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मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी का कैसे फूटा भांडा, पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब किताब'
अंसारी बिना रजिस्ट्रेशन के सलाह दे रहे थे। सेबी ने लोगों से जमा 17 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 11 months ago
मिलिंद खांडेकर, मैनेजिंग एडिटर, तक चैनल्स, टीवी टुडे नेटवर्क।
मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी शेयर बाजार पर वीडियो बनाते थे। वीडियो में अंसारी बाजार में निवेश सीखने के लिए कोर्स पढाते थे। उनकी कंपनी का नाम बाप ऑफ चार्ट था। कोर्स पूरा करने पर 3 से 6 लाख रुपये महीने कमाई की गारंटी थीं। इस तरह उन्होंने 17 करोड़ रुपये जमा कर लिए थे। शेयर बाजार की देखरेख करने वाली संस्था सेबी ने अब लोगों को पूरी रकम वापस लौटाने का आदेश दिया है।
पिछले महीने रवि सुतंजानी का हिसाब किताब किया था। उन्होंने अपने परिचय में जितनी भी डिग्री, नौकरी के बारे में जानकारी दे रखी थी वो गलत निकली। उनके पास सिर्फ ITI मिर्जापुर से वायर मैन की डिग्री थी। रवि सोशल मीडिया पर सक्रिय थे। वो बिज़नेस सलाह देने के लिए आधे घंटे के 24 हजार रुपये तक लेते थे। भंडाफोड़ होने के रवि सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर गायब हो गए हैं। अब बाप ऑफ चार्ट फंस गए हैं।
मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी उर्फ बाप ऑफ चार्ट के यूट्यूब चैनल पर चार लाख सब्सक्राइबर है। ट्विटर यानी X पर 83 हजार। इसके अलावा टेलीग्राम चैनल पर 50 हजार से ज्यादा मेंबर हैं। वो शेयर बाजार में निवेश के लिए 19 अलग अलग कोर्स चलाते थे। एजुकेशन के नाम पर निश्चित रिटर्न का वादा करते थे। ये सेबी के नियम का उल्लंघन है। शेयर बाजार में खरीदने बेचने की सलाह रजिस्टर्ड सलाहकार ही दे सकते हैं। उन्हें इसके लिए परीक्षा पास करना पड़ती है। अंसारी बिना रजिस्ट्रेशन के सलाह दे रहे थे। सेबी ने लोगों से जमा 17 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है। उन्हें शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से बैन कर दिया गया है।
जैसे रवि सुतंजानी की डिग्री फर्जी थी वैसे ही अंसारी खुद शेयर बाजार में पैसे गंवा रहे थे लेकिन लोगों को लाखों रुपये बनाने की सलाह दे रहे थे। उनका दावा था कि 200 से 300% तक रिटर्न मिलेगा जबकि पिछले दो साल में खुद अंसारी को शेयर बाजार में तीन करोड़ रुपए का घाटा हो चुका है। सोशल मीडिया पर लोगों की असलियत छिपी रह जाती है। अगर आप PPF जैसी स्कीम में पैसे लगा रहे हैं तो 7-8% रिटर्न मिल सकता है, इक्विटी म्यूचुअल फंड 12-14 % रिटर्न देते आएं हैं। इससे ज्यादा रिटर्न का कोई वादा कर रहा है तो दाल में कुछ काला हो सकता है।
(वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर 'टीवी टुडे नेटवर्क' के 'तक चैनल्स' के मैनेजिंग एडिटर हैं और हर रविवार सोशल मीडिया पर उनका साप्ताहिक न्यूजलेटर 'हिसाब किताब' प्रकाशित होता है।)
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