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कैसे एक-दूसरे से अलग होंगे टीवी न्यूज के दो संगठन- NBA और NBF?
देश के विभिन्न भागों में संचालित न्यूज चैनल्स ने पिछले दिनों मिलकर बनाया है नया संगठन, सरकार की तरफ से भी मिल चुकी हैं शुभकामनाएं
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए अब दो बड़े संगठन हो गए हैं। इनमें पहला न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) और दूसरा ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (NBF) है, जिसे हाल ही में कई ब्रॉडकास्टर्स द्वारा मिलकर बनाया गया है। लेकिन ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर कैसे वे एक-दूसरे से अलग होंगे?, क्या ऐसे में उनमें हितों का टकराव नहीं होगा अथवा कैसे वे इस स्थिति से निपटेंगे?
इन सभी सवालों के बीच ‘NBA’ के सदस्यों ने आश्वस्त किया है कि दोनों संगठनों के हित अलग-अलग हैं, ऐसे में उनमें हितों का किसी भी तरह टकराव नहीं होगा। वहीं, 35 सदस्यों वाले ‘NBF’ के नवनिर्वाचित बोर्ड का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म पर रीजनल ब्रॉडकास्टर्स के मुद्दे उठाए जाएंगे। रीजनल ब्रॉडकास्टर्स इस मंच पर अपनी बात रख सकेंगे।
इस बारे में ‘प्राइड ईस्ट ग्रुप’ (Pride East Group) की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर और ‘न्यूज लाइव’ (News Live) की मालकिन रिनिकी भुयन सरमा (Riniki Bhuyan Sarma) का कहना है, ‘‘NBF’ ब्रॉडकास्टर्स का सबसे बड़ा संगठन है और इसमें विभिन्न भागों के साथ ही तमाम भाषाओं में न्यूज प्रसारित कर रहे ब्रॉडकास्टर्स शामिल हैं, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सभी की आवाज सुनी जाए। यह संगठन रीजनल प्लेयर्स की समस्याओं पर ध्यान देगा। उनकी बात सुनने के साथ ही समस्या समाधान की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।’
इस बारे में ‘न्यूज7’ (News 7) तमिल के सीईओ चंद्र बराधि (Chandra Baradhi) का कहना है, ‘तिमाही नतीजों के साथ ही व्युअरशिप के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि रीजनल चैनल्स में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे समय में हमें प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है। हमारे पास ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें सुने जाने और हल करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए डीटीएच प्लेटफॉर्म पर एक नेशनल चैनल और एक रीजनल चैनल का टैरिफ लगभग समान है, जबकि दोनों पूरी तरह अलग-अलग मॉडल्स और अर्थव्यवस्था पर काम करते हैं।’
चर्चा है कि NBF के गठन के बाद इसके स्कोप को देखते हुए NBA के कई सदस्यों ने इसमें शामिल होने की इच्छा जताई है, जबकि कुछ लोगों ने इस तरह की खबरों से इनकार किया है। हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) से बातचीत में एक सूत्र का कहना है, ‘मैं अभी तक इस फेडरेशन के उद्देश्य को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हूं। बड़े न्यूज ब्रॉडकास्टर्स इसमें शामिल नहीं हैं। कुछ चैनल्स तो किराए के लाइसेंस पर चल रहे हैं, जबकि कुछ मेंबर तो कोर न्यूज जॉनर में भी नहीं हैं। देखते हैं कि आने वाले समय में कैसे ये फेडरेशन अपने उद्देश्य में सफल हो पाता है।’
‘NBF ’में ‘Puthiyathalaimurai और V6 News’ (तमिलनाडु), ‘Orissa TV (ओडिशा), ‘IBC24’ (मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़), ‘एशियानेट न्यूज नेटवर्क’ (केरल और कर्नाटक), ‘टीवी9 भारतवर्ष’, ‘न्यूजलाइव’ और ‘नॉर्थईस्ट लाइव’ (असम और नॉर्थईस्ट), ‘फर्स्ट इंडिया न्यूज’ (राजस्थान), ‘कोलकाता टीवी’ (पश्चिम बंगाल), जैसे ब्रॉडकास्टर्स शामिल हैं। इसे सूचना-प्रसारण मंत्रालय से भी शुभकामनाएं मिल चुकी हैं।
गौरतलब है कि NBF के बारे में सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है, ‘मुझे बहुत खुशी है कि ‘एनबीएफ’ के गठन के लिए 50 से ज्यादा न्यूज ब्रॉडकास्टर्स मिलकर एक साथ आगे आए हैं। ये ब्रॉडकास्टर्स देश के अलग-अलग भागों के और विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग राज्यों में प्रसारण कर रहे हैं। देश में 700 से ज्यादा चैनल्स हैं और यदि न्यूज की तरह दूसरे जॉनर के चैनल्स भी इस तरह मिलकर साथ आते हैं तो यह विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।’
जावड़ेकर का यह भी कहना है, ‘हम सेंसरशिप में विश्वास नहीं रखते हैं, लेकिन हमारा मानना है कि सेल्फ रेगुलेशन होना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगी, जहां पर टीवी न्यूज इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जा सकेगी। इसके साथ ही मुझे यह भी उम्मीद है कि एनबीएफ अपनी सिफारिशें देगा और ब्रॉडकास्टिंग में ऐसे मानक निर्धारित करेगी, जिससे सच्चाई प्रभावित नहीं होगी।’
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