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ZEE-इनवेस्को विवाद में नाम आने पर रिलायंस इंडस्ट्री ने कही ये बात
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड और उसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर इनवेस्को के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड और उसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर इनवेस्को के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब जारी विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल, इनवेस्को ने भारतीय बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का नाम इस विवाद में घसीट लिया है।
वहीं, इस विवाद में अपना नाम घसीटे जाने पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस विवाद में उसका नाम जोड़े जाने वाली मीडिया रिपोर्ट्स सही नहीं हैं। बता दें कि इनवेस्को लगातार जी एंटरटेनमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की मांग कर रही है।
दरअसल, रिलायंस का नाम तब सामने आया, जब पहले जी ने एक पत्र जारी कर यह दावा किया था कि इनवेस्को ने देश के एक बड़े ग्रुप की कंपनियों के साथ डील करने के लिए पुनीत गोयनका पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। वहीं, इसके एक दिन बाद इनवेस्को ने जी के प्रमोटर्स पर पलटवार किया और दावा किया कि पुनीत गोयनका और प्रमोटर फैमिली के सदस्यों ने रिलायंस के साथ डील करने की कोशिश की थी।
दूसरी तरफ ZEEL के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका ने मंगलवार को बोर्ड से कहा था कि इस सौदे का प्रस्ताव इनवेस्को लेकर आई थी और अगर यह डील होती तो कंपनी के शेयरधारकों को 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होता। वहीं इनवेस्को ने अपने बयान में जी के आरोपों का खंडन किया और सवाल उठाया कि वह जी के लिए ऐसी डील क्यों करेगा जिससे शेयरधारकों के दीर्घकालिक हित प्रभावित हों।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पूरे मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि उन्हें जी ग्रुप और इनवेस्को के बीच चल रहे विवाद में घसीटे जाने पर बेहद खेद है। इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स सही नहीं हैं। कंपनी ने बताया कि फरवरी-मार्च 2021 में इनवेस्को ने रिलायंस के प्रतिनिधियों और जी ग्रुप के एमडी पुनीत गोयनका के बीच बातचीत कराने में मदद की थी। हमने अपनी मीडिया प्रॉपर्टीज का जी ग्रुप के साथ अच्छी कीमत पर विलय करने का प्रस्ताव दिया था। इसके चलते विलय होने वाले बिजनेस और जी ग्रुप के सभी शेयरधारकों के फायदे को ध्यान में रखा गया था। रिलायंस हमेशा ही उस कंपनी को अच्छे प्रदर्शन के लिए रिवॉर्ड देती है, जिसमें वह निवेश करती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह भी साफ किया कि पुनीत गोयनका को एमडी की तरह काम करते रहने का प्रस्ताव दिया गया था। साथ ही पुनीत गोयनका समेत प्रबंधन को ई-सॉप्स (ESOPs) जारी करने का प्रस्ताव भी रखा गया था। हालांकि, पुनीत गोयनका और इनवेस्को में कुछ प्रिफरेंशियल वारंट को लेकर विवाद हो गया। इनवेस्टर्स को लगता है कि फाउंडर्स मार्केट पर्चेस के जरिये लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते रह सकते हैं। हम सभी फाउंडर्स का सम्मान करते हैं और कभी भी किसी बदले की भावना से लेनदेन नहीं करते हैं। इसलिए हम इस डील में आगे नहीं बढ़े।
बता दें कि 'जी' ने मंगलवार को खुलासा किया था कि इनवेस्को के प्रतिनिधि अरुण बलानी और भावतोष वाजपेयी ने फरवरी 2021 में कंपनी को एक बड़े भारतीय ग्रुप में मर्ज करने का ऑफर दिया था। इसके मुताबिक गोयनका विलय के बाद बनने वाली कंपनी में एमडी और सीईओ बने रहेंगे। जी ने दावा किया कि गोयनका ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। इनवेस्को ने गोयनका सहित तीन डायरेक्टर्स को हटाने के लिए ईजीएम बुलाने की मांग की थी। इसके लिए उसने 11 सितंबर को एक पत्र लिखा था। फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
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