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अविनाश पांडेय की ये तीन खासियतें उन्हें बनाती हैं सबसे अलग: पंकज कृष्णा
'क्रोम डेटा एनालिटिक्स एंड मीडिया' के फाउंडर व सीईओ पंकज कृष्णा ने एबीपी नेटवर्क के पूर्व सीईओ अविनाश पांडेय पर एक लेख लिखा है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 months ago
'क्रोम डेटा एनालिटिक्स एंड मीडिया' के फाउंडर व सीईओ पंकज कृष्णा ने एबीपी नेटवर्क के पूर्व सीईओ अविनाश पांडेय पर एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि अविनाश पर कुछ भी लिखना अतिदेब सरकार, उदय शंकर और पीटर मुखर्जी के उल्लेख किए बिना अधूरा है। हालांकि, इन चारों के बीच संबंध देखने के लिए आपको इस लेख को पूरा पढ़ना होगा, क्योंकि इसे व्यक्तिगत रूप से लिखा गया है। बहुत प्रचलित चैटजीपीटी (ChatGPT) या किसी भी एक्टिव AI टूल का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया गया है।
तो चलिए शुरू करते हैं! फरवरी के मध्य में अविनाश और मैं मुंबई जाने वाली फ्लाइट से उड़ान भर रहे थे। इस दौरान हमेशा की तरह हमने बिजनेस पर चर्चा की। फिर मार्च के पहले सप्ताह में पेनांग में होने वाले आगामी IAA कॉन्फ्रेंस को लेकर बातचीत की, जो संयोग से मुंबई में होने वाली वार्षिक FICCI फ्रेम्स कॉन्फ्रेंस के दौरान ही थी और यह सब उसी समय को क्लैश कर रही थी, जब स्टैनफोर्ड मेंअविनाश का व्याख्यान होना था। लेकिन इन सब से पहले फरवरी के अंत में 'ABP एनुअल आइडियाज ऑफ इंडिया' का आयोजन होना था, जिसका मतलब था कि अगले सप्ताह उनकी मुंबई की एक और यात्रा। दिल्ली / मुंबई / दिल्ली / मुंबई / दिल्ली / कैलिफोर्निया / पेनांग / दिल्ली, यह उनकी सभी यात्राएं 10 दिनों के अंतराल में हीं थीं- तो ऐसे हैं आपके अविनाश: एक उत्साही यात्री - जो चांद पर भी व्याख्यान करने या बोलने का मौका नहीं छोड़ते!
मैं अविनाश को करीब दो दशकों से जानता हूं और यहां उनकी तीन खासियतें बताता हूं- नेटवर्किंग के प्रति उनका जुनून, मन का एकाग्रजित होना और अटूट नेतृत्वकौशल।
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमारी लालसा और बढती जाती है। हम चाहते हैं कि हमारे सभी वेंचर्स सफल हों, हम हर दिलचस्प व्यक्ति के साथ सहयोग करना चाहते हैं, हम अपने रास्ते में आने वाले हर तरह के अवसर को तलाशना चाहते हैं और हम खुद का सर्वश्रेष्ठ वर्जन बनना चाहते हैं और अविनाश पांडे का करियर उपरोक्त बातों का प्रमाण है।
अविनाश को लेकर तब तक बात नहीं हो सकती, जब तक स्टार के शुरुआती सालों में उदय शंकर के किस्सों का और पीटर मुखर्जी के किस्सों का बखान न किया जाए, जोकि साल 2000-2005 को लेकर है और बताएंगे कि स्टार नेटवर्क को बनाने में पीटर ने कितनी मजबूत भूमिका अदा की थी।
अविनाश और अतिदेब सरकार के बीच एक समानता यह है कि उन्होंने ABP नेटवर्क को पूर्ण स्वायत्तता (autonomy) और अधिकार (authority) के साथ स्थापित किया। एक कॉमन एलिमेंट जो इन सभी को जोड़ता है और वह है 'स्टार न्यूज', जो आगे चलकर 'ABP न्यूज नेटवर्क' बन गया। एक और भी महत्वपूर्ण कॉमन एलिमेंट है, जो इन सभी को जोड़ता है और वह है इनके मैनेजमेंट का स्टाइल और कॉर्पोरेट वंशावली (corporate pedigree).
इन क्वॉलिटीज का एक उदाहरण है, जो अविनाश और अतिदेब दोनों में झलकता है, वह है उच्चतम स्तर का शिष्टाचार और हाव-भाव। एबीपी के दफ्तर में जब भी गया, मिलने पर हर बार मेरा स्वागत किया गया। इतना ही नहीं छोड़ने के लिए व्यक्तिगत तौर पर दरवाजे तक चलकर आए और यह सब उनके मूल्यों को दर्शाता है। कुछ इसी तरह की चीजें हैं, जिसे मैंने आत्मसात किया है और क्रोम डीएम में अपने सभी सहकर्मियों को भी बताया है।
सार्थक रिश्तों को बढ़ावा देने और इंडस्ट्री ट्रेंड्स को सबसे पहले फॉलो करने के अविनाश के समर्पण को मैंनें प्रत्यक्ष रूप से देखा है। उनका वैश्विक दृष्टिकोण और एक विशाल नेटवर्क बनाने की क्षमता उनके पूरे करियर में अमूल्य धरोहर है।
उनकी दूसरी क्वॉलिटी है मन को एकाग्र करना- एक प्रमुख चुनौती जिसका हम सभी सामना करते हैं, वह है कोई कार्य करते हुए उसी पल में बने रहना। जब हम किसी से मिलते हैं, तो उस व्यक्ति पर आपका पूरा ध्यान होना चाहिए, यही अविनाश हैं। जब वह कार्यालय में होते हैं, या किसी कार्यक्रम में या फिर IAA में अपनी प्रस्तुति देते हैं, तो वह पूरी तरह से उसी पल में होते हैं। यह सचमुच काम करने का सबसे कुशल तरीका है।
उनकी तीसरी क्वॉलिटी है उनका नेतृत्वकौशल- हम सभी के मैनेजमेंट की स्टाइल अलग-अलग होती है, लेकिन अविनाश में मुझमें जो काबिलियत नजर आती है, वह है उनका नेतृत्वकौशल यानी लीडरशिप स्टाइल। वह जानते हैं कि कब और कौन सा सवाल पूछना चाहिए, जो अंततः टीमों पर भरोसा करने और उन्हें अपनी जिम्मेदारियां लेने के लिए सशक्त बनाता है, जिससे जवाबदेही और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। यह मैनेजमेंट स्टाइल उनके नेतृत्व में किए गए इनीशिएटिव्स की सफलता में एक महत्वपूर्ण कारक रही है। मीडिया परिदृश्य की उनकी गहरी समझ और यह जानना कि अच्छी स्थिति में बने रहने या बुरी स्थिति से बचने के लिए क्या करना है, यह चीज ही तो है, जो हमेशा रणनीतिक निर्णय लेने में उनकी मदद करती थी, जिससे सफलता और विकास सुनिश्चित हो सका। अवसरों की पहचान करना और नेटवर्क के फायदे के लिए उसका लाभ उठाना ही उनके लीडरशिप की क्वॉलिटी को बताता है।
एक बिजनेस लीडर के तौर पर हम सभी को बड़ा बनने की जरूरत है। यही हमारा अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। हालांकि, आप यह सब नहीं कर सकते। एक टीम तभी अच्छी होती है, जब उस टीम का सबसे कमजोर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करे। लिहाजा टीम को मजबूत बनाने का एकमात्र तरीका यही है, कि हर किसी को समय देना चाहिए और जिम्मेदारियां देकर उसे आगे बढ़ाते रहना चाहिए।
कई बार चीजें काम नहीं करती हैं, लेकिन समय के साथ टीम को आगे बढ़ाना और उसमें सुधार करना ही एक सही तरीका है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बड़ी तस्वीर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पहले खुद के लिए समय निकालना जरूरी है और यही स्मार्ट तरीका है।
कोई भी लेख सुधार के क्षेत्र या विकास की गुंजाइश के उल्लेख के बिना पूरा नहीं होता है, इसलिए संक्षेप में मैं जिस बात को मजबूती से कहना चाहता हूं, वह है कि हम सभी को अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए।
हम जो खाते हैं, वैसे ही होते हैं। यह लाइन सभी के लिए है, स्पेशली मेरे सभी दोस्तों के लिए। इसी वजह से मैंने "नेचर ब्राइट- एलाइनिंग विद नेचर" नाम से एक पहल शुरू की है। अविनाश मेरे वॉट्सऐप एप ग्रुप का हिस्सा रहे हैं, लेकिन मैंनें उन्हें अभी तक इसमें सक्रिय रूप से भाग लेते नहीं देखा है। संक्षेप में कहूं तो- जल्दी सोएं और जल्दी उठें। अपनी सुबह उन चीजों को करने में बिताएं जो आपकी आत्मा के लिए अच्छी हैं, जैसे- योग, जिम, दोस्तों के साथ चाय, परिवार के साथ समय, भूख लगने पर ही खाएं, कभी-कभी भोजन को त्याग दें, कुछ ताजा जूस पिएं, सुबह गैजेट या स्क्रीन से बचें, जब तक कि घर से निकलने का समय न हो जाए।
एक नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं, जिसके बारे में हम जल्द ही सुनेंगे... अविनाश पांडेय - क्योंकि वह एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं और मीडिया जगत उत्सुकता से उनके अगले कदम का इंतजार कर रही है... और सभी स्टॉलवर्थ्स को शुभकामनाएं - उदय (जो भारत के सबसे बड़े मीडिया व मनोरंजन साम्राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं), अतिदेब (जो एबीपी न्यूज नेटवर्क में कॉरपोरेट प्रशासन के उच्चतम स्तरों के साथ एक प्रोफेशनल वातावरण को बनाए हुए हैं) और पीटर (अब एक बहुत ही प्रिय मित्र - जो गोवा में नदी के सामने अपने बहुत ही खूबसूरत विला में हर दिन रहते हैं।).
*उल्लेखित लोगों के बारे में सभी विचार उनके प्रोफेशनल करियर या कॉरपोरेट जीवन तक ही सीमित हैं, इंडस्ट्री के बाहर किसी भी चीज़ से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
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