होम / विचार मंच / ‘दिलीप ठाकुर के रूप में हमने एक शानदार इंसान व बेहतरीन पत्रकार को खो दिया’

‘दिलीप ठाकुर के रूप में हमने एक शानदार इंसान व बेहतरीन पत्रकार को खो दिया’

पिछले दिनों सोचा था कि अब किसी के जाने पर कोई शोकांजलि नही लिखूंगा। पर ऐसा कर न सका। रात को आंख बंद करता, तो वे चेहरे आकर सवाल करते थे। कहते थे, बस यहीं तक रिश्ता था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago

राजेश बादल, वरिष्ठ पत्रकार ।।

उफ्फ! यह कैसी होड़ है? सब इतनी जल्दी में हैं जाने के लिए। कोई नहीं रुक रहा है। पिछले बरस कमल दीक्षित, राजकुमार केसवानी, शिव अनुराग पटेरिया, प्रभु जोशी और महेंद्र गगन से जो सिलसिला शुरू हुआ, तो शरद दत्त, राजुरकर राज, पुष्पेंद्र पाल सिंह और दिलीप ठाकुर तक जारी है। कुछ उमर में बड़े, कुछ बराबरी के और बहुत से उमर में छोटे। मन अवसाद और हताशा के भाव से भरा हुआ है। जाना तो एक न एक दिन सबको है। कोई अमृत छक कर नही आता, लेकिन इस तरह जाने को मन कैसे स्वीकार करे?

पिछले दिनों सोचा था कि अब किसी के जाने पर कोई शोकांजलि नही लिखूंगा। पर ऐसा कर न सका। रात को आंख बंद करता, तो वे चेहरे आकर सवाल करते थे। कहते थे, बस यहीं तक रिश्ता था। अभी तो हमें गए साल भर भी नहीं हुआ और तुमने सारी यादें डिलीट कर दीं। मैं अपराधी सा सुन लेता। नहीं रहा गया तो फिर यादों की घाटियों का विचरण आपसे साझा करने लगा।

दस बारह बरस छोटे पुष्पेंद्र पाल सिंह की तो अभी त्रयोदशी भी नहीं हुई कि दिलीप ठाकुर  की खबर आ गई। साल यदि ठीक ठीक याद है तो शायद जनवरी या फरवरी 1985 रही होगी। मैं ‘नईदुनिया’में सहायक संपादक था। काम का बोझ बहुत था। संपादकीय पन्ना, संपादक के नाम पत्र, भोपाल संस्करण, मध्य साप्ताहिक और रविवारीय स्तंभों की बड़ी जिम्मेदारी थी। मैं अक्सर अभय जी से कहता कि मुझे कुछ और नए साथी चाहिए। काम अधिक है और मैं गुणवत्ता के मान से न्याय नहीं कर पा रहा हूं। अभय जी सुनते और मुस्कुरा देते। कहते कुछ नहीं। धीरे-धीरे मुझे उनकी मुस्कुराहट पर खीझ आने लगी। एक दिन अचानक उन्होंने रात को ऑफिस से घर जाते समय करीब दस बजे कहा कि कल सुबह नौ बजे आओ।

अगले दिन सुबह जब मैं पहुंचा तो उन्होंने दो कप की चाय ट्रे का ऑर्डर दिया और मुझे एक फाइल पकड़ा दी। बोले, तुम पर काम अधिक था। वाकई। लेकिन मैं जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं करता। नईदुनिया की अपनी परंपरा है। तुम जानते ही हो। मैं दो महीने से भरोसे के और योग्य नौजवानों के बारे में जानकारी एकत्रित कर रहा था। ये कुछ बायोडाटा हैं। इनमें से चार पांच छांट लो और उनके बारे में पता करके एक दिन मिलने के लिए बुला लो। मैंनें फाइल ली और अपनी डेस्क पर आ गया। फाइल से चार अच्छे  नाम निकले। ये थे, दिलीप ठाकुर, यशवंत व्यास, रवींद्र शाह और भानु चौबे। एकाध नाम और था। पर, इन चार लोगों को नईदुनिया परिवार का सदस्य बनाने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ। सभी एक से बढ़कर एक थे। दिलीप ठाकुर को मैं भोपाल डेस्क पर चाहता था। मगर उस पर गोपी जी ने वीटो कर दिया। इस तरह दिलीप सिटी डेस्क पर गोपी जी के साथी बन गए। तबसे जितना भी दिलीप मेरे संपर्क में आए, मैनें उन्हें शिष्ट, मृदुभाषी और अच्छी भाषा का मालिक पाया। एक बार तो मैंनें उनसे मजाक भी किया। कहा, यार दिलीप कहां तुम पत्रकारिता में फंस गए। तुम इतने हैंडसम हो कि फिल्म संसार में जाकर किस्मत आजमाओ। दिलीप आंखों में आंखें डालकर मुस्कुरा दिए। बाद में पता चला कि राजेंद्र माथुर जी ने अभय जी को फरवरी में ही बता दिया था कि मुझे ‘नवभारत टाइम्स’के जयपुर संस्करण में ले रहे हैं। अभय जी ने मेरे नहीं रहने के बाद काम और गुणवत्ता पर उल्टा असर नहीं पड़े इस कारण ही वह फाइल मुझे सौंपी थी। तब तक तो मैं भी नही जानता था कि मुझे ‘नवभारत टाइम्स’ जयपुर शुरू करने जाना है। दिलीप के रूप में हमने एक शानदार इंसान और बेहतरीन पत्रकार को खो दिया। ऐसे पत्रकार आज दुर्लभ हैं। भाई दिलीप ठाकुर को श्रद्धांजलि।


टैग्स पत्रकार राजेश बादल दिलीप ठाकुर
सम्बंधित खबरें

‘भारत की निडर आवाज थे सरदार वल्लभभाई पटेल’

सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन ऐसी विजयों से भरा था कि दशकों बाद भी वह हमें आश्चर्यचकित करता है। उनकी जीवन कहानी दुनिया के अब तक के सबसे महान नेताओं में से एक का प्रेरक अध्ययन है।

2 hours ago

भारत और चीन की सहमति से दुनिया सीख ले सकती है: रजत शर्मा

सबसे पहले दोनों सेनाओं ने डेपसांग और डेमचोक में अपने एक-एक टेंट हटाए, LAC पर जो अस्थायी ढांचे बनाए गए थे, उन्हें तोड़ा गया। भारत और चीन के सैनिक LAC से पीछे हटने शुरू हो गए।

1 day ago

दीपावली पर भारत के बही खाते में सुनहरी चमक के दर्शन: आलोक मेहता

आने वाले वर्ष में इसके कार्य देश के लिए अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की नींव रख सकते हैं।

1 day ago

अमेरिकी चुनाव में धर्म की राजनीति: अनंत विजय

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार हो रहे हैं। डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच बेहद कड़ा मुकाबला है।

1 day ago

मस्क के खिलाफ JIO व एयरटेल साथ-साथ, पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'

मुकेश अंबानी भी सेटेलाइट से इंटरनेट देना चाहते हैं लेकिन मस्क की कंपनी तो पहले से सर्विस दे रही है। अंबानी और मित्तल का कहना है कि मस्क को Star link के लिए स्पैक्ट्रम नीलामी में ख़रीदना चाहिए।

1 week ago


बड़ी खबरें

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

15 hours ago

फ्लिपकार्ट ने विज्ञापनों से की 2023-24 में जबरदस्त कमाई

फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है।

16 hours ago

ZEE5 ने मनीष कालरा की भूमिका का किया विस्तार, सौंपी अब यह बड़ी जिम्मेदारी

मनीष को ऑनलाइन बिजनेस और मार्केटिंग क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने Amazon, MakeMyTrip, HomeShop18, Dell, और Craftsvilla जैसी प्रमुख कंपनियों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं।

7 hours ago

विनियमित संस्थाओं को SEBI का अल्टीमेटम, फिनफ्लुएंसर्स से रहें दूर

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।

16 hours ago

डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा को प्रार्थना सभा में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘e4m’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

13 hours ago