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अब दूरदर्शन-आकाशवाणी का होगा कायाकल्प, MIB की 2,539 करोड़ की योजना को मंजूरी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ‘द ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट’ (बीआईएनडी) योजना को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ‘द ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट’ (बीआईएनडी) योजना को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। दरअसल, सूचना-प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव के तहत प्रसार भारती के ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन (DD) के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया जाना है। इस योजना पर 2025-26 तक 2,539.61 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत दूरदर्शन और आकाशवाणी की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जाएगा, अधुनिक प्रसारण उपकरणों से लैस किया जाएगा और अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री तैयार की जाएगी। ठाकुर ने कहा कि वामपंथी चरमपंथ प्रभावित क्षेत्र (एलडब्ल्यूई), सीमावर्ती एवं सुदूर क्षेत्रों में एफएम ट्रांसमीटर की प्रणाली को उन्नत बनाया जाएगा।
इसके अलावा पुराने ट्रांसमीटर को बदला जाएगा और नए एफएम ट्रांसमीटर स्थापित किए जाएंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में, दूरदर्शन 28 क्षेत्रीय चैनलों सहित 36 टीवी चैनलों का संचालन करता है और ऑल इंडिया रेडियो 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों का संचालन करता है। यह योजना देश में एआईआर एफएम ट्रांसमीटरों के कवरेज को भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार 59 प्रतिशत से बढ़ाकर 66 प्रतिशत और आबादी के हिसाब से 68 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर देगी।
उन्होंने कहा कि इसके तहत दूरस्थ, जनजातीय, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच 8 लाख डीडी मुफ्त डीटीएच सेट टॉप बाक्स वितरित किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सार्वजनिक प्रसारण के दायरे को बढ़ाने के अलावा, ब्रॉडकास्टिंग उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना से संबंधित निर्माण और सेवाओं के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करने की भी संभावना है। टीवी/रेडियो प्रॉडक्शन, ट्रांसमिशन और संबद्ध मीडिया से जुड़ी सेवाओं समेत विभिन्न कंटेंट निर्माण के क्षेत्र में अनुभवी व्यक्तियों के लिए ऑल इंडिया रेडियो और डीडी के कंटेंट निर्माण व रचनात्मक कंटेंट के क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रोजगार की पर्याप्त संभावनाएं हैं। इसके अलावा, डीडी फ्री डिश की पहुंच के विस्तार की परियोजना से डीडी फ्री डिश डीटीएच बॉक्स के निर्माण में रोजगार के अवसरों का सृजन होने की भी उम्मीद है।
भारत सरकार दूरदर्शन और आकाशवाणी (प्रसार भारती) के बुनियादी ढांचे और सेवाओं के विकास, आधुनिकीकरण और मजबूती के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है, और यह एक सतत प्रक्रिया है।
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