होम / विचार मंच / पूरन डावर ने बताया, देश का व्यापारिक संतुलन बिगड़ने के पीछे क्या है बड़ा कारण

पूरन डावर ने बताया, देश का व्यापारिक संतुलन बिगड़ने के पीछे क्या है बड़ा कारण

कोई भी साम्यवादी देश या अप्रजातांत्रिक देश किसी का सगा नहीं हो सकता। नाटो विश्व शांति के लिए कभी खतरा नहीं, बल्कि शांति के लिए आवश्यक है।

पूरन डावर 2 years ago

पूरन डावर, चिंतक एवं विश्लेषक।।

हम आजादी के बाद सोवियत गुट में रहे। ऐसे में बड़ी योजनाएं रूस के साथ, सारा आयुध रूस से...स्वाभाविक है। इसे रूस की आपके कठिन समय पर सहायता कहें या अपना उद्देश्य, मेरा मानना है कि कोई भी साम्यवादी देश या अप्रजातांत्रिक देश किसी का सगा नहीं हो सकता। अमेरिका के सहयोग से भारत की स्थिति बेहतर रहती।

परमाणु अविस्तार नीति विश्व शांति के लिए सदैव आवश्यक है। भारत ने जब परमाणु परीक्षण किया, केवल यूक्रेन ने ही नहीं, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूके व यूरोप सहित लगभग सबने प्रतिबंध लगाए। मेरा मानना है कि जब तक देश पूरी तरह परिपक्व न हो जाए और परमाणु हथियार का इस्तेमाल अंतिम उपाय के रूप में यदि जरूरी न हो, तब तक उसका प्रयोग रोकना आवश्यक है। यह बात अलग है कि हमारी सीमा के असुरक्षित होने और पाकिस्तान के भी परमाणु संपन्न होने के कारण अपनी रक्षा के लिए और एक बड़े लोकतंत्र के नाते हमें इनकी आवश्यकता थी, लेकिन हमने पहले इनका इस्तेमाल न करने पर अपनी प्रतिबद्धता रखी।

समय आने पर बुश ने स्वयं भारत के साथ परमाणु संधि की, उसके पीछे का उद्देश्य स्पष्ट था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमें इसे हर हाल में बचाना होगा। यह अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा के अनुरूप है। नाटो विश्व शांति के लिए कभी खतरा नहीं, बल्कि शांति के लिए आवश्यक है। इराक, लीबिया, सीरिया और अफगानिस्तान में जंगलराज था। यह अपने देशवासियों के उत्पीड़न सहित पूरे विश्व के लिए खतरा थे। इन देशों को दुरुस्त करना और प्रजातंत्र के लिए प्रयास करना अमेरिका के मूल उद्देश्यों में है।

भारत के आगे पाक एक कमजोर देश था। यदि भारत की आक्रामकता कहीं अमेरिका ने समझी तो बचाव का प्रयास किया। यद्यपि भारतीय के नाते हम इसका समर्थन नहीं कर सकते। अमेरिका एवं रूस में हमेशा शीत युद्ध रहा है। साम्यवादी देश क्यूबा उस महाद्वीप में है और अमेरिका का उद्देश्य हर देश को स्वतंत्र और हर देश में प्रजातंत्र है। (refer to Jefferson Declaration of Independence)

नाटो का सदस्य बनने मात्र से रूस को खतरा हो सकता है, इसलिए यूक्रेन को समाप्त कर दिया जाए, बजाय इसके अपनी शक्ति को बड़ा कर संभावित खतरे से लड़ने की क्षमता बनाए। रूस से सटे अनेक देश नाटो के सदस्य हैं। रूस पर कब हमला हो गया जो यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने के बाद हो जाता। वास्तविकता यह है कि यूक्रेन, रूस के खतरे से अपने आपको बचाने और सुरक्षित करने के लिए ही नाटो की सदस्यता चाहता था। उसे रूस से खतरा था, यह इस युद्ध ने सिद्ध कर दिया।

यूक्रेन को बलि का बकरा नहीं बनाया, बल्कि अमेरिका न युद्ध को टालने के हर संभव प्रयास किए। धमकी भी दीं, लेकिन रूस नहीं माना और यूक्रेन अभी नाटो का सदस्य बना नहीं। ऐसे में अमेरिका यदि बीच में सीधे कूदता तो विश्वयुद्ध उसी दिन शुरू हो जाना था। वह यूक्रेन की यथासंभव मदद कर रहा है और जब तक विश्व युद्ध टल सके, टाल रहा है।

मैं निर्यातक हूं। सोवियत ट्रेड को नजदीक से देखा है। बंद अर्थव्यवस्था के कारण पूरा दोहन भारत का हुआ है। भारत के व्यापारिक संतुलन बिगड़ने का बड़ा कारण यह रहा है। अनेक उदाहरण और संस्मरण हैं, पूरा एक अलग लेख लिखा जा सकता है। यह मेरे निजी विचार और सोच है। विचारधाराओं में भिन्नता समाज का एक भाग है।

(यह लेखक के निजी विचार हैं)


टैग्स पूरन डावर रूस-यूक्रेन विवाद रूस-यूक्रेन युद्ध रूस-यूक्रेन जंग रूस-यूक्रेन न्यूज व्यापारिक संतुलन
सम्बंधित खबरें

'S4M पत्रकारिता 40अंडर40' के विजेता ने डॉ. अनुराग बत्रा के नाम लिखा लेटर, यूं जताया आभार

इस कार्यक्रम में विजेता रहे ‘भारत समाचार’ के युवा पत्रकार आशीष सोनी ने अब इस आयोजन को लेकर एक्सचेंज4मीडिया समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा के नाम एक लेटर लिखा है।

1 day ago

हरियाणा की जीत पीएम नरेंद्र मोदी में नई ऊर्जा का संचार करेगी: रजत शर्मा

मोदी की ये बात सही है कि कांग्रेस जब-जब चुनाव हारती है तो EVM पर सवाल उठाती है, चुनाव आयोग पर इल्जाम लगाती है, ये ठीक नहीं है।

2 days ago

क्या रेट कट का टाइम आ गया है? पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'

रिज़र्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक सोमवार से हो रही है। लेकिन बैठक से पहले आयीं ज़्यादातर रिसर्च रिपोर्ट कह रही है कि रेट कट अभी नहीं होगा।

5 days ago

पांच भाषाओं को क्लासिकल भाषा का दर्जा देना सरकार का सुचिंतित निर्णय: अनंत विजय

किसी भी भाषा को जब शास्त्रीय भाषा के तौर पर मानने का निर्णय लिया जाता है तो कई कदम भी उठाए जाते हैं। शिक्षा मंत्रालय इन भाषाओं के उन्नयन के लिए कई प्रकार के कार्य आरंभ करती हैं।

5 days ago

आरएसएस सौ बरस में कितना बदला और कितना बदलेगा भारत: आलोक मेहता

मेरे जैसे कुछ ही पत्रकार होंगे, जिन्हें 1972 में संघ प्रमुख गुरु गोलवरकर जी से मिलने, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह जी और के सी सुदर्शनजी से लम्बे इंटरव्यू करने को मिले।

5 days ago


बड़ी खबरें

‘दैनिक भास्कर’ की डिजिटल टीम में इस पद पर है वैकेंसी, जल्द करें अप्लाई

यदि एंटरटेनमेंट की खबरों में आपकी रुचि है और आप मीडिया में नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए काफी काम की हो सकती है।

12 hours ago

इस बड़े पद पर फिर ‘एबीपी न्यूज’ की कश्ती में सवार हुईं चित्रा त्रिपाठी

वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी। चित्रा त्रिपाठी ने हाल ही में 'आजतक' में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह यहां एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।

1 day ago

’पंजाब केसरी’ को दिल्ली में चाहिए एंकर/कंटेंट क्रिएटर, यहां देखें विज्ञापन

‘पंजाब केसरी’ (Punjab Kesari) दिल्ली समूह को अपनी टीम में पॉलिटिकल बीट पर काम करने के लिए एंकर/कंटेंट क्रिएटर की तलाश है। ये पद दिल्ली स्थित ऑफिस के लिए है।

1 day ago

हमें धोखा देने वाले दलों का अंजाम बहुत अच्छा नहीं रहा: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

जिसकी सीटें ज़्यादा उसका सीएम बनेगा, इतने में हमारे यहाँ मान गये होते तो आज ये हाल नहीं होता, जिस चीज के लिए गये थे उसी के लाले पड़ रहे हैं।

1 day ago

भारत के कोहिनूर की तरह श्री रतन टाटा अमर रहेंगे: आलोक मेहता

उद्योगपति रतन टाटा का गुरुवार शाम को पूरे राजकीय सम्‍मान और पारसी रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्‍कार कर दिया। इस मौके पर उद्योग जगत के साथ ही समाज के हर तबके लोग मौजूद थे।

1 day ago