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इनवेस्को के ओपन लेटर पर ZEE ने दी प्रतिक्रया, Sony के साथ डील पर कही ये बात
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने अपने सबसे बड़े एकल शेयरधारक इनवेस्को के ओपन लेटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने अपने सबसे बड़े एकल शेयरधारक इनवेस्को के ओपन लेटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और सोनी के साथ डील पर स्पष्टीकरण दिया है। सोनी पिक्चर नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) के साथ अपने प्रस्तावित विलय पर, जी एंटरटेनमेंट ने कहा कि वह प्रस्तावित सौदे का मूल्यांकन करने के लिए इनवेस्को को सूचना की आवश्यकता की सराहना करती है। हालांकि, सोनी के साथ गैर-बाध्यकारी समझौते की सभी प्रमुख शर्तों को लेकर सहमति है। इसके बारे में 22 सितंबर, 2021 को खुलासा किया गया था।
जी ने कहा, ‘यह भी खुलासा किया गया है कि हम सोनी के साथ बाध्यकारी समझौते पर बातचीत की प्रक्रिया में हैं और नियम के अनुसार जरूरी इनवेस्को समेत सभी शेयरधारकों से उनकी मंजूरी के लिये संपर्क किया जाएगा। इससे सभी शेयरधारकों को समझौते की समीक्षा का मौका मिलेगा।’
दरअसल, इनवेस्को ने सोनी पिक्चर नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय पर सवाल उठाया था और कहा था कि संस्थापक परिवार को गैर-प्रतिस्पर्धी माध्यम से अतिरिक्त दो प्रतिशत इक्विटी उपहार में देने की घोषणा की गयी है, जो पूरी तरह से अनुचित लगती है। साथ ही संस्थापक परिवार को अपनी हिस्सेदारी चार प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का रास्ता भी प्रदान करती है। इनवेस्को ने कहा था कि जिस तरीके से यह सब किया जा रहा है, इसमें पारदर्शिता का अभाव है।
जी एंटरटेनमेंट ने कहा, ‘इनवेस्को को सोनी के साथ प्रस्तावित डील पर ‘अर्धसत्य’ प्रकाशित करने से बाज आना चाहिए।
जी एंटरटेनमेंट ने नॉन-कॉम्पीट फीस पर सोनी के साथ प्रस्तावित सौदे और प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के संबंध में इनवेस्को की आपत्तियों को भी उजागर किया है। जी एंटरटेनमेंट के बोर्ड ने कहा, ‘सोनी डील में जी के प्रमोटर्स को मिलने वाली नॉन-कॉम्पीट फीस एक सेकेंडरी डील है और इसे पब्लिक शेयरहोल्डिंग में नहीं डॉल्यूट किया जा सकता है। इतना ही नहीं, सोनी के साथ डील में प्रमोटर को मिलने वाली शेयरहोल्डिंग, इनवेस्को की तरफ से प्रस्तावित रिलायंस डील से कम है।’
प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत तक बढ़ाने पर इनवेस्को के संदेह के बारे में, जी एंटरटेनमेंट ने कहा कि कंपनी द्वारा जारी सार्वजनिक घोषणा में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रमोटर परिवार अपनी हिस्सेदारी को मौजूदा 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के लिए स्वतंत्र है।
जी एंटरटेनमेंट ने कहा कि जी के प्रमोटरों के पास मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाने का विकल्प खुला रहेगा। प्रमोटर को किसी तरह का अतिरिक्त अधिकार नहीं मुहैया कराया गया है।
जी एंटरटेनमेंट ने कहा कि ऐसा लगता है कि सेबी के एडवाइजरी लेटर में की टिप्पणी को इनवेस्को ने नजरअंदाज कर दिया हैं। जी ने कहा, ‘सेबी एडवाइजरी लेटर में भी यह कहा गया है कि कंपनी ने खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं। इनवेस्को ने सितंबर 2020 में पुनीत गोयनका को दोबारा नियुक्त करने के पक्ष में वोट भी दिया था।’
जी एंटरटेनमेंट ने आरोप लगाया कि इनवेस्को ने उन्हें आखिरी समय तक यह नहीं बताया कि वह बिना किसी अधिकार के कंपनी के नाम पर सौदेबाजी कर रही हैं। बता दें कि इससे पहले दिन में इनवेस्को ने जी के शेयरहोल्डरों को ओपन लेटर लिखा था।
इनवेस्को ने जी के शेयरधारकों को एक खुले पत्र में मीडिया कंपनी के निदेशक मंडल (बोर्ड) के पुनर्गठन की अपनी मांग भी दोहराई है और कहा कि वह मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ पुनीत गोयनका और दो अन्य निदेशकों को हटाने के लिए असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने की कोशिश करती रहेगी।
बता दें कि पिछले महीने सोनी ग्रुप की भारत इकाई ने जी को खरीदने के लिए एक गैर-बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षण किए। प्रस्तावित सौदे में विलय के बाद बनी इकाई में सोनी के पास इंडिया की लगभग 53 प्रतिशत हिस्सेदारी और शेष जी के पास होगी। वहीं इसी डील पर सवाल उठाते हुए इनवेस्को ने कहा था कि जी एंटरटेनमेंट ऐसी डील क्यों करना चाहता है जिससे आम शेयरधारकों के लॉन्ग टर्म इंटरेस्ट की अनदेखी हो रही है।
इनवेस्को ने कहा था कि गैर-प्रतिस्पर्धी (नॉन-कॉम्पीट) माध्यम से संस्थापक परिवार को अतिरिक्त दो प्रतिशत इक्विटी उपहार में देने की घोषणा पूरी तरह से अनुचित है और संस्थापक परिवार को अपनी हिस्सेदारी चार प्रतिशत से बढ़ाकर 20 करने का रास्ता भी खोलती है। इनवेस्को ने कहा था कि इससे दूसरे सभी शेयरधारकों का हिस्सा कम होगा, जिसे हम अनुचित मानते हैं। कम से कम हम यह उम्मीद करेंगे कि एमडी/सीईओ (प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अपने पद को तत्काल छोड़ें। इनवेस्को ने बोर्ड और प्रबंधन को जवाबदेह ठहराने और जी में जरूरी बदलाव करने के लिए असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने का इरादा भी जताया था।
बता दें कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में इनवेस्को ग्रुप की 17.88% हिस्सेदारी है और वह ZEE की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है।
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