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समान नागरिक संहिता भारतीय राजनीति के लिए ब्रह्मास्त्र: अमिताभ अग्निहोत्री
धारा 370 हट चुकी है, भगवान श्री राम का भव्य राम मंदिर बनने की ओर है और अब समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
अमिताभ अग्निहोत्री, कंसल्टिंग एडिटर, टीवी 9 उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीसरी कसम को पूरा करने जा रहे हैं? जी हां, तीसरी कसम! हालांकि इस नाम से एक फिल्म भी आई थी लेकिन फिलहाल यहां बात राजनीति की है। भारतीय जनता पार्टी ने इस देश की जनता से 3 बड़े वादे किए थे। पहला जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाएंगे, दूसरा अयोध्या में रामलला विराजमान की भूमि पर भव्य मंदिर बनेगा और तीसरा समान नागरिक संहिता बनेगी।
इनमें से दो वादे पूरे हो चुके हैं। धारा 370 हट चुकी है, भगवान श्री राम का भव्य राम मंदिर बनने की ओर है और अब समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। क्या देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह मन बना लिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जाने से पहले वह यह धमाका करने वाले हैं।
इस बात को बल तब मिला जब अचानक से विधि आयोग ने यानी कि लॉ कमीशन ने जनता से सुझाव मांग लिए। विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के एजेंडे को लेकर तमाम धार्मिक संस्थानों, बुद्धिजीवियों और व्यक्तिगत विचार मांगे हैं और अगले 30 दिन का समय दिया है।
इस बात पर हंगामा तो होना ही था क्योंकि 2018 के बाद से ही विधि आयोग इस पर उतना सक्रिय दिखाई नहीं दे रहा था और उसके बाद अचानक से सक्रिय हुआ और सक्रिय हुआ भी तो इतना कि सिर्फ 30 दिन का समय दे करके यह कह दिया कि भैया 30 दिन में जो कहना है कह डालो। उसके बाद जब सुझाव आ जाएंगे तो ड्राफ्ट में संशोधन हो जाएगा और एक समग्र ड्राफ्ट सरकार के सामने होगा।
चूंकि लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय भी नहीं है तो क्या हम यह कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा टाइम टेबल सेट करके यह काम किया है? उत्तराखंड राज्य ने भी इसी मसले पर एक सेवानिवृत्त महिला जज को लेकर के कमेटी बनाई थी और उस कमेटी को इस मसले पर दो लाख से भी अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे।
उस कमेटी ने वह रिपोर्ट तैयार कर ली है और माना जा रहा है कि जल्द ही यह रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंप दी जाए। केंद्र सरकार को भी इस रिपोर्ट की प्रतीक्षा है और इसी तरह गुजरात सरकार में भी इस प्रकार का अभ्यास चल रहा है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले अगर यह ब्रह्मास्त्र चलते हैं तो उसके राजनीतिक फायदे और नुकसान क्या क्या होंगे? समान नागरिक संहिता की मांग बहुत पुरानी है लेकिन कोई भी सरकार इस पर कदम उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
उनको लगता था कि अल्पसंख्यकों का वोट उनके हाथ से फिसल जाएगा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन बना लिया है कि उन्हें करना है। ऐसे ही धारा 370 के लिए कहा जाता था कि उसे हटाना एक तरीके से असंभव कार्य है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह करके दिखाया।
तो ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता पर मन बना लिया है और अगर ऐसा होता है तो भारतीय राजनीति के लिए कितना बड़ा ब्रह्मास्त्र होगा यह तो भविष्य ही बताएगा।
मोदी चलेंगे UCC का 'ब्रह्मास्त्र', बदलेगा देश का सियासी शास्त्र? : Amita... https://t.co/JWaPMzgI5M via @YouTube
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) June 15, 2023
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