होम / विचार मंच / प्रमिला दीक्षित ने बताया, एजेंडाधारियों ने कैसे बिगाड़ा न्यूज चैनल्स का ‘गणित’

प्रमिला दीक्षित ने बताया, एजेंडाधारियों ने कैसे बिगाड़ा न्यूज चैनल्स का ‘गणित’

ट्रंप अहमदाबाद में थे और हर चैनल ट्रंप के पीछे। सुबह से दोपहर तक ट्रंप और मेलानिया के व्यवहार और बॉडी लैंग्वेज पर चैनल ऐसे बहस कर रहे थे, जैसे उन्नाव वाली चाची और फूफा पर

प्रमिला दीक्षित 4 years ago

प्रमिला दीक्षित, वरिष्ठ पत्रकार।।

ट्रंप अहमदाबाद में थे और हर चैनल ट्रंप के पीछे। सुबह से दोपहर तक ट्रंप और मेलानिया के व्यवहार और बॉडी लैंग्वेज पर चैनल ऐसे बहस कर रहे थे, जैसे उन्नाव वाली चाची और फूफा पर। लेकिन दोपहर होते-होते सोशल मीडिया जिन भयावह खबरों से पट गया था, मेन मीडिया उससे चाहते हुए भी बच नहीं सकता था। दोपहर में एनडीटीवी में निधि कुलपति और मनोरंजन भारती जब जाफराबाद में मौजूद परिमल से खोज खबर ले रहे थे। उस समय परिमल के आसपास की भीड़ के तेवर बता रहे थे कि परिमल वो बोल नहीं पा रहे जो वो देख रहे हैं। उन्होंने दाएं-बाएं होकर बताने की कोशिश की कि कैमरे में शूट करने की इजाजत नहीं है और भीड़ के मनमाफिक न बोलने पर विरोध भी झेल रहे हैं रिपोर्टर।

फिर आई खबर, लेकिन खबरों से तेजी से आए एजेंडे और फिर एजेंडे और फिर बदलते एजेंडे। रतनलाल की शहादत के साथ ही खबर सेंसिटिव हो गई और शाहरूख की पहचान होते ही हद से ज्यादा सेंसिटिव।

पहले आज की तरह स्थिति नहीं थी। उन दिनों जब ‘दुर्भाग्यपूर्ण तरीके’ से ‘दो समुदायों’ में झड़प होती थी और लोग दुर्भाग्यपूर्ण हादसों या अपराधों का शिकार होते थे तो बस अपराधों के ही शिकार होते थे। लेकिन जब से एजेंडाधारियों ने विक्टिम में मजहब तलाशना शुरू किया है, चाहते न चाहते, जानते या अनजाने में, उन्होंने खुद समाज में विद्रोह का बीज बोना शुरू किया।

अब जब विक्टिम उनके मनमाफिक धर्म का नहीं होता तो गंगा जमुनी तहजीब की दुहाई है ही बचाव के लिए। तुष्टिकरण की राजनीति, राजनीति की गलियों से निकलकर टीवी चैनलों तक पहुंच गई है। इसलिए अब वही लोग जो विक्टिमों में अल्पसंख्यक ढूंढकर अवार्ड ले जाते रहे, अब तिलमिला रहे हैं।

खबर बढ़ी तो कपिल मिश्रा की जांच की मांग टीवी स्टूडियो में बढ़ गई। भाई लोग इतनी ही उनकी मानते होते तो कपिल मिश्रा विधायक न बन जाते? खैर ये जायज सी बहस हर चैनल ने चलाई-दिखाई, लेकिन जब पार्षद ताहिर हुसैन की बारी आई तो उनके घर की छत पर पड़ी बोरियों में छिपे पत्थरों से भी तेजी से बाहर निकल आई वही पुरानी गंगा जमुनी तहजीब!

मगर छत पर मसाला इतना ज्यादा था कि एनडीटीवी तक को दिखाना पड़ा। ये अलग बात है कि पुलिस को जो हिस्सा सुबूत के लिए सील कर लेना चाहिए था, वहां हर रिपोर्टर दौरा कर आया। अब हो सकता है कि पुलिस को पत्थरों में रिपोर्टर अभिषेक उपाध्याय के फिंगर प्रिंट मिलें!

जब पत्थर चल रहे थे तो रिपोर्टर जोखिम में रिपोर्टिंग कर रहे थे। सेना ने मोर्चा संभाला तो चैनलों से एंकरों ने संभाल लिया। पत्थर चल रहे थे तो निहत्था रिपोर्टर माइक थामे दौड़ रहा था। फ्लैग मार्च होने लगा तो एंकर बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहन कर रिपोर्टिंग कर रहे थे। जिसका जब कुछ लुट गया, वो ठगा सा खड़ा बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहन के आई एंकरों को बाइट दे रहा था!

सुधीर चौधरी ने बिना किसी बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट के, विजुअली रिच हो जाएगा टाइप का तमाशा न करते हुए, लोगों के घरों और प्रभावित इलाकों में जा-जाकर देखा। सबसे अच्छी बात, किसी से ‘कौन धर्म के हो’ टाइप का न सवाल किया और न नाम पूछा। क्यूंकि लोग नाम में मजहब ढूंढ लेते हैं।

चैनलों को अब भी चेत जाना चाहिए....अगर कोई विक्टिम है तो विक्टिम है! आप मनमाफिक मजहब तलाशोगे तो मुकाबले में कई और चैनल हैं। सबकी टारगेट ऑडियंस भी है। आपकी टीआरपी नहीं बंट रही, समाज बंट रहा है!

(ये लेखिका के निजी विचार हैं।)


टैग्स प्रमिला दीक्षित मीडिया कवरेज दिल्ली दंगा
सम्बंधित खबरें

'S4M पत्रकारिता 40अंडर40' के विजेता ने डॉ. अनुराग बत्रा के नाम लिखा लेटर, यूं जताया आभार

इस कार्यक्रम में विजेता रहे ‘भारत समाचार’ के युवा पत्रकार आशीष सोनी ने अब इस आयोजन को लेकर एक्सचेंज4मीडिया समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा के नाम एक लेटर लिखा है।

1 day ago

हरियाणा की जीत पीएम नरेंद्र मोदी में नई ऊर्जा का संचार करेगी: रजत शर्मा

मोदी की ये बात सही है कि कांग्रेस जब-जब चुनाव हारती है तो EVM पर सवाल उठाती है, चुनाव आयोग पर इल्जाम लगाती है, ये ठीक नहीं है।

2 days ago

क्या रेट कट का टाइम आ गया है? पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'

रिज़र्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक सोमवार से हो रही है। लेकिन बैठक से पहले आयीं ज़्यादातर रिसर्च रिपोर्ट कह रही है कि रेट कट अभी नहीं होगा।

5 days ago

पांच भाषाओं को क्लासिकल भाषा का दर्जा देना सरकार का सुचिंतित निर्णय: अनंत विजय

किसी भी भाषा को जब शास्त्रीय भाषा के तौर पर मानने का निर्णय लिया जाता है तो कई कदम भी उठाए जाते हैं। शिक्षा मंत्रालय इन भाषाओं के उन्नयन के लिए कई प्रकार के कार्य आरंभ करती हैं।

5 days ago

आरएसएस सौ बरस में कितना बदला और कितना बदलेगा भारत: आलोक मेहता

मेरे जैसे कुछ ही पत्रकार होंगे, जिन्हें 1972 में संघ प्रमुख गुरु गोलवरकर जी से मिलने, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह जी और के सी सुदर्शनजी से लम्बे इंटरव्यू करने को मिले।

5 days ago


बड़ी खबरें

वरिष्ठ TV पत्रकार अभिषेक उपाध्याय का क्या है ‘TOP सीक्रेट’, पढ़ें ये खबर

अभिषेक उपाध्याय ने अपने ‘एक्स’ (X) हैंडल पर इस बारे में जानकारी भी शेयर की है। इसके साथ ही इसका प्रोमो भी जारी किया है।

4 hours from now

‘दैनिक भास्कर’ की डिजिटल टीम में इस पद पर है वैकेंसी, जल्द करें अप्लाई

यदि एंटरटेनमेंट की खबरों में आपकी रुचि है और आप मीडिया में नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए काफी काम की हो सकती है।

14 hours ago

इस बड़े पद पर फिर ‘एबीपी न्यूज’ की कश्ती में सवार हुईं चित्रा त्रिपाठी

वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी। चित्रा त्रिपाठी ने हाल ही में 'आजतक' में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह यहां एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।

1 day ago

’पंजाब केसरी’ को दिल्ली में चाहिए एंकर/कंटेंट क्रिएटर, यहां देखें विज्ञापन

‘पंजाब केसरी’ (Punjab Kesari) दिल्ली समूह को अपनी टीम में पॉलिटिकल बीट पर काम करने के लिए एंकर/कंटेंट क्रिएटर की तलाश है। ये पद दिल्ली स्थित ऑफिस के लिए है।

1 day ago

हमें धोखा देने वाले दलों का अंजाम बहुत अच्छा नहीं रहा: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

जिसकी सीटें ज़्यादा उसका सीएम बनेगा, इतने में हमारे यहाँ मान गये होते तो आज ये हाल नहीं होता, जिस चीज के लिए गये थे उसी के लाले पड़ रहे हैं।

1 day ago