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ऐडवर्टाइजर्स को लेकर 'कनेक्टेड टीवी' की उपयोगिता पर दिग्गजों ने कुछ यूं डाला प्रकाश
तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश में करीब 200 मिलियन घरों में टीवी है, जिनमें से करीब 15 मिलियन यूजर्स के घरों पर कनेक्टेड टीवी है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश में करीब 200 मिलियन घरों में टीवी है, जिनमें से करीब 15 मिलियन यूजर्स के घरों पर कनेक्टेड टीवी है। कनेक्टेड टीवी का मार्केट देश में सबसे तेजी से बढ़ते मार्केट्स में से एक है और इसकी बढ़ती मांग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। डाटा की बढ़ती पहुंच और ग्लोबल कंटेंट की उपलब्धता इंटरनेट आधारित इस तरह की डिवाइस की लोकप्रियता की वजह मानी जा सकती है।
‘ई4एम टीवी फर्स्ट’ (e4m TV First) के चौथे एडिशन के तहत गुरुवार को 'Connected TV: Challenges and Opportunities for Marketers' टॉपिक पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। वर्चुअल रूप से हुए इस पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता ‘हवास मीडिया ग्रुप इंडिया’ (Havas Media Group India) के सीईओ मोहित जोशी ने की। अन्य पैनलिस्ट में ‘आदित्य बिरला कैपिटल’ (Aditya Birla Capital) के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर अजय कक्कड़ और ‘वोल्टास लिमिटेड’ (Voltas Limited) के वाइस प्रेजिडेंट व मार्केटिंग हेड देबा घोषाल शामिल रहे।
पैनल डिस्कशन से पहले जोशी ने टॉपिक के मूल पर प्रकाश डाला और इतने वर्षों में भारत में टीवी की दुनिया में हुए विकास के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत में आज भी टेलिविजन का राज चलता है। इंडस्ट्री से जुड़ी तमाम रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2021 तक की बात करें तो जब भी विज्ञापन की बात आती है तो टीवी ही नंबर वन माध्यम दिखाई देता है। हालांकि डिजिटल भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में करीब 200 मिलियन घरों में टेलिविजन है और मेरा मानना है कि इनमें करीब 15 मिलियन कनेक्टेड टीवी हैं।’
उन्होंने कहा कि डेटा के बढ़ते इस्तेमाल और ग्लोबल कंटेंट की उपलब्धता के साथ एडवर्टाइजर्स डिजिटल एडवर्टाइजिंग के लाभ के साथ-साथ टेलिविजन की बढ़ी हुई पहुंच हासिल करना चाहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एडवर्टाइजर्स दोनों में बेहतर हासिल करना चाहते हैं।
घोषाल के अनुसार, वोल्टास जैसे ब्रैंड के लिए यह बहुत ही विशिष्ट सेगमेंट है, जोकि एक भारतीय खिलाड़ी है और अपनी कैटेगरी में अव्वल है। घोषाल ने कहा, ‘हम इसे बहुत गंभीरता से देख रहे हैं, क्योंकि हम एक सेगमेंट में आगे बढ़ रहे हैं। पिछले दो वर्षों में, हमने बहुत अधिक उतार-चढ़ाव देखा है और जैसा कि सभी विशेषज्ञों ने कहा है, हमें इस सेगमेंट में होना चाहिए।’
डिवाइस के नजरिए से और कंज्यूमर ड्यूरेबल बिजनेस में होने के नाते घोषाल ने अपने विचारों को आगे रखते हुए कहा, ‘भारत में एक बड़ी संख्या है, जो एनालॉग टीवी से डिजिटल टीवी और अब स्मार्ट टीवी के बदलाव की ओर बढ़ी है और यह हर साल बढ़ती जा रही है। इसे हर साल हर घर में जोड़ा जा रहा है। अब, भारत हर साल लगभग 12-13 मिलियन टीवी बेचता है, जिसका अर्थ है कि यह हर घर में पहुंच रहा है और इनमें से 85% स्मार्ट टीवी इस देश में बेचे जाते हैं। यदि ऐसा सालाना आधार पर किया जा रहा है, तो स्मार्ट टीवी के उपयोग का क्या हो रहा है? जरूरी है कि इसे भी बढ़ना चाहिए, लेकिन विभिन्न वजहों के चलते ऐसा नहीं हो रहा है और यह स्मार्ट टीवी के वास्तविक उपयोग में योगदान नहीं दे सकते हैं।
डिवाइस के नजरिए से घोषाल ने कहा कि वे सही रास्ते पर हैं। हर कोई स्मार्ट टीवी खरीदना चाहता है और उससे जुड़े रहना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘बहुत सारा कंटेंट तैयार किया जा रहा है और लोग उस कंटेंट का हिस्सा बनने की ख्वाहिश रखते हैं। कहीं न कहीं इसका उपयोग इतना अधिक नहीं है और स्मार्ट टीवी खरीदने और इसका उपयोग करने की पूरी प्रक्रिया को लेकर हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि यह समय के साथ हो।’
पैनल चर्चा के दौरान, जोशी ने पूछा कि चूंकि कनेक्टेड टीवी (सीटीवी) तकनीकी रूप से डिजिटल वीडियो और टेलीविजन दोनों के सर्वोत्तम पहलुओं को जोड़ती है, लिहाजा इसे देखते हुए भारत में ब्रैंड्स के लिए क्या अवसर हैं? इस पर कक्कड़ ने पिच मैडिसन की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि कनेक्टेड टीवी लगभग 40 ऑड मिलियन हैं और अगले तीन वर्षों यानी 2025 में चार गुना बढ़ने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक ऐडवर्टाइजर के लिए यह एक बड़ा मौका है। दूसरा तथ्य यह है कि मोबाइल-फर्स्ट कस्टमर्स के साथ ही अब हमारे पास बड़ी स्क्रीन भी वापस आ रही है। तीसरा यह है कि यह एक बड़ी स्क्रीन है, आप एक ही समय में कई यूजर्स को टार्गेट कर सकते हैं।’
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