रेखांकित करता है।"

वैसे सिर्फ डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) ही नहीं, बल्कि बड़े नेटवर्क्स भी OTT प्लेटफॉर्म्स पर अपनी उपस्थिति से प्रभावित हो रहे हैं। विडंबना यह है कि इन नेटवर्क्स की यू-ट्यूब (YouTube) चैनलों से होने वाली कमाई उनकी पेड टीवी सेवाओं के सब्सक्राइबर्स को कम कर रही है, क्योंकि दर्शक अब कनेक्टेड टीवी पर रिकॉर्ड किया हुआ या पहले से प्रसारित कंटेंट देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

हालांकि, ब्रॉडकास्टर्स इस विचार से सहमत नहीं हैं और उनका मानना है कि यह सही नहीं है।

ब्रॉडकास्टर्स का पक्ष 

ब्रॉडकास्टर्स इस बात से असहमत हैं कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव चैनल्स दिखाए जा रहे हैं। एक ब्रॉडकास्टर ने बताया, "OTT पर लाइव चैनल्स नहीं दिखाए जा रहे हैं। वहां चयनित कंटेंट दिखाया जा रहा है, जिसके कॉपीराइट ब्रॉडकास्टर के पास हैं। जिसके पास कॉपीराइट है, वह उसे किसी भी प्लेटफॉर्म पर दिखा सकता है और इसे कोई रोक नहीं सकता।"

उन्होंने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब केबल ऑपरेटर्स ने यह मुद्दा उठाया है। लेकिन चूंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय अंतर्निहित अधिकारों को समझता है, इसलिए ब्रॉडकास्टर्स को अपने कंटेंट का उपयोग करने से रोक नहीं सकते।''

 

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वरिष्ठ TV पत्रकार शिवम गुप्ता की ‘एबीपी न्यूज’ में वापसी, निभाएंगे यह भूमिका

इस नई जिम्मेदारी को संभालने से पहले शिवम गुप्ता ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 08 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 08 October, 2024
Shivam Gupta

वरिष्ठ टीवी पत्रकार शिवम गुप्ता देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) में एक बार फिर शामिल हो गए हैं। उन्होंने यहां पर ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में इनपुट एडिटर के तौर पर जॉइन किया है।

इस नई जिम्मेदारी को संभालने से पहले शिवम गुप्ता ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था। वह यहां पर करीब दो साल से हेड (Content Carousel) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। पूर्व में वह करीब एक साल तक ‘जी न्यूज’ (Zee News) में असाइनमेंट हेड भी रहे हैं।

बता दें कि इनपुट के माहिर खिलाड़ी शिवम गुप्ता की ‘एबीपी न्यूज’ के साथ यह दूसरी पारी है। पूर्व में करीब 16 साल तक वह इस न्यूज चैनल में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यही नहीं, पूर्व में वह करीब ढाई साल तक ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) की टीम का हिस्सा भी रहे हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से शिवम गुप्ता को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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केरल हाई कोर्ट ने ब्रॉडकास्टर्स की इस याचिका को किया खारिज, TRAI के नियमों को माना सही

केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नए नियमों को चुनौती देने वाली ब्रॉडकास्टर्स की याचिका को खारिज कर दिया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 08 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 08 October, 2024
TV Channels

केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नए नियमों को चुनौती देने वाली ब्रॉडकास्टर्स की याचिका को खारिज कर दिया। इस नियम के तहत, जो चैनल डीडी फ्रीडिश (DD Free Dish) पर बिना सब्सक्रिप्शन शुल्क के उपलब्ध हैं, उन्हें ब्रॉडकास्टर्स DPO के लिए पेड चैनल घोषित नहीं कर सकते।

सूत्रों के अनुसार, हाई कोर्ट ने याचिका को याचिका को 'अस्वीकार्य' मानते हुए खारिज कर दिया है और कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) उपयुक्त मंच है। हालांकि विस्तृत आदेश अभी आना बाकी है। 

यह याचिका इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF), वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Viacom18 Media Pvt Ltd) और स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Star India Pvt Ltd) ने केरल हाई कोर्ट में दायर की थी, जोकि TRAI द्वारा जुलाई में जारी एक अधिसूचना के खिलाफ थी, जिसमें ब्रॉडकास्टरों को फ्री-टू-एयर (FTA) चैनलों को पे-चैनलों के साथ बंडल करने (यानि एक साथ पैकेज के रूप में पेश करने) से रोका गया है। याचिकाकर्ताओं ने इस नियम को चुनौती दी है, क्योंकि यह उनके चैनल बंडलिंग और प्रसारण के अधिकारों को सीमित करता है।

याचिकाकर्ताओं ने TRAI के 2024 टैरिफ ऑर्डर के उस प्रावधान को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया है कि जो चैनल प्रसार भारती के डीडी फ्रीडिश प्लेटफॉर्म पर बिना सब्सक्रिप्शन शुल्क के उपलब्ध है, उसे ब्रॉडकास्टर्स द्वारा पेड चैनल के रूप में घोषित नहीं किया जा सकता।"

इसके साथ ही, याचिकाकर्ताओं ने उन प्रावधानों का भी विरोध किया, जो ब्रॉडकास्टर्स को FTA चैनलों को पेड चैनलों के साथ बंडल करने से रोकते हैं। उनका तर्क है कि इससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मक ऑफर्स प्रभावित होंगे और वे निजी DTH ऑपरेटर्स और MSOs को FTA चैनल्स के साथ पेड चैनल्स की बंडलिंग नहीं कर पाएंगे।

लंबे समय से चल रहा विवाद

केबल ऑपरेटर्स और ब्रॉडकास्टर्स के बीच कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन और कीमत निर्धारण को लेकर लंबे समय से टकराव चल रहा है। ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि उन्हें FTA चैनलों को पेड चैनलों के साथ बंडल करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए ताकि वे बेहतर प्रतिस्पर्धात्मक विकल्प पेश कर सकें। वहीं, केबल ऑपरेटर्स और नियामक निकाय बाजार में पारदर्शिता और उचित मूल्य निर्धारण पर जोर देते हैं।

क्या होगा आगे?

यह विवाद तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य की चुनौतियों को दर्शाता है, जहां उपभोक्ताओं की पसंद और तकनीक पारंपरिक ब्रॉडकास्टिंग मॉडल्स को बदल रही हैं। इस नियामकीय परिवर्तन का परिणाम भारत में कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन की भविष्य की रणनीतियों और व्यापारिक मॉडल्स पर गहरा प्रभाव डालेगा।

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TRP घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस रद्द, विशेष अदालत ने ED की जांच को किया खारिज

मुंबई की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर TRP घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया है।

Last Modified:
Monday, 07 October, 2024
TRP

मुंबई की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर TRP घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया है। यह मामला टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP) में हेराफेरी से जुड़ा था, जिसका आरोप कई टीवी चैनलों और न्यूज चैनलों पर लगाया गया था।

टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP), जो एक विशिष्ट समय स्लॉट के दौरान किसी कार्यक्रम के दर्शकों की संख्या को मापता है, किसी शो की लोकप्रियता का प्रमुख संकेतक हैं और विज्ञापन राजस्व को प्रभावित करता है।

यह घटनाक्रम मुंबई पुलिस द्वारा उस मामले को वापस लेने के बाद आया है जिसके कारण ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू हुई थी। 2020 में, मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने एक ऐसी योजना का पर्दाफाश किया है जिसमें कुछ टीवी चैनल विज्ञापन राजस्व बढ़ाने के लिए TRP में हेरफेर कर रहे थे, ताकि वे विज्ञापन से अधिक राजस्व कमा सकें। हालांकि, 2023 तक, मुंबई पुलिस ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को मामले को पूरी तरह से खत्म करने के अपने फैसले के बारे में सूचित कर दिया।

TRP घोटाले का खुलासा

मुंबई पुलिस के अनुसार, अक्टूबर 2020 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था जब यह पता चला कि कुछ चैनल TRP में हेरफेर करने के लिए लोगों को पैसे दे रहे थे। पुलिस ने आरोप लगाया था कि मुंबई के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले कुछ परिवारों को 400 से 500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे थे ताकि वे विशेष चैनलों को चालू रखें। 

इस जांच में पाया गया कि 'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) ने मुंबई में TRP की निगरानी के लिए 1,800 बैरोमीटर की स्थापना की थी, जिसे 'हंसा रिसर्च' नामक कंपनी ने आउटसोर्स किया था। हंसा रिसर्च ने ही बाद में कुछ पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने उन घरों के गोपनीय डेटा का दुरुपयोग किया जहां इन TRP बैरोमीटर लगाए थे।

 पुलिस जांच और आरोप

मुंबई पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति और कुछ अन्य आरोपी हंसा रिसर्च के कर्मचारी थे, जिन्होंने अपने फायदे के लिए गोपनीय डेटा का दुरुपयोग किया। यह भी पाया गया कि इन व्यक्तियों ने कुछ टीवी चैनलों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए बैरोमीटर उपयोगकर्ताओं को पैसे देकर उन्हें एक विशेष चैनल देखने के लिए प्रलोभित किया था, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न विज्ञापनदाताओं और उनकी एजेंसियों को नुकसान हुआ। पुलिस ने कहा कि कई घरों के लोग इस बात को मान चुके थे कि उन्हें टीवी सेट चालू रखने के लिए पैसे दिए गए थे, भले ही वे वास्तव में उस चैनल को नहीं देख रहे थे।

हंसा रिसर्च के सीईओ प्रवीण निझारा ने कहा, "हंसा रिसर्च और BARC ने पिछले कुछ हफ्तों में इस मामले की जांच की थी, जिसके निष्कर्ष के अनुसार हंसा रिसर्च ने एक पूर्व कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जो कुछ गलत कामों में लिप्त था। हंसा रिसर्च हमेशा इन मुद्दों को लेकर सतर्क रहा है और जब भी ऐसे मामले हमारे संज्ञान में आए हैं, तो BARC और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित करने में सक्रिय रहा है। हम BARC और अधिकारियों के साथ सहयोग करते रहेंगे।"

मुंबई पुलिस प्रमुख की प्रेस वार्ता के तुरंत बाद 'रिपब्लिक टीवी' ने भी एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था:

'रिपब्लिक टीवी' का बयान  

इस मामले में 'रिपब्लिक टीवी' का नाम सामने आने के बाद चैनल के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर पलटवार करते हुए कहा था कि चैनल पर लगाए गए आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा था, “मुंबई पुलिस कमिश्नर पीबी सिंह ने रिपब्लिक टीवी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं क्योंकि हमने सुशांत सिंह राजपूत की जांच में उनसे पूछताछ की है। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर पीबी सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेगा; BARC की एक भी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का जिक्र नहीं है। भारत के लोग सच्चाई जानते हैं। सुशांत सिंह राजपूत मामले में श्री पीबी सिंह की जांच सवालों के घेरे में है और पालघर, सुशांत सिंह राजपूत मामले या किसी अन्य मामले पर रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टिंग के कारण यह एक हताशा भरा कदम है। इस तरह का निशाना रिपब्लिक टीवी में सभी के सत्य को और भी मजबूती से सामने लाने के संकल्प को मजबूत करता है। पीबी सिंह आज पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं क्योंकि BARC ने किसी भी शिकायत में रिपब्लिक का जिक्र नहीं किया है। उन्हें आधिकारिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए और अदालत में हमारा सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”

BARC और TRP रेटिंग्स का निलंबन

'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) ने अक्टूबर 2020 में TRP घोटाले के बाद न्यूज चैनलों की रेटिंग्स को 18 महीनों के लिए निलंबित कर दिया था। इस दौरान किसी भी न्यूज़ चैनल की TRP रेटिंग नहीं दी गई। यह निलंबन तब तक जारी रहा जब तक कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद मार्च 2022 में BARC ने रेटिंग्स फिर से शुरू नहीं की।

यह TRP घोटाला एक महत्वपूर्ण मामला था जिसने टीवी चैनलों के विज्ञापन और रेटिंग्स को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच अब समाप्त हो चुकी है, लेकिन TRP सिस्टम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर बहस अभी भी जारी है।

 

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नीरज सिंह ने 'BW बिजनेसवर्ल्ड' को कहा अलविदा, अब इस चैनल संग शुरू की नई पारी

देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के हिंदी डिजिटल प्लेटफॉर्म को लीड कर रहे नीरज सिंह ने यहां से इस्तीफा दे दिया है

Last Modified:
Friday, 04 October, 2024
NirajSingh454

देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के हिंदी डिजिटल प्लेटफॉर्म को लीड कर रहे नीरज सिंह ने यहां से इस्तीफा दे दिया है और अब वह 'एबीपी न्यूज' से अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वह चैनल के आउटडेस्क पर एक बड़ी भूमिका निभाते नजर आएंगे।

'बिजनेसवर्ल्ड' से पहले वह हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली लाइव’ में आउटपुट हेड के तौर पर कार्यरत थे।

नीरज सिंह के करियर की बात करें तो वह ‘इंडिया डेली लाइव’ से पूर्व 'आजतक' में एडिटर की भूमिका रहे थे। ‘आजतक’ से पहले नीरज सिंह ‘जी हिन्दुस्तान’ के आउटपुट हेड की जिम्मेदारी निभा रहे थे। यहां पर टीवी के साथ ‘जी हिन्दुस्तान’ के डिजिटल और सोशल का प्रभार भी नीरज सिंह के पास ही था, जहां उन्होंने कई सफल प्रयोग किए, जिसके चलते कई बार लाइव व्युअरशिप में ‘जी हिन्दुस्तान’ दूसरे चैनलों से आगे रहा।

‘जी हिन्दुस्तान’ से पहले नीरज सिंह ‘रिपब्लिक भारत’ के साथ बतौर सीनियर एसोसिएसट एडिटर जुड़े हुए थे। यहां पर नीरज सिंह अरनब गोस्वामी के लोकप्रिय शो ‘पूछता है भारत’ को चैनल लॉन्चिंग के दिन से ही प्रड्यूस कर रहे थे। शो के टॉपिक, रिसर्च और आइडिया की पूरी जिम्मेदारी नीरज ही संभालते थे। साथ ही ‘रिपब्लिक भारत’ डिजिटल का भी नेतृत्व करते थे।

‘रिपब्लिक भारत’ से पहले 5 साल तक नीरज सिंह ‘जी न्यूज’ के साथ अलग-अलग भूमिकाओं में जुड़े रहे। ‘जी न्यूज’ से पहले नीरज सिंह कई वर्षों तक अखबारों और डिजिटल मीडिया से जुड़े रहे।

नीरज सिंह की गिनती उन चुनिंदा पत्रकारों में की जाती है, जिन्हें टीवी, प्रिंट और डिजिटल तीनों ही माध्यमों में काम करने करने का अनुभव है।

नीरज सिंह की पढ़ाई-लिखाई प्रयागराज विश्वविद्यालय से हुई है। यहीं से नीरज सिंह हिंदी साहित्य में नेट क्वालीफाइ और पीएचडी हैं।

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इस पद पर अब ‘NDTV’ की टीम में शामिल हुए वरिष्ठ TV पत्रकार पंकज झा

पंकज झा इससे पहले करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) नेटवर्क के साथ जुड़े हुए थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 03 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 03 October, 2024
Pankaj Jha

वरिष्ठ टीवी पत्रकार पंकज झा ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह के साथ मीडिया में अपनी नई पारी शुरू कर दी है। उन्होंने ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन कर लिया है। इस बारे में पंकज झा ने अपने ‘एक्स’ (X) हैंडल पर भी जानकारी शेयर की है।

पंकज झा इससे पहले करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) के साथ जुड़े हुए थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था। वह इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में बतौर रोविंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले पंकज झा करीब दो दशक से ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ जुड़े हुए थे। मूल रूप से मधुबनी (बिहार) के रहने वाले पंकज झा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है।

‘एबीपी न्यूज’ से पहले वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो पंकज झा ने ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से पंकज झा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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नूपुर श्रीवास्तव ने Viacom18 को छोड़ अब यहां से शुरू किया नया सफर

'वायकॉम18' (Viacom18) में रेवेन्यू हेड के तौर पर काम करने के बाद नूपुर श्रीवास्तव ने यहां से 16 साल बाद विदाई ले ली है। वह अब 'सोनी लिव' (SonyLIV) के साथ जुड़ गई हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 03 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 03 October, 2024
NupurSrivastava78451

'वायकॉम18' (Viacom18) में रेवेन्यू हेड के तौर पर काम करने के बाद नूपुर श्रीवास्तव ने यहां से 16 साल बाद विदाई ले ली है। वह अब 'सोनी लिव' (SonyLIV) के साथ जुड़ गई हैं। 'एक्सचेंज4मीडिया' को सूत्रों से इस बात की जानकारी मिली है। 

नूपुर श्रीवास्तव के पास मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कई प्लेटफॉर्म्स जैसे ब्रॉडकास्ट, डिजिटल, प्रिंट, रेडियो और नए जमाने के मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर काम करने का गहरा अनुभव है। उन्होंने Viacom18 में रहते हुए विभिन्न लोकप्रिय ब्रैंड्स जैसे MTV, Vh1, Comedy Central, Colors Infinity, Nickelodeon India और Nick Jr. के जरिए अलग-अलग श्रोताओं को टारगेट किया।

नूपुर श्रीवास्तव ने 2008 से 2019 तक Viacom18 में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और किड्स एंटरटेनमेंट की रेवेन्यू हेड के रूप में काम किया। अगस्त 2019 में उन्हें यूथ, म्यूजिक, इंग्लिश और किड्स के एंटरटेनमेंट के लिए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और रेवेन्यू हेड के पद पर प्रमोट किया गया, जहां उन्होंने कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ में अहम भूमिका निभाई।

Viacom18 से पहले नूपुर श्रीवास्तव ने सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क में डिप्टी सेल्स मैनेजर (ग्रुप हेड) के रूप में अक्टूबर 2005 से फरवरी 2008 तक काम किया। इससे पहले उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स, स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में सेल्स सीनियर एग्जिक्यूटिव, रेडियो सिटी, मिड-डे मल्टीमीडिया लिमिटेड और कॉर्न प्रोडक्ट्स कंपनी जैसी जगहों पर भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।

SonyLIV में नूपुर श्रीवास्तव के जुड़ने से कंपनी को उनके व्यापक अनुभव और शानदार रिकॉर्ड का लाभ मिलेगा। उनकी विशेषज्ञता SonyLIV को स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में अपने कंटेंट को और विस्तार देने और प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में मदद करेगी।

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अब इस न्यूज चैनल के मुंबई ब्यूरो की कमान संभालेंगे वरिष्ठ पत्रकार विकास श्रीवास्तव

विकास श्रीवास्तव इससे पहले ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) में मुंबई के ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 03 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 03 October, 2024
Vikas Shrivastav

वरिष्ठ टीवी पत्रकार विकास श्रीवास्तव के बारे में खबर है कि उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल ‘लाइव टाइम्स’ (Live Times) जॉइन कर लिया है। वह मुंबई में ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभालेंगे।

विकास श्रीवास्तव इससे पहले ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) में मुंबई के ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि, इस समूह के साथ उनका सफर संक्षिप्त रहा। उन्होंने इसी साल मार्च में यहां जॉइन किया था और कुछ समय पहले यहां से इस्तीफा दे दिया है।

यहां अपनी पारी के दौरान उन्होंने ‘इंडिया न्यूज़’ और इसी ग्रुप के अंग्रेजी चैनल ‘न्यूजएक्स’ के लिए कई बड़े नेताओं के इंटरव्यू किए, जिनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल के अलावा प्रफुल्ल पटेल, डॉ श्रीकांत शिंदे और नवनीत राणा जैसे नाम शामिल हैं।

 नवंबर 2002 में ‘आजतक’ (AajTak) के साथ अपने टीवी करियर की शुरुआत करने वाले विकास श्रीवास्तव के पास करीब 22 वर्षों का अनुभव है। इस दौरान वह ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया),  ‘मुंबई मिरर’, ‘ टीवी9’ और ‘न्यूज नेशन’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के लिए काम कर चुके हैं।

‘न्यूज नेशन’ में भी वह एडिटर के तौर पर मुंबई ब्यूरो की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। लेकिन निजी कारणों से उन्होंने अगस्त 2022 में ‘न्यूज नेशन’ से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने कुछ स्टार्ट अप्स के लिए भी काम किया, लेकिन फिर उन्होंने ‘इंडिया न्यूज’ के जरिये मेनस्ट्रीम मीडिया में वापसी की और अब यहां से होते हुए ‘लाइव टाइम्स’ पहुंचे हैं।  

बता दें कि विकास श्रीवास्तव अपनी रिपोर्टिंग की अलग शैली, भाषा पर पकड़ और अपनी ग्राउंड रिपोर्ट्स के लिए जाने जाते हैं। समाचार4मीडिया की ओर से विकास श्रीवास्तव को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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वरिष्ठ टीवी पत्रकार शिवम गुप्ता ने ‘Zee News’ में अपनी पारी को दिया विराम

वह यहां पर करीब दो साल से हेड (Content Carousel) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इससे पहले वह करीब एक साल तक ‘जी न्यूज’ (Zee News) में असाइनमेंट हेड भी रहे थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 03 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 03 October, 2024
Shivam Gupta

वरिष्ठ पत्रकार शिवम गुप्ता ने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह यहां पर करीब दो साल से हेड (Content Carousel) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इससे पहले वह करीब एक साल तक ‘जी न्यूज’ (Zee News) में असाइनमेंट हेड भी रहे थे।

विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर की मानें तो वह अब ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। हालांकि, अभी इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

बता दें कि शिवम गुप्ता पूर्व में करीब 16 साल तक ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यही नहीं, पूर्व में वह करीब ढाई साल तक ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) की टीम का हिस्सा भी रहे हैं।

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