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टीवी पत्रकार चित्रा त्रिपाठी बोलीं, राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद नहीं छोड़ना चाहिए
1928 में मोतीलाल नेहरू के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ ही नेहरू-गांधी परिवार का पार्टी के अध्यक्ष पद से नाता जुड़ा, जो आज तक जारी है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद नहीं छोड़ना चाहिये, क्योंकि 1977 में जनता पार्टी सरकार के दौरान इंदिरा गांधी को अपना राजनीतिक करियर खत्म लग रहा था। यहां तक कि वो राजनीति में किसी पद पर बने नहीं रहना चाहती थीं, देश छोड़कर बाहर जाने की खबरें भी आ रही थीं। नई सरकार के कुछ लोग उन्हें जेल में डालने के लिये हर हथकंडे अपना रहे थे, तभी बिहार के #बेलछी गांव में दलितों पर नरसंहार हुआ, 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया, 3 दिन बाद खबर इंदिरा तक पहुंची। उन्होंने तुरंत गांव जाने का फैसला किया। पहले जीप, फिर ट्रैक्टर और बाढ़ की वजह से 60 साल की इंदिरा हाथी से गांव पहुंचीं।
जिस जनता ने उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंका था, वही अब उनके आगे नतमस्तक थी,वो भी कुछ महीनों के अंदर। ये देखकर इंदिरा गांधी का भरोसा लौट आया। अंदर से टूट चुकी इंदिरा नये विश्वास के साथ राजनीतिक संघर्ष के लिये निकल पड़ीं। 11 साल तक देश की PM रहने वाली इंदिरा ने फिर शून्य से शुरुआत की। जिस इंदिरा ने 30 अप्रैल 1977 को अपने दूर के भाई को लिखी चिट्टी में ये तक कहा कि हमें मदद करने वाला कोई नहीं, वकील की फीस का इंतजाम भी अब नहीं हो पा रहा। इससे अच्छा जनता सरकार के लोग हमें पत्थर से मारें, मगर 3 साल में परिस्थिति बदल गई। 1980 में इंदिरा फिर से जीतकर PM बनीं।
1928 में मोतीलाल नेहरू के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ ही नेहरू-गांधी परिवार का पार्टी के अध्यक्ष पद से नाता जुड़ा, जो आज तक जारी है। आज़ादी के बाद से अब तक कांग्रेस के 29 अध्यक्ष रहे हैं। इन 72 वर्षों में 37 वर्ष नेहरू-गांधी परिवार के तो 35 वर्ष ग़ैर कांग्रेसी अध्यक्ष रहे। कहने का तात्पर्य ये है कि कांग्रेस को इतिहास से सबक लेना चाहिये और इस्तीफा-इस्तीफा नहीं खेलना चाहिये।
@RahulGandhi ये देश एक मजबूत विपक्ष का इंतज़ार कर रहा है, सत्ता कितनी भी बड़ी क्यों न हो जाए, विपक्ष की ज़रूरत हमेशा रहेगी। मजबूत विपक्ष ही लोकतंत्र का प्राण होता है, ये अटल बिहारी वाजपेयी के शब्द हैं। इसीलिये जरूरी है कि आप इस्तीफे का खेल छोड़कर विरोधी पार्टी से भी सीखें और नई शुरुआत करें।
(‘आजतक’ में डिप्टी एडिटर/एंकर चित्रा त्रिपाठी की फेसबुक वॉल से)
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