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2024 तक कितने नेता विपक्ष के शिविर में खड़े रह पाएंगे: अमिताभ अग्निहोत्री
जब मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन जैसे लोग जेल गए तो इनकी पार्टी के लोगों को और उनके समर्थकों को यह लगता था कि कुछ ही दिनों में यह जेल से बाहर आ जाएंगे।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
अमिताभ अग्निहोत्री, कंसल्टिंग एडिटर, टीवी 9 उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड।
देश का राजनीतिक तापमान इस बार बड़ा विचित्र है। परिदृश्य ऐसा बन रहा है कि 2024 के आम चुनाव तक कितने नेता और कितने नेताओं की पार्टियां विपक्षी एकता का दम भर पाएंगे? महाराष्ट्र में जो हुआ और शरद पवार का घर और पार्टी दोनों टूट गए। अजित पवार ने विद्रोह किया और भारतीय जनता पार्टी ने एनसीपी को अपने खेमे में मिलाकर एक नया गठबंधन खड़ा कर दिया।
उसके बाद तो अब ऐसा लगने लगा है कि विपक्षी एकता की यह डगर बहुत कठिन होने वाली है। जब मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन जैसे लोग जेल गए तो इनकी पार्टी के लोगों को और उनके समर्थकों को यह लगता था कि कुछ ही दिनों में यह जेल से बाहर आ जाएंगे। इलाज के लिए हो सकता है वह बाहर आ गए ! किसी से मिलने के लिए हो सकता है वह बाहर आ गए! अन्यथा तिहाड़ में ही है।
सत्येंद्र जैन जी का तो पता नहीं कितना समय तिहाड़ में बीत चुका है और 8 महीने से मनीष सिसोदिया भी जेल में ही हैं। उधर आप तमिलनाडु में देखिए कि स्टालिन के मंत्री किस तरीके से फूट-फूट कर रोए और आखिरकार उन्हें भी जेल जाना पड़ा। महाराष्ट्र में नवाब मलिक का उदाहरण सबके सामने हैं।
उनके जैसा कोई वाचाल नेता ही आज के समय में होगा लेकिन वह जेल में है। वह भी यही कहते रहते थे कि कोई हमारा क्या बिगाड़ लेगा? और जब बिगड़ा तो ऐसा बिगड़ा की जेल गए और जेल भी ऐसे गए की जमानत की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। यह जो एक माहौल बन रहा है, एक परिदृश्य खड़ा हो रहा है, यह यही सवाल खड़े कर रहा है कि 2024 तक विपक्षी एकता में आखिर कितने दल बचेंगे और कितने लड़ेंगे !
राजनीतिक शब्दावली में आप इसे कुछ भी कहिए लेकिन आज एक ऐसा समय आ गया है जब हर पार्टी दूसरी पार्टी को भाजपा की B टीम कहती है और एजेंट बताती है।
(यह लेखक के निजी विचार है)
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