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राष्ट्रीय प्रसारण नीति: TRAI की सिफारिशों पर स्टेकहोल्डर्स से मुलाकात करेगी MIB
राष्ट्रीय प्रसारण नीति पिछले करीब एक साल से लोगों का ध्यान खींच रही है और इस पर चर्चा कम होने का नाम नहीं ले रही है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 months ago
राष्ट्रीय प्रसारण नीति पिछले करीब एक साल से लोगों का ध्यान खींच रही है और इस पर चर्चा कम होने का नाम नहीं ले रही है। सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) अब स्टेकहोल्डर्स से मिलकर उनके विचारों और आपत्तियों का जायजा लेगा।
पिछले महीने ट्राई द्वारा राष्ट्रीय प्रसारण नीति (NBP) पर अपनी सिफारिशें जारी की, जिसके बाद अब बताया जा रहा है कि आधिकारिक रूप से इसे लागू करने से पहले एमआईबी इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स- ब्रॉडकास्टर्स, केबल ऑपरेटर्स, ब्रॉडबैंड, डीटीएच, कंटेंट प्रड्यूसर्स आदि से मिलकर उनकी परेशानियां सुन सकती है।
मंत्रालय जुलाई के मध्य से अलग-अलग विभागों से अलग-अलग मुलाकात करेगा, ताकि नीति पर ट्राई की सिफारिशों पर अपने विचार व्यक्त किए जा सकें।
ट्राई ने हितधारकों के विचार जानने के लिए एक पूर्व-परामर्श और परामर्श पत्र जारी किया और इस मई में उनके साथ एक ओपन हाउस चर्चा की।
ट्राई ने 20 जून को राष्ट्रीय प्रसारण नीति पर अपनी सिफारिशें जारी कीं, जिसमें कहा गया कि सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए एक पारदर्शी, विश्वसनीय और तकनीकी रूप से उन्नत दर्शक माप प्रणाली महत्वपूर्ण थी, लेकिन इंडस्ट्री को ऑब्जर्व करने वाले कुछ लोगों रचनात्मक स्वतंत्रता, समान अवसर और ओटीटी और डीडी फ्रीडिश के रेगुलेशन जैसे मुद्दों पर इसकी चुप्पी को लेकर सवाल उठाया था।
ट्राई ने दर्शकों की संख्या मापने में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार के हस्तक्षेप के साथ-साथ एक बहु-रेटिंग प्रणाली की भी सिफारिश की है, जिस पर कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों सहित विविध डेमोग्राफिक्स को शामिल करने, दर्शकों की प्राथमिकताओं का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने और देखने के डेटा को एकत्र करते समय उपभोक्ता गोपनीयता की रक्षा के लिए मजबूत डेटा सुरक्षा उपायों को लागू करने के मामले में इसे और अधिक स्पष्टता की जरूरत है।
ट्राई ने ‘राष्ट्रीय प्रसारण नीति’ के निर्माण के लिए विचार किए जाने वाले आवश्यक मुद्दों को जानने के लिए 21 सितंबर 2023 को एक पूर्व-परामर्श पत्र जारी किया था।
पूर्व-परामर्श पत्र पर हितधारकों से 10 अक्टूबर 2023 तक लिखित टिप्पणियां आमंत्रित की गई थीं, जिसे हितधारकों के अनुरोध पर 7 नवंबर 2023 तक आगे बढ़ा दिया गया था।
ट्राई को विभिन्न एसोसिएशंस, कंपनीज, सर्विस प्रोवाइडर्स, इंडिविजुअल्स और कंज्यूमर एडवोकेसी ग्रुप्स से 28 टिप्पणियां प्राप्त हुईं।
'ट्राई ने पूर्व-परामर्श पत्र में हितधारकों की लिखित प्रस्तुतियों, देश भर में विभिन्न बैठकों से प्राप्त चर्चाओं और प्रस्तुतियों से उत्पन्न विभिन्न मुद्दों की जांच करने के बाद, 2 अप्रैल 2024 को 'राष्ट्रीय प्रसारण नीति-2024 के निर्माण के लिए इनपुट' शीर्षक से परामर्श पत्र जारी किया था।
15 मई को ट्राई ने इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स के साथ ओपन हाउस चर्चा (OHD) आयोजित की थी, जिसमें सभी के लिए रचनात्मक स्वतंत्रता और समान अवसर की मांग की गई। चर्चा में स्टेकहोल्डर्स द्वारा विपरीत विचार और मजबूत राय भी सामने आई, जो लीनियर और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की मौजूदा ऑडियंस मीजरमेंट पर विभाजित थे। इस दौरान कुछ ने जोर देकर कहा कि भ्रम और हितों के टकराव से बचने के लिए BARC पर्याप्त है। लेकिन इस बीच, अन्य लोगों ने सटीकता सुनिश्चित करने के लिए कई अन्य एजेंसियों की मांग की थी।
ओपन हाउस चर्चा के दौरान, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) ने जोर देकर कहा कि मौजूदा ऑडियंस मीजरमेंट एजेंसी BARC पर्याप्त है और अधिक एजेंसियों को लाने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इससे बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
इसके विपरीत राय व्यक्त करते हुए कुछ न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने कहा कि BARC न्यूज रेटिंग के लिए अच्छा नहीं है और अब समय आ गया है कि न्यूज जॉनर पर उचित ध्यान दिया जाए।
सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए समान अवसर की मांग करते हुए, IBDF ने ट्राई से आग्रह किया कि वह कंटेंट क्रिएटर्स के लिए स्वतंत्रता सुनिश्चित करे और ब्रॉडकास्टर्स पर दबाव न डाला जाए।
ट्राई के चेयरमैन ए के लाहोटी की मौजूदगी में हुई चर्चा के दौरान, कुछ स्टेकहोल्डर्स ने नियामक से आग्रह किया कि वह सूचना-प्रसारण मंत्रालय को सुझाव दे कि “हम इस क्षेत्र में निजी निवेश को कैसे आकर्षित कर सकते हैं और पहले से किए गए निवेश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं।”
एक स्टेकहोल्डर्स ने कहा था, "भारत केबल इंडस्ट्री को नहीं खो सकता, जो हजारों लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है।" उन्होंने कहा कि केबल टीवी ग्राहकों की संख्या घट रही है, लिहाजा राष्ट्रीय प्रसारण नीति में सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए।
हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा था कि लोगों ने केबल कनेक्शन काट दिए हैं और कंटेंट की क्वॉलिटी के चलते केबल नहीं देख रहे हैं। उन्होंने क्रिएटर्स की कला को आगे बढ़ाते हुए उनके लिए एक सक्षम वातावरण बनाने का भी आग्रह किया और हाई क्वॉलिटी वाले कंटेंट का समर्थन करने की भी बात कही।
एक प्रमुख ब्रॉडकास्टर के प्रतिनिधि ने अपना पक्ष रखते हुए ट्राई से यह आग्रह किया कि राष्ट्रीय प्रसारण नीति में मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक स्थायी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल बनाने की दीर्घकालिक आवश्यकता को संबोधित किया जाए।
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