होम / टीवी / न्यूज चैनल्स की रेटिंग को लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने BARC को लिखा लेटर, कही ये बात
न्यूज चैनल्स की रेटिंग को लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने BARC को लिखा लेटर, कही ये बात
कुछ दिनों पूर्व ही न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ने सूचना प्रसारण मंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की गुजारिश की थी।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
न्यूज चैनल्स की रेटिंग रोके जाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने ‘ब्रॉडकास्टर्स ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय जब तक मामले की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट का पूरी तरह अध्ययन न कर ले, तब तक यथास्थिति बनाए रखी जाए।
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इस संबंध में BARC को एक लेटर लिखा है। इस बारे में एमआईबी के अंडर सेक्रेट्री पी नागराजन की ओर से कहा गया है, ‘जैसा कि आप सभी को पता है कि मंत्रालय द्वारा चार नवंबर 2020 को प्रसार भारती (Prasar Bharati) के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। रेटिंग के कथित रूप से हेरफेर को लेकर हंगामे के बाद इसे देश में टीआरपी सिस्टम को मजबूत करने के लिए नियुक्त किया गया था। इस समिति में तीन अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया था। समिति ने पिछले सप्ताह सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अभी इस रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। ऐसे में बार्क को कहा गया है कि मामले में यथास्थिति बनाए रखी जाए।’
बता दें कि ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने पिछले दिनों BARC से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की थी। वरिष्ठ टीवी पत्रकार अरनब गोस्वामी के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ ने इस बारे में सूचना प्रसारण मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे इस पत्र में ‘एनबीएफ’ का कहना था कि वे BARC के किसी भी बदलाव के लिए तैयार हैं, लेकिन पूरी तरह से रेटिंग्स की गैरमौजूदगी ने न्यूज चैनल्स की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है।
एनबीएफ की ओर से एमआईबी को लिखे लेटर में कहा गया था, ‘हम BARC में स्टेकहोल्डर्स हैं। डाटा मीजरमेंट हमारी ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री की लाइफलाइन है। पूर्व में भी डाटा में हेरफेर की घटनाएं हुई हैं, लेकिन डाटा जारी करना बंद कर देना इसका समाधान नहीं है। इसमें सुधार तभी हो सकता है, जब डाटा का प्रवाह लगातार हो। यह सुधार की एक सतत प्रक्रिया है। हम विनम्रतापूर्वक आपसे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध कर रहे हैं।’
दूसरी ओर, निजी टेलिविजन न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने अभी तक रेटिंग्स जारी करने की कोई मांग नहीं उठाई है। हालांकि एनबीए ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया से डाटा को सुरक्षित बनाए रखने के बारे में पिछले महीनों में उठाए गए ठोस कदमों की जानकारी मांगी है। एनबीए बोर्ड के अनुसार, महीना दर महीना जारी किए गए गलत डाटा ने न केवल इसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि न्यूज ब्रॉडकास्टर्स को भारी वित्तीय नुकसान भी पहुंचाया है, जिसके लिए BARC को अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उसने तीन महीनें में डाटा की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। फिलहाल इस बारे में BARC की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
बता दें कि टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था, जिसकी समय सीमा 15 जनवरी को समाप्त हो चुकी है।
टैग्स बार्क इंडिया एनबीए एमआईबी एनबीएफ रेटिंग ब्रॉडकास्टर्स ऑडियंस रिसर्च काउंसिल