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जब प्रणॉय रॉय से रवीश कुमार को लेकर पूछा गया ये सवाल
रवीश कुमार को प्रतिष्ठित रैमन मैगसायसाय अवॉर्ड मिलने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ। आइए देखते हैं किस तरह लोग उन्हें बधाई दे रहे
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
रवीश कुमार को प्रतिष्ठित रैमन मैगसायसाय अवॉर्ड मिलने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ। आइए देखते हैं किस तरह लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं...
मुझे एक किस्सा एनडीटीवी के ही एक पत्रकार ने कुछ महीने पहले सुनाया था। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव थे। एनडीटीवी के मालिक डॉक्टर प्रणव रॉय उस चुनाव को कवर करने एक गांव गए, तो कुछ लोग एनडीटीवी का बूम (माइक) देखकर डॉक्टर रॉय से बोले--तो आप रवीश कुमार के चैनल से आए हैं । मतलब, छत्तीसगढ़ में आम लोग मालिक को नहीं, उसके पत्रकार को उसके चैनल का ब्रांड मानते थे। इसे कहते हैं--एक सच्चे पत्रकार और सच्ची पत्रकारिता का ब्रांड।
(मुंबई, नवभारत टाइम्स में कार्यरत पत्रकार सुनील मेहरोत्रा)
Ravish Kumar सर को ढेर सारी बधाई.. तकरीबन चार साल से न्यूज चैनल देखना बंद कर दिया है.. बस 9 बजे का विश्लेषण प्राइम टाइम देखता हूं और ख़ुद को दिलासा देता हूं हवा बदलेगी. दुख तब होता है जब आप के संस्थान (एनडी मतलब रवीश कुमार) से निकले लोग ही आपको गाली देते है.. उनका कहना होता है कि निजी जीवन में आप काफी घमंडी और स्वार्थी है.. (हालांकि यह कहते हुए उनका दंभ छिपता नहीं है..) मैं कहता हूं हैं भी तो क्या.. कम से कम पत्रकारिता करते हुए जो साहस आप दिखा रहे है वो कभी नहीं दिखा सकते... क्योंकि वो टीआरपी कंटेंट ढूंढ़ते हैं और टीआरपी रवीश कुमार को ढूंढ़ता हूं.. पत्रकारिता के अल्पसंख्यकों की आप उम्मीद हैं.. Long live Ravish sir..
(दीपक कुमार की फेसबुक वॉल से)
#रवीश_कुमार को #मैग्सायसाय_पुरस्कार मिलने पर बहुत-बहुत बधाई! ‘गोदी मीडिया’ के इस दौर में रवीश ने निर्विवाद रूप से साबित कर दिया है कि पत्रकारिता का अर्थ क्या है। वह मौजूदा दौर की हिन्दी पत्रकारिता के सिरमौर हैं और हम सबको उन पर गर्व होना चाहिए।
(वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी की फेसबुक वॉल से)
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