होम / टीवी / इनवेस्को की इस मांग के खिलाफ ZEE एंटरटेनमेंट ने NCLAT में की अपील
इनवेस्को की इस मांग के खिलाफ ZEE एंटरटेनमेंट ने NCLAT में की अपील
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए असाधारण आम बैठक बुलाने की इनवेस्को और OFI ग्लोबल चाइना फंड की मांग के खिलाफ बुधवार को NCLAT का रुख किया है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए असाधारण आम बैठक (EGM) बुलाने की इनवेस्को और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड की मांग के खिलाफ बुधवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) का रुख किया है। कंपनी का कहना है कि इनवेस्को का नोटिस अमान्य है।
मीडिया कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती दी है, जिसने मंगलवार को ZEEL को अल्पांश शेयरधारकों की याचिका पर सात अक्टूबर (गुरुवार) तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सात अक्टूबर मामले में सुनवाई की अगली तारीख है।
बता दें, इनवेस्को चाहता है कि ZEEL के बोर्ड में बदलाव हो, इसके लिए उसने 6 नामों का प्रस्ताव भी दिया है। वहीं जी एंटरटेनमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनीत गोयनका को पद से हटाने की मांग भी की गयी है। लेकिन, अब तक इन सबकी कोई ठोस वजह नहीं बताई है। साथ ही शेयरहोल्डर्स को यह भी सुनिश्चित नहीं किया है कि मैनेजमेंट किसे सौंपा जाएगा। पूरे मामले में ट्रांसपेरेंसी नहीं होने से इनवेस्को सवालों के घेरे में है।
मीडिया कंपनी ने पिछले हफ्ते सूचित किया था कि उसने अल्पांश शेयरधारकों की मांग के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है।
ZEEL की तरफ से जारी हुआ स्टेटमेंट
ZEEL के प्रवक्ता की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 'कंपनी कानून के तहत उचित प्रक्रिया के अनुसार नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में चली गई है। कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में भी मामले में एक मुकदमा दायर किया है। कंपनी का कहना है कि इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड और OFI ग्लोबल चाइना फंड LLC की तरफ से भेजा गया डिमांड नोटिस वैध नहीं है या अमान्य है। कंपनी को भारतीय न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है और वह अपने सभी शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में सभी आवश्यक कदम उठाएगी।'
गौरतलब है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने इनवेस्को और ओएफआई ग्लोबल चाइना की याचिका पर मंगलवार को जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज से जवाब तलब किया। न्यायाधिकरण ने कहा कि विवाद का मामला सरल है। क्या असाधारण आम बैठक (ईजीएम) की मांग वैध है या नहीं और वह जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज को इस बारे में जवाब देने के लिये ‘सप्ताह-दर-सप्ताह’ का समय नहीं दे सकता।
तब न्यायमूर्ति भास्कर पंतुला मोहन और नरेंद्र कुमार भोला ने एक मौखिक आदेश में कहा, ‘...हमारा विचार है कि न्यूनतम उपयुक्त समय दिया जाना चाहिए।’ न्यायाधिकरण ने मामले की सुनवाई के लिये सात अक्टूबर की तारीख तय की।
बता दें कि अमेरिका की इनवेस्को ने 30 सितंबर को याचिका दायर की थी, जिसमें जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका के साथ दो अन्य निदेशकों को हटाने और छह नए निदेशकों की नियुक्ति के साथ निदेशक मंडल के गठन को लेकर ईजीएम बुलाने का निर्देश देने का आग्रह किया था।
इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड (पूर्व में इनवेस्को ओपरहेइमर डेवलपिंग मार्केट्स फंड) की ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी के साथ जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में 17.88 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
एनसीएलटी ने कंपनी को इनवेस्को के आसाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने के आग्रह पर विचार के लिये निदेशक मंडल की बैठक बुलाने का निर्देश दिया था।
हालांकि, एक अक्टूबर को जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लि. ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि निदेशक मंडल ने इनवेस्को की निदेशक मंडल के पुनर्गठन की मांग को लेकर ईजीएम बुलाने के आग्रह को अवैध करार दिया है। कंपनी ने दो अक्टूबर को कहा कि उसने इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
टैग्स जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज इनवेस्को ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड असाधारण आम बैठक नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल