होम / टीवी / वरिष्ठ पत्रकार शैलेश की मेनस्ट्रीम मीडिया में वापसी, इस चैनल में बने मैनेजिंग एडिटर

वरिष्ठ पत्रकार शैलेश की मेनस्ट्रीम मीडिया में वापसी, इस चैनल में बने मैनेजिंग एडिटर

वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने मेनस्ट्रीम मीडिया में वापसी करते हुए बतौर मैनेजिंग एडिटर अपनी नई शुरुआत की है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago

वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने मेनस्ट्रीम मीडिया में वापसी करते हुए हिंदी न्यूज चैनल ‘समाचार प्लस’ (Samachar Plus) के साथ अपनी नई पारी शुरू की है। यहां उन्होंने बतौर मैनेजिंग एडिटर जॉइन किया है।

शैलेश को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 40 साल का अनुभव है। पूर्व में वह देश के तमाम प्रतिष्ठित न्यूज चैनल्स में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वह हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज नेशन’ में बतौर एडिटर-इन-चीफ और सीईओ रह चुके हैं। हालांकि ‘न्यूज नेशन‘ के बाद वह मेन स्ट्रीम मीडिया से अलग हटकर न्यूज24 के मीडिया इंस्टीट्यूट ‘आईसोम्स‘ (ISOMES) से जुड़ गए थे, जहां वह डीन के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे थे।

मूल रूप से भागलपुर (बिहार) के रहने वाले शैलेश ने ‘बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी‘ (बीएचयू) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने बनारस में ही ‘दैनिक जागरण‘ के साथ अपने पत्रकारीय करियर की शुरुआत कर दी थी। बाद में वह लखनऊ आ गए और ‘नवभारत टाइम्स‘ से जुड़ गए। इसके बाद शैलेश ने प्रिंट को छोड़कर टीवी की दुनिया का रुख कर लिया। यहां उन्होंने ‘जी न्यूज’ के साथ अपनी पारी शुरू की और फिर ‘आजतक’ से जुड़ गए। इसके बाद ‘आजतक‘से अलविदा कहकर उन्होंने करीब तीन साल ‘न्यूज नेशन’ में अपनी पारी खेली। अब उन्होंने ‘समाचार प्लस‘ के साथ नई पारी शुरू की है। समाचार4मीडिया की ओर से शैलेश को उनके नए सफर के लिए ढेरों शुभकामनाएं।

बता दें कि एक समय अपनी धाक जमा चुका ‘समाचार प्लस’ एक बार फिर दर्शकों के बीच लौट आया है। फिलहाल इसकी सॉफ्ट लॉन्चिंग की गई है। यानी अभी इसके डिस्ट्रीब्यूशन का काम शुरू नहीं हुआ है, बल्कि इंटरनल रिव्यू का काम चल रहा है। चैनल का कार्यालय नोएडा के सेक्टर-4 में बनाया गया है। चैनल की कोशिश फिर से अपने पुराने दर्शकों के बीच लौटने की है, ताकि उनका खोया भरोसा फिर से प्राप्त कर सकें, लिहाजा चैनल का लोगो और टैग लाइन पुरानी ही रखी गई है, यानि-‘खबर वही, जो हमने कही’।


टैग्स समाचार प्लस न्यूज चैनल शैलेश कुमार
सम्बंधित खबरें

दीपावली पर खास प्रोग्रामिंग के साथ खुशियां बांटेगा 'गुड न्यूज टुडे' 

'गुड न्यूज टुडे' (GNT) चैनल इस दीपावली पर अपने दर्शकों के लिए सकारात्मक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रमों की विशेष प्रस्तुति लेकर आ रहा है।

15 hours ago

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

23 hours ago

ET NOW और ET NOW स्वदेश ने दिवाली पर शुरू किए ये विशेष कार्यक्रम

भारत के प्रमुख बिजनेस न्यूज चैनल ET NOW और हिंदी बिजनेस चैनल ET NOW स्वदेश ने इस दिवाली के खास मौके पर अपने दर्शकों के लिए एक विशेष कार्यक्रम की घोषणा की है।

4 days ago

लौट आया शाहरुख खान का लोकप्रिय शो ‘फौजी’, जानें कब और कहां देखें

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान का डेब्यू टीवी शो ‘फौजी’ एक बार फिर छोटे पर्दे पर शुरू होने जा रहा है। यह शो, जो पहली बार 1989 में प्रसारित हुआ था

5 days ago

अब ‘एबीपी नेटवर्क’ की कश्ती में सवार हुए युवा पत्रकार शिवांक मिश्रा

शिवांक मिश्रा ने कुछ दिनों पहले ही ‘जी न्यूज’ में अपनी पारी को विराम दिया था। वह करीब साढ़े चार साल से इस संस्थान में कार्यरत थे और वर्तमान में सीनियर करेसपॉन्डेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

1 week ago


बड़ी खबरें

'जागरण न्यू मीडिया' में रोजगार का सुनहरा अवसर

जॉब की तलाश कर रहे पत्रकारों के लिए नोएडा, सेक्टर 16 स्थित जागरण न्यू मीडिया के साथ जुड़ने का सुनहरा अवसर है।

57 minutes from now

‘Goa Chronicle’ को चलाए रखना हो रहा मुश्किल: सावियो रोड्रिग्स

इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म पर केंद्रित ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘गोवा क्रॉनिकल’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सावियो रोड्रिग्स का कहना है कि आने वाले समय में इस दिशा में कुछ कठोर फैसले लेने पड़ सकते हैं।

4 hours from now

रिलायंस-डिज्नी मर्जर में शामिल नहीं होंगे स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल 

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है

10 minutes from now

फ्लिपकार्ट ने विज्ञापनों से की 2023-24 में जबरदस्त कमाई

फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है।

23 hours ago

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

23 hours ago