होम / टीवी / भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया से जुड़े इस तरह के कंटेंट को हटाने का HC का आदेश
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया से जुड़े इस तरह के कंटेंट को हटाने का HC का आदेश
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्ण ने गूगल को निर्देश दिया कि इस मामले से जुड़े ऐसे वीडियो जो पब्लिक डोमेन में हैं उन्हें प्राइवेट कर दिया जाए।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 months ago
दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट्स को बीजेपी नेता गौरव भाटिया से नोएडा कोर्ट परिसर में कथित मारपीट से संबंधित पोस्ट को हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कुछ यूट्यूब चैनल्स को भी निर्देश दिया है कि वे मुकदमे के लंबित रहने तक कथित मानहानिकारक वीडियो को प्राइवेट कर दें।
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्ण ने गूगल को निर्देश दिया कि इस मामले से जुड़े ऐसे वीडियो जो पब्लिक डोमेन में हैं उन्हें प्राइवेट कर दिया जाए।
कोर्ट ने कहा कि भाटिया को पीटने वाले वीडियो और उसके साथ मारपीट करने के दावे डीप फेक हैं। इसमें अति-सनसनीखेज चित्रण के अलावा और कुछ तथ्य स्पष्ट रूप से झूठे हैं। हाई कोर्ट ने 8 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट के इस फैसले पर गौरव भाटिया ने 'एक्स' पर लिखा, ''यह जीत है कानून की और यह जीत है कानून में आस्था रखने वाले हर उस नागरिक की जो कानून के लिए प्रतिबद्ध है और समर्पित है। यह माननीय उच्च न्यायलय का महत्वपूर्ण फैसला है और एक मजबूत संदेश देता है। यह न्यायालय के द्वारा दिखाया गया आईना भी है उन लोगों के लिए जिन्होंने पत्रकारिता को हाशिए पर रख निम्न स्तर की पत्रकारिता करने का बीड़ा उठाया हुआ है। राजनीतिक दलों के इशारे पर अपने ईमान को बेच दिया एवं झूठी और गलत खबरों को चलाया। यह फैसला एक मजबूत मिसाल है मीडिया रिपोर्टिंग में सनसनीखेज तथा मसाला डालकर पत्रकारिता को निम्न स्तर एवं तोड़ मरोड़ कर दिशाहीन व तथ्यहीन खबरें प्रसारित करने के खिलाफ। खबरों की सटीकता एवं पत्रकारिता की गरिमा के महत्व को सुदृढ़ करते हुए अदालत के इस निर्णय के लिए मैं माननीय उच्च न्यायालय का आभारी हूं।''
यतो धर्मः ततो जयः
— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया ?? (Modi Ka Parivar) (@gauravbhatiabjp) April 16, 2024
गलत सूचना और फर्जी खबरें फैलाने वाले तथाकथित पत्रकारों
Vs
सत्य एवं कानून में निष्ठा के बीच की इस कानूनी लड़ाई में
यह जीत है कानून की और
यह जीत है कानून में आस्था रखने वाले हर उस नागरिक की जो कानून के लिए प्रतिबद्ध है और समर्पित है।
यह माननीय उच्च न्यायलय… pic.twitter.com/AHr7DIY5HC
कोर्ट ने 5 फरवरी को गौरव भाटिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी प्रतिवादी यूट्यूब चैनलों को नोटिस जारी किया था। गौरव भाटिया ने याचिका दायर कर कहा था कि इन यूट्यूब चैनलों ने अपनी खबर में कहा है कि नोएडा कोर्ट में उनकी पिटाई की गई थी। भाटिया की ओर से पेश वकील राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा ने कहा था कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले चुका है। इसके बावजूद झूठी खबरें चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा था कि इन यूट्यूब चैनलों की ओर से चलाई गई खबरों में गौरव भाटिया के साथ हुई घटना को सही ठहराया गया है। उन्होंने पत्रकार नवीन कुमार द्वारा संचालित आर्टिकल 19, द न्यूज लॉन्चर, बीबीआई न्यूज, कॉमेडियन राजीव निगम, संदीप सिंह, विजय यादव, नेटाफ्लिक्स और सुनीता जाधव के ट्विटर अकाउंट और पंकज त्रिपाठी, दाऊद नादाफ, डॉ. खतरा एंड वायरस बाबा इंडिया वाआ के पैरोडी अकाउंट को प्रतिवादी बनाया था।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज से इस मामले की रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने घटना की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का निर्देश दिया था। दरअसल, मार्च में गौरव भाटिया नोएडा कोर्ट गए थे। उस दिन कोर्ट में वकीलों की हड़ताल थी। घटना के दिन गौरव भाटिया और महिला वकील मुस्कान गुप्ता से कुछ वकीलों ने बदसलूकी की थी। इसी घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को अदालत में सीसीटीवी कैमरे न रखने पर नोटिस जारी किया था। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सीसीटीवी फुटेज नहीं दे सकते क्योंकि वह खराब हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा था कि वह इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे। कोई भी वकील किसी अन्य को अदालत छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।
बताते चलें कि गौरव भाटिया सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के करीबी और पूर्व महाधिवक्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद स्वर्गीय वीरेन्द्र भाटिया के बेटे हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील भी हैं। यूपी में अखिलेश सरकार के दौरान वह अपर महाधिवक्ता भी रह चुके हैं। सपा छोड़ने के बाद वह अप्रैल 2017 में बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद भाजपा ने उन्हें प्रवक्ता बना दिया था।
टैग्स दिल्ली हाई कोर्ट गौरव भाटिया