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Financial Influencers पर खड़े हो रहे सवाल, पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'
सोशल मीडिया ने तरह तरह के विशेषज्ञों को अपनी बात रखने का मौका दिया है। उनकी राय से यूजर प्रभावित होते हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
मिलिंद खांडेकर, मैनेजिंग एडिटर, तक चैनल्स, टीवी टुडे नेटवर्क।
अभी दस दिन पहले केंद्रीय कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो पोस्ट किया था जिसमें UPI के जरिए ATM से कैश निकालने का डेमो दिया गया था। ये वीडियो मुंबई में फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के इवेंट में बनाया गया था। वीडियो खूब वायरल भी हुआ। इसे Financial Influencer रवि सुतंजानी कुमार ने बनाया था। चार दिन पहले उसी ट्विटर पर ही रवि की डिग्रियों का भंडाफोड़ हुआ, जहां उन्होंने नाम और पैसे दोनों कमाएं। अब रवि सोशल मीडिया के अकाउंट डिलीट कर गायब हो गए हैं। ट्विटर और लिंक्डइन पर उन्होंने अपने परिचय में जितनी भी डिग्री, नौकरी के बारे में जानकारी दे रखी थी वो गलत निकली।
उनके पास सिर्फ ITI मिर्जापुर से वायर मैन की डिग्री थी। उन्होंने इलाहाबाद से B-Tech, MDI गुड़गांव से मैनेजमेंट में डिग्री होने का दावा किया था। Zomato और OYO जैसी कंपनियों में काम करने का दावा है। 30 क्रेडिट कार्ड रखने का दावा करते थे। उनका दावा था कि 15 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने बड़े सपने पूरे कर लिए। IIT में पढ़ाई का सपना अधूरा रह गया, लेकिन अब IIT, IIM से पढ़े लिखे छात्रों को नौकरी दे रहे हैं। वो लोगों को सलाह देने का काम करते थे। इसका रेट आधे घंटे के लिए 24 हजार रुपये तक था।
ये भंडाफोड़ होने के बाद उन्होंने बचाव में ट्विटर पर गोल मोल पोस्ट किया था कि वो माफी चाहते हैं, अभी ब्रेक लेंगे। फिर अकाउंट ही डिलीट कर दिया। हो सकता है कि रवि को अपने विषय की जानकारी हो लेकिन डिग्री ना हो, लेकिन डिग्री पर झूठ बोलने से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए हैं। रवि के बहाने Financial Influencers पर फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया ने तरह तरह के विशेषज्ञों को अपनी बात रखने का मौका दिया है। उनकी राय से यूजर प्रभावित यानी Influence होते हैं इसलिए उन्हें सोशल मीडिया Influencer कहा जाता है। जो लोग रुपये पैसे के बारे में सलाह देते हैं वो Financial Influencer या Fin Influencer कहलाते हैं। ये पिछले कुछ सालों में काफ़ी फले फूले, ये लोगों को पैसे कमाने के तरीक़े बताने लगे। इसके बदले में पैसे लेने लगें।
शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी की नींद खुली। पता चला कि ये लोग गैर कानूनी काम कर रहे हैं। शेयर या म्यूचुअल फंड खरीदने बेचने के सलाह वही लोग दे सकते हैं जिन्हें सेबी ने मान्यता दी है। ये मान्यता परीक्षा पास करने पर मिलती है। सोशल मीडिया सलाह देने वाले ज्यादातर लोग बिना मान्यता के काम कर रहे हैं। इससे उन लोगों के पैसे खतरे में पड़ सकते हैं जिन्हें ये सलाह दे रहे हैं। सेबी ने सोशल मीडिया पर सलाह देने वाले लोगों पर नकेल कसना शुरू कर दी है। पिछले महीने मसौदा जारी हुआ है इसमें सेबी में रजिस्टर्ड शेयर ब्रोकर और म्यूचुअल फंड से कहा गया है कि वो अपने प्रचार प्रसार में ऐसे Fin Influencers का इस्तेमाल ना करें जो सेबी से रजिस्टर्ड नहीं हैं। Influencers के लिए सेबी में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य करने का प्रस्ताव है।
इसका मतलब होगा कि सोशल मीडिया पर सलाह देने के लिए विषय पर डिग्री, सेबी से सर्टिफिकेट की ज़रूरत होगी। रवि जैसे Fin Influencers के लिए ये अच्छी ख़बर नहीं है। हमारे और आपके लिए अच्छी ख़बर है क्योंकि पैसे कमाने के लालच में गंवाने का डर ज्यादा रहा है। बड़े बूढ़े कह गए हैं कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते हैं यानी बिना मेहनत के कुछ नहीं हो सकता है। जो भी आपको झटपट पैसे बनाने का रास्ता बता रहा है वो आपको गुमराह कर रहा है।
(वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर 'टीवी टुडे नेटवर्क' के 'तक चैनल्स' के मैनेजिंग एडिटर हैं और हर रविवार सोशल मीडिया पर उनका साप्ताहिक न्यूजलेटर 'हिसाब किताब' प्रकाशित होता है।)
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