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न्यूज की रेटिंग जारी करने के लिए BARC ने MIB से मांगा समय, उठे सवाल
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने जब से देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था ब्रॉडकास्टर्स ऑडियंस रिसर्च काउंसिल से तत्काल प्रभाव से न्यूज व्युअरशिप डेटा जारी करने के लिए कहा है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने जब से देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था ब्रॉडकास्टर्स ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) से तत्काल प्रभाव से न्यूज व्युअरशिप डेटा जारी करने के लिए कहा है, तब से अब तक हर दिन नए तथ्य सामने आ रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, BARC ने अक्टूबर 2020 से बंद पड़े न्यूज चैनल्स के दर्शकों की संख्या के आंकड़े जारी करने से पहले सूचना-प्रसारण मंत्रालय से 10 सप्ताह का समय मांगा है।
इस खबर ने प्रसारण क्षेत्र में सभी को हैरान कर दिया है कि BARC इंडिया को 10 सप्ताह के समय की आवश्यकता क्यों पड़ी है? जब वह पहले से ही न्यूज डेटा एकत्रित कर रहा है और न्यूज व आला चैनलों के लिए चार सप्ताह के औसत रोलिंग डेटा की रिपोर्टिंग की संशोधित प्रणाली के अनुसार इसका परीक्षण कर रहा है।
एक अनुभवी मीडिया व ऐडवर्टाइजिंग एग्जिक्यूटिव (जो मीडिया मेटरमेंट डोमेने विशेषज्ञ हैं) के मुताबिक, वैसे तो काउंसिल दो सप्ताह में ही न्यूज चैनल्स के आंकड़े जारी कर सकती है, लेकिन ऐसा करने से पहले इसे कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। सबसे पहले, BARC इंडिया को संशोधित प्रारूप के बारे में सभी न्यूज व आला चैनलों से संवाद करना होगा और पुराने डेटा के उपचार पर उनकी सहमति लेनी होगी। एक बार जब इसे सहमति मिल जाती है, तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी चैनल नई प्रणाली से जुड़े गए हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एग्जिक्यूटिव ने कहा, ‘उन्हें सभी ब्रॉडकास्टर्स को लिखना होगा और कई प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। यह ब्रॉडकास्टर्स और स्टेकहोल्डर्स को संरेखित (aligning) करने को लेकर को होगा। वास्तविक रेटिंग दो सप्ताह में जारी की जा सकती है, क्योंकि वे पहले से ही रोलिंग एवरेज पर काम कर रहे थे। लिहाजा रोलिंग एवरेज डेटा का परिक्षण पहले ही किया जा चुका है। BARC को अब अलग-अलग ब्रॉडकास्टर्स से सहमति लेनी होगी कि क्या पुराने डेटा को दबाया जाए या नहीं और वे अपने चैनलों के लिए वास्तव में क्या चाहते हैं। इसके बाद वे एक साल में कौन-कौन से 15 कार्यक्रमों के बारे जानकारी चाहते हैं, ताकि उन्हें लगभग 15 कार्यक्रमों के लिए अनरोल डेटा मिल सके।
एग्जिक्यूटिव ने आगे कहा कि यह मुद्दा प्रक्रियात्मक (procedural) यानी एक प्रक्रिया के तहत चलने वाला और तकनीकी (technical) दोनों से जुड़ा हैं। लिहाजा उन्हें सभी की सहमति लेनी होगी और फिर यह देखना होगा कि हर कोई उस तंत्र का हिस्सा है। कुछ चैनल कहेंगे कि ये 15 कार्यक्रम हैं, कुछ कहेंगे कि मेरे अन्य 15 अनरोल डेटा को स्पष्ट किया जाए क्योंकि यह मैन्युअल रूप से नहीं किया जा सकता है। इसके बाद उन्हें न्यूज व अन्य आला चैनलों से पूछना पड़ेगा, जिसमें बहुत समय लगेगा क्योंकि 300-400 से अधिक चैनल हैं। एक बार जब उन्हें सभी की प्रतिक्रिया मिल जाएगी, तो वे उस डेटा को स्पष्ट कर देंगे और फिर एक ट्रायल रन करेंगे।
एक मीडिया प्रफेशनल, जो BARC इंडिया की प्रणालियों और प्रक्रियाओं से अवगत है, ने कहा कि BARC को यह समझाने की जरूरत है कि डेटा जारी करने के लिए उसे 10 सप्ताह की जरूरत क्यों है, खासकर तब, जब उसका यूजर इंटरफेस न्यूज व अन्य आला चैनलों के चार हफ्ते के रोलिंग एवरेज डेटा को जारी करने में सक्षम है।
एग्जिक्यूटिव ने कहा कि उनके पास डेटा है और यदि यूजर इंटरफेस चार सप्ताह का रोलिंग एवरेज डेटा प्रदान कर सकता है, तो BARC में किसी को यह बताना होगा कि आप 10 सप्ताह में क्या करना चाहते हैं और सिर्फ 10 सप्ताह ही क्यों? 15 सप्ताह या 6 महीने क्यों नहीं? BARC से यह सवाल भी पूछा जाए कि 'आप 10 सप्ताह में ऐसा क्या कर सकते हैं, जो आप अभी नहीं कर सकते?' उन्होंने कहा कि हमें उन पर विश्वास करना ही है, क्योंकि डेटा तो उनके पास है और उन्होंने कहा है यूजर इंटरफेस चार सप्ताह का रोलिंग एवरेज डेटा ही जारी कर सकता है जोकि न्यूज व अन्य चैनल के डेटा की रिपोर्टिंग के लिए नया प्रारूप है।
उन्होंने यह भी कहा कि डेटा जारी करने का तकनीकी पहलू सॉफ्टवेयर को अपडेट करने और यह सुनिश्चित करने तक सीमित है कि यह बिना किसी रुकावट के काम करे। उन्होंने कहा, ‘हर दिन जब सब्सक्राइबर्स अपने BARC के यूजर इंटरफेस पर जाते हैं, तो इसका सॉफ्टवेयर भी कभी-कभी किसी अन्य सॉफ्टवेयर की तरह अपडेट करने को कहता है। इसलिए सवाल नए सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने और टेस्ट करने को लेकर है कि क्या यह सही तरीके से काम कर रहा है? यदि सब्सक्राइबर्स जिस सिस्टम पर काम कर रहे हैं वह नया यूजर इंटरफेस को संभाल पा रहा है, तभी आगे जाना सही होगा।’
मीडिया प्रफेशनल ने कहा कि BARC को पूरे सिस्टम की अखंडता (integrity) की रक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘मीजरमेंट सिस्टम में एकमात्र यह होना चाहिए कि डेटा को सख्ती से सावधानीपूर्वक और अखंडता के साथ तैयार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि डेटा 10 सप्ताह के बाद जारी किया जाता है तो वित्तीय वर्ष और विधानसभा चुनाव दोनों ही समाप्त हो जाएंगे।
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