होम / टीवी / पत्रकार अतुल अग्रवाल के साथ लूट के दावे को पुलिस ने बताया झूठा, यूं किया पर्दाफाश
पत्रकार अतुल अग्रवाल के साथ लूट के दावे को पुलिस ने बताया झूठा, यूं किया पर्दाफाश
न्यूज चैनल ‘हिन्दी खबर’ के एडिटर-इन-चीफ अतुल अग्रवाल के आरोपों को नोएडा पुलिस ने झूठा करार दिया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
न्यूज चैनल ‘हिन्दी खबर’ के एडिटर-इन-चीफ अतुल अग्रवाल के आरोपों को नोएडा पुलिस ने झूठा करार दिया है। दरअसल उन्होंने 20 जून को फेसबुक पोस्ट करके अपने साथ लूट की घटना के बारे में जानकारी दी थी। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा की नोएडा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना शुरू हो गए, हालांकि अब नोएडा पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए पत्रकार की झूठ का पदार्फाश किया है।
पुलिस का कहना है कि पत्रकार के साथ लूट की घटना नहीं हुई, उन्होंने अपने निजी पारिवारिक कारणों की वजह से एक झूठी कहानी गढ़ी और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। इससे लोगों में डर पैदा हुआ। वहीं पत्रकार के खिलाफ जल्द पुलिस कार्यवाही भी की जाएगी।
पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक, 20 जून को पत्रकार द्वारा बताया गया था कि नोएडा एक्सटेंशन में कुछ बदमाशों ने उन्हें रात में घेर लिया था, पत्रकार ने जो कहानी फेसबुक पर लिखी थी, वह काफी भयावह थी, इसके बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस जांच में जुटी। हालांकि पत्रकार ने अपनी साथ हुई घटना का जिक्र फेसबुक पर तो किया, लेकिन वह इस घटना के खिलाफ तहरीर देने को राजी नहीं थे, उसके बाद पुलिस ने खुद ही मामले की जांच शुरू की।
पुलिस विभाग द्वारा बताया कि, ‘सोशल मीडिया पर पत्रकार द्वारा पोस्ट की गई घटना पर तुरंत प्रभारी निरीक्षक व सभी उच्च अधिकारीगण मय फोर्स तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं पत्रकार को फोन कर मौके पर आने के लिए भी कहा गया, लेकिन उनके द्वारा आने से मना कर दिया गया।’
इसके बाद पुलिस ने अगले दिन पत्रकार को थाने आकर तहरीर देने की बात कही, लेकिन उन्होंने ऐसे करने से भी मना कर दिया। हालांकि इस मामले में चौकी प्रभारी राईस सिटी करतार सिंह ने अभियोग पंजीकृत कराया और वरिष्ठ उपनिरीक्षक ऋषिपाल सिंह कसाना ने जांच की।
नोएडा पुलिस के मुताबिक, 'पांच सीओजी अधिकारियों की एक टीम ने मामले की जांच की। जांच में पत्रकार द्वारा दिये गये बयान और सर्विलांस रिपोर्ट (सीडीआर व आईपीडीआर) व सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी आपस में मेल खाती नहीं दिखी।
पुलिस के मुताबिक, पत्रकार ने आरोप लगाया था कि लूटपाट रात करीब एक बजे हिंडन पुल के पास हुई जिसके बाद वे घर चले गए। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वे सुबह 1 बजे के बाद सेक्टर 121 में स्थित ओयो होटल के कमरे में पहुंचे थे जहां उन्होंने रात बिताई। होटल के कमरे व उनके घर के बीच की दूरी इस बात का संकेत देती है कि यह संभव नहीं है कि वहां घटना घटी हो।'
वहीं, पुलिस ने पत्रकार की एक महिला मित्र से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि 19 जून को शाम 7 बजे पत्रकार महिला मित्र के घर खाने पर गए थे। इसी बीच उनकी पत्नी का कॉल आया और वह तुरन्त उनके घर से निकल गए। वहीं रात 1.20 बजे फिर महिला मित्र को कॉल कर पत्रकार द्वारा सड़कों पर अकेला घूमने की बात कही गई और ओयो रूम्स की तलाश करने का भी जिक्र किया। हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी लूट की घटना का जिक्र नहीं किया था।
पुलिस के मुताबिक, पत्रकार ने ओयो रूम्स में भी अपनै बैंक खाते से पेमेंट की, जिसकी बैंक स्टैटमेन्ट निकलवा ली गयी है। इन सभी तथ्यों को देखते हुये यह प्रमाणित होता है कि पत्रकार के साथ कोई लूट की घटना नहीं हुई है। वहीं पत्रकार द्वारा अपने निजी पारिवारिक कारणों की वजह से इस झूठी घटना को सोशल मीडिया पर डाला, जिसके कारण लोगों में भय व डर पैदा हुआ है और इस वजह से उनके कारण इनके विरुद्ध उचित वैधानिक कार्यवाही जल्द की जायेगी।
बता दें कि अपने सोशल मीडिया पोस्ट में नोएडा निवासी पत्रकार ने दावा किया था कि वह अपनी सफारी कार में थे, जब बिसरख में एक पुलिस बूथ के पास मोटरसाइकिल पर पांच लोगों ने उन्हें रोका था। अग्रवाल ने दावा किया था कि जब उन्होंने अपनी खिड़की नीचे की तो एक आरोपी ने बंदूक निकाली और उन्हें अपना कीमती सामान सौंपने को कहा। उन्होंने दावा किया कि उन्हें 5,000 रुपए देने के लिए मजबूर किया गया और आरोपी ने उनका गला घोंटने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया था कि एक आरोपी ने उनसे फोन लिया और उसे अनलॉक कराया। इसके बाद बदमाशों की नजर प्रेस स्टीकर पर पड़ी और उन्होंने उन्हें पहचान लिया। फिर वे फोन को बैकसीट पर फेंककर चले गए और उन्हें घटना की जानकारी किसी को भी न देने की धमकी देकर बाइक पर सवार होकर फरार हो गए।
टैग्स पत्रकार मीडिया चैनल लूट हिन्दी खबर अतुल अग्रवाल