होम / विचार मंच / 'लगता है कि मोदीजी सरकारी कागजी आंकड़ों पर भरोसा कर रहे हैं’

'लगता है कि मोदीजी सरकारी कागजी आंकड़ों पर भरोसा कर रहे हैं’

समय रहते ध्यान न दिया गया तो अगली बारी उत्तर प्रदेश की है। आज की स्थिति को बचाया नहीं जा सकता।

पूरन डावर 4 years ago

पूरन डावर, चिंतक एवं विश्लेषक।।

भाजपा ने केजरीवाल (आप) को वाकओवर दिया है। सात-सात सांसद होते हुए भी दिल्ली, दिल्ली नेतृत्वविहीन है। एक समय होता था, जब देश के चुनिंदा सांसद दिल्ली से होते थे। बलराज मधोक, मनोहर लाल सोंधी, विजय कुमार मल्होत्रा, डॉ.भाई महावीर जैसे कद्दावर सांसद होते थे। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी भी दिल्ली से सांसद रहे। मदन लाल खुराना जैसे जुझारू नेता  मुख्यमंत्री रहे।

आखिर क्या कारण है कि आज दिल्ली जैसे प्रदेश या कहें कि देश की राजधानी में किराये के या गायकों/अभिनेताओं को ढूंढा जाता है। दिल्ली के कोर वोट जो पक्के भाजपाई हैं, को छोड़कर भोजपुरी,पूर्वांचल की गायकी से राजनीति हो रही है। अभिनेताओं और दलबदलुओं पर भरोसा किया जाता है। हद तो तब हो जाती है जब देश के कद्दावर नेता, दिल्ली के मूल निवासी, दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रहे अरुण जेटली (अब दिवंगत) को दिल्ली छोड़कर अमृतसर से लड़ाया जाता है। क्या अच्छा होता कि परिचित कद्दावर चेहरों को दिल्ली से लड़ाया जाता।

दिल्ली की रही सही छवि दिल्ली नगर निगम ने समाप्त कर रखी है, जो देश के सर्वाधिक भ्रष्ट निगमों में से एक है। मोदीजी के नाम पर सांसद तो चुने जा सकते हैं। राज्य एक बार चुने जा सकते हैं, लेकिन दोबारा नहीं। राज्यों को कार्य करना ही होगा। समय रहते ध्यान न दिया गया तो अगली बारी उत्तर प्रदेश की है। आज की स्थिति को बचाया नहीं जा सकता। लगता है कि मोदीजी सरकारी कागजी आंकड़ों पर भरोसा कर रहे हैं। शौचालयों से लेकर, PMY आवास, मुद्रा ऋण, बिजली कनेक्शन सभी फ़र्जी आंकड़े हैं। ऐसे ही नसबंदी के आंकड़े अधिकारी संजय गांधी को दिया करते थे।

केंद्रीय मंत्रालयों को छोड़कर बाकी सभी भाजपा राज्यों में भ्रष्टाचार चरम पर है। आम जनता को घोटालों से सीधे अंतर नहीं पड़ता, लेकिन रोजमर्रा में राहत कतई नहीं है। कर विभाग फेसलेस में जाने के कारण आखिरी दिनो में खुलेहाथों से लूट रहे हैं। पर्यावरण लागू करने की प्रभावी नीति न बनाकर दोहन और उद्योगों को बंद किया जा रहा है और बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है।

जो दिखता है, वो बिकता है। उत्तराखंड को स्विट्जरलैंड बनाने की बात हो। जैसे- वॉटरफ़्रंट, गंगा की सफाई हो, अभी कोई दिशा या मॉड्यूल  ही नहीं है। स्मार्ट सिटी का जो हश्र है, समय रहते वास्तविक जामा न पहनाया गया तो केजरीवाल जैसा व्यक्ति आसानी से पछाड़ सकता है दिल्ली के चुनाव परिणाम सबक हैं। वैसे भी भारत की राजनीति संगठन आधारित कम नेतृत्व आधारित है। यहां चुनाव नेहरू जीतते थे, इंदिरा जीतती थीं, मायावती जीतती हैं, मुलायम जीतते हैं और आज मोदीजी जीत रहे हैं।

मोदीजी का नेतृत्व अदित्वीय है, निर्णय अभूतपूर्व है, लेकिन ये संवेदनशील मुद्दे लंबे समय तक तभी कारगर हो सकते हैं कि विकास सड़क पर दिखे। जो दिखता है वो बिकता है। उत्तर प्रदेश 30 जून तक गड्ढा मुक्त...से अधिक वीभत्स उदाहरण हो नहीं सकता। घोषणाएं और दावे नहीं, कार्य होने चाहिए। जब सड़कें गड्ढामुक्त होंगी तो दिव्यांग को भी दिखायी देंगी। उसकी लाठी भी गड्ढे में नहीं जाएगी।

(यह लेखक के निजी विचार हैं)

आप अपनी राय, सुझाव और खबरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। (हमें फेसबुक,ट्विटर, लिंक्डइन और यूट्यूब पर फॉलो करें)


टैग्स नरेंद्र मोदी बीजेपी पूरन डावर आप दिल्ली चुनाव
सम्बंधित खबरें

'S4M पत्रकारिता 40अंडर40' के विजेता ने डॉ. अनुराग बत्रा के नाम लिखा लेटर, यूं जताया आभार

इस कार्यक्रम में विजेता रहे ‘भारत समाचार’ के युवा पत्रकार आशीष सोनी ने अब इस आयोजन को लेकर एक्सचेंज4मीडिया समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा के नाम एक लेटर लिखा है।

1 day ago

हरियाणा की जीत पीएम नरेंद्र मोदी में नई ऊर्जा का संचार करेगी: रजत शर्मा

मोदी की ये बात सही है कि कांग्रेस जब-जब चुनाव हारती है तो EVM पर सवाल उठाती है, चुनाव आयोग पर इल्जाम लगाती है, ये ठीक नहीं है।

2 days ago

क्या रेट कट का टाइम आ गया है? पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'

रिज़र्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक सोमवार से हो रही है। लेकिन बैठक से पहले आयीं ज़्यादातर रिसर्च रिपोर्ट कह रही है कि रेट कट अभी नहीं होगा।

5 days ago

पांच भाषाओं को क्लासिकल भाषा का दर्जा देना सरकार का सुचिंतित निर्णय: अनंत विजय

किसी भी भाषा को जब शास्त्रीय भाषा के तौर पर मानने का निर्णय लिया जाता है तो कई कदम भी उठाए जाते हैं। शिक्षा मंत्रालय इन भाषाओं के उन्नयन के लिए कई प्रकार के कार्य आरंभ करती हैं।

5 days ago

आरएसएस सौ बरस में कितना बदला और कितना बदलेगा भारत: आलोक मेहता

मेरे जैसे कुछ ही पत्रकार होंगे, जिन्हें 1972 में संघ प्रमुख गुरु गोलवरकर जी से मिलने, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह जी और के सी सुदर्शनजी से लम्बे इंटरव्यू करने को मिले।

5 days ago


बड़ी खबरें

वरिष्ठ TV पत्रकार अभिषेक उपाध्याय का क्या है ‘TOP सीक्रेट’, पढ़ें ये खबर

अभिषेक उपाध्याय ने अपने ‘एक्स’ (X) हैंडल पर इस बारे में जानकारी भी शेयर की है। इसके साथ ही इसका प्रोमो भी जारी किया है।

2 hours from now

‘दैनिक भास्कर’ की डिजिटल टीम में इस पद पर है वैकेंसी, जल्द करें अप्लाई

यदि एंटरटेनमेंट की खबरों में आपकी रुचि है और आप मीडिया में नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए काफी काम की हो सकती है।

16 hours ago

इस बड़े पद पर फिर ‘एबीपी न्यूज’ की कश्ती में सवार हुईं चित्रा त्रिपाठी

वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी। चित्रा त्रिपाठी ने हाल ही में 'आजतक' में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह यहां एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।

1 day ago

’पंजाब केसरी’ को दिल्ली में चाहिए एंकर/कंटेंट क्रिएटर, यहां देखें विज्ञापन

‘पंजाब केसरी’ (Punjab Kesari) दिल्ली समूह को अपनी टीम में पॉलिटिकल बीट पर काम करने के लिए एंकर/कंटेंट क्रिएटर की तलाश है। ये पद दिल्ली स्थित ऑफिस के लिए है।

1 day ago

हमें धोखा देने वाले दलों का अंजाम बहुत अच्छा नहीं रहा: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

जिसकी सीटें ज़्यादा उसका सीएम बनेगा, इतने में हमारे यहाँ मान गये होते तो आज ये हाल नहीं होता, जिस चीज के लिए गये थे उसी के लाले पड़ रहे हैं।

1 day ago