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कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए न्यूज चैनल्स अपना रहे कुछ इस तरह की स्ट्रैटेजी
वर्क फ्रॉम होम, काम के घंटे कम करने से लेकर नियमित रूप से पूरे परिसर को सैनिटाइज करने जैसे कदम उठा रहे हैं अधिकांश मीडिया संस्थान
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
देश-दुनिया में कोरोनावायरस (कोविड-19) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन सबके बीच मीडियाकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालते हुए कोरोना के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, फ्रंटलाइन मीडियाकर्मियों ने इस जानलेवा महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए खुद को प्राथमिकता के तौर पर वैक्सीन लगाए जाने की मांग की है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के आगे उनकी चिंता को एक तरह से किनारे पर रख दिया गया है।
कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता को न्यूज रूम अच्छे से समझ चुके हैं। हालांकि, पिछले करीब एक साल से तमाम मीडिया संस्थानों के न्यूजरूम्स कड़े प्रोटोकॉल्स का पालन कर रहे हैं, लेकिन आइए जानते हैं कि कोविड-19 की दूसरी लहर का मुकाबला वे किस प्रकार कर रहे हैं।
सबसे पहले जानते हैं ‘जी मीडिया’ (Zee Media) का हाल, जहां पर तमाम तरह के सेफ्टी प्रोटोकॉल्स अपनाए जा रहे हैं। इसके तहत वर्क फ्रॉम होम किया जा रहा है। एम्प्लॉयीज शिफ्ट में काम कर रहे हैं। काम के घंटे कम कर दिए गए हैं और पूरे परिसर में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन आदि उपाय किए जा रहे हैं।
इस बारे में ‘जी मीडिया’ के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ पुरुषोत्तम वैष्णव का कहना है, ‘पिछले साल इस महामारी ने अचानक से हमला बोला था, लेकिन इस बार हम बेहतर तरीके से तैयार हैं। हमने महामारी पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तुरंत उपाय अपनाए हैं। वर्क फ्रॉम होम, शिफ्टों में काम, काम के घंटे घटाना और नियमित रूप से परिसर को सैनिटाइज करने समेत तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। हमने अपने एम्प्लॉयीज को घर से लाने और काम खत्म होने के बाद ऑफिस से घर छोड़ने की व्यवस्था की है, ताकि उन्हें सार्वजनिक परिवहन सेवा का सहारा न लेना पड़े। हमारे पास ऑन कॉल डॉक्टरों का पैनल है, ताकि एम्प्लॉयीज किसी भी तरह की जानकारी ले सकें। इसके अलावा हम अपने एम्प्लॉयीज के मानसिक स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान देते हैं। कॉल पर किसी भी तरह की सलाह के लिए हमारे बोर्ड में एक जाने-माने मनोविशेषज्ञ भी हैं।’
इसके साथ ही पुरुषोत्तम वैष्णव का यह भी कहना है, ‘हमारी टीम जहां भी हैं, पूरे समर्पण से काम कर रही हैं। हम कम से कम यह तो सुनिश्चित कर सकते हैं कि अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए और जरूरत पड़ने पर उन्हें संस्थान से अधिकतम सपोर्ट मिल सके।’
देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) ने स्वास्थ्य और सुरक्षा को मजबूती देने वाले सभी उपायों पर एक बार फिर से अधिक फोकस शुरू कर दिया है। महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए सभी एम्प्लॉयीज को पेड लीव यानी सवैतनिक अवकाश (paid leaves), स्वास्थ्य की देखभाल और कार्य को बेहतर तरीके से समायोजित करने पर जोर दिया जा रहा है।
इस बारे में ‘एबीपी नेटवर्क’ के एक प्रवक्ता का कहना है, ‘इस महामारी के जोखिम को कम करने के लिए हम अपनी प्रॉडक्शन और एडिटोरियल टीमों के बीच एक व्यवस्थित तरीके से न्यूजरूम का प्रबंधन कर रहे हैं। इस सिस्टम के तहत दो एक्सक्लूसिव ग्रुप्स तैयार किए गए हैं, जो वैकल्पिक सप्ताह (alternate week) के आधार पर ऑफिस में 12-12 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं। इसके अलावा हम अपनी कुछ टीमों जैसे-डिजिटल टीम और कॉरपोरेट टीमों को घर से काम करने के लिए तमाम तरीकों से प्रेरित कर रहे हैं। आगे भी हम यह आकलन करते रहेंगे कि अपने न्यूज रूम को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करते हुए अपनी टीमों का सर्वोत्तम सपोर्ट कैसे करें और इस कठिन समय में हर व्यक्ति के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा के लिए समुचित उपाय करें।’
‘इंडिया अहेड’ (India Ahead) की बात करें तो यहां पर तमाम एम्प्लॉयीज महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आ चुके हैं और चुनौती से निपटने के लिए मीडिया संस्थान तमाम नई पहल अपना रहा है।इस बारे में ‘इंडिया अहेड’ के एडिटर-इन-चीफ भूपेंद्र चौबे का कहना है, ‘कोरोना की दूसरी लहर पहली वाली से भी खराब है। हमारे कई एम्प्लॉयीज इसकी चपेट में आए हैं। ऐसे में हम अपने डिजिटल प्लेटफार्म्स के माध्यम से सूचना के प्रसार पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। चूंकि तमाम एम्प्लॉयीज घरों से काम कर रहे हैं, ऐसे में स्टोरीटैलिंग के लिए विभिन्न टूल्स आज के समय की जरूरत हैं। यहां ऑडियो और टेक्स्ट पर आधारित स्टोरीटैलिंग फॉर्मेट काम कर रहा है।’
‘न्यूज24 ब्रॉडकास्ट इंडिया लिमिटेड’ (News 24 Broadcast India Ltd) की एमडी और चेयरपर्सन अनुराधा प्रसाद का कहना है, ‘यह काफी मुश्किल समय है, लेकिन हमें इसका सामना करना है। हमें इससे लड़ना होगा, मजबूत बनकर आगे आना होगा और एक-दूसरे की मदद करनी है। यही कारण है कि न्यूज24 ने एक कैंपेन साथी हाथ बढ़ाना (Saathihaath Badhana) शुरू किया है।’
मेनलाइन चैनल्स से रीजनल नेटवर्क की ओर से कदम बढ़ाने पर भी एक जैसी ही है। ‘पीटीसी नेटवर्क’ (PTC Network) ने शिफ्ट बढ़ा दी हैं और वहीं पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि बाहरी रिस्क को कम से कम किया जा सके। इस बारे में पीटीसी नेटवर्क के एमडी और प्रेजिडेंट रबिन्द्र नारायण का कहना है, ‘प्रत्येक न्यूजरूम के लिए यह एक नई दुनिया है। जिन एंकर्स को कोरोना हो चुका है, वे स्टूडियो में हैं और जो एंकरिंग करते समय सावधानी बरतना चाहते हैं, वे घर से टेक्नोलॉजी के माध्यम से एंकरिंग कर कर रहे हैं। अधिकांश रिपोर्टर्स और कैमरामैन फील्ड में बहादुरी से काम कर रहे हैं। यह ऐसा समय है, जब वर्चुअल न्यूजरूम्स को तैयार करने और सुदूर क्षेत्रों से लाइव करने में टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभा रही है। हालांकि, हम कितने भी इनोवेशन कर लें, न्यूजरूम में कुछ लोगों की जरूरत होती है। ऐसे में इन्हें न्यूजरूम की जगह वॉर रूम कहना बेहतर है।’
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