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पटना लाठीचार्ज में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो: रजत शर्मा

शिक्षक भर्ती के नियमों में बदलाव, दस लाख नौकरियां देने के वादे और तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट को लेकर प्रदर्शन गांधी मैदान में था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago

रजत शर्मा, एडिटर-इन-चीफ, इंडिया टीवी।

बिहार की राजधानी पटना में बीते गुरुवार को पुलिस लाठीचार्ज में बीजेपी के एक जिला पदाधिकारी की मौत हो गई। एक सांसद को भी लाठियां पड़ीं। दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गए, किसी का हाथ टूटा, सिर फूटा, किसी की टांग टूटी। बीजेपी ने कहा है कि वो कार्यकर्ता की मौत के लिए नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवाएगी, जबकि पुलिस का दावा है कि बीजेपी कार्यकर्ता की मौत लाठीचार्ज से नहीं हुई, भगदड़ में वो बेहोश हो गया था।

पटना में बीजेपी ने नीतीश सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट मार्च निकाला था। शिक्षक भर्ती के नियमों में बदलाव, दस लाख नौकरियां देने के वादे और तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट को लेकर प्रदर्शन गांधी मैदान में था। बीजेपी कार्यर्ताओं को डाक बंगला चौराहे तक जाना था लेकिन डाक बंगला चौराहे से पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया।

बैरिकेड फांदने की कोशिश में धक्का मुक्की हुई। बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पुलिस वालों से बात करना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने लाठियां चलानी शुरू कर दीं। जो सामने आया, उस पर लाठियां बरसाईं। दौड़ा- दौड़ा कर कार्यकर्ताओं को पीटा, न बुजुर्गों का खयाल किया, न महिलाओं का। बीजेपी सांसद सिग्रीवाल पर भी पुलिस ने लाठी से कई वार किए। जहानाबाद के बीजेपी ज़िला महामंत्री विजय कुमार सिंह लाठी लगने के कारण बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।

पटना में पुलिस ने जो बर्बरता की, उसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। पुलिस ये कहकर नहीं बच सकती कि बीजेपी कार्यकर्ता की मौत लाठी खाने से नहीं हुई।  कैमरों में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस ने जमकर लाठियां चलाईं। किसी का सिर फूटा, किसी के हाथ-पैर टूटे, कितनों का खून बहा, और कितने लोग चोट खाकर अस्पताल पहुंचे।

जब ऐसे प्रदर्शन होते हैं, तो थोड़ी बहुत जोर जबरदस्ती तो होती है। आगे बढ़-चढ़कर वर्कर, बैरिकेड फांदने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पुलिस क्रूरता पर उतर आए, प्रदर्शन करने वालों को बेरहमी से कुचला जाए। ऐसा लगता है कि जैसे पुलिस को पहले से निर्देश दिए गए थे कि प्रोटेस्ट करने वालों की पिटाई करनी है। अब कम से कम नीतीश कुमार को अपनी पुलिस का बचाव करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जो पुलिसवाले दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

(यह लेखक के निजी विचार हैं।)


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