होम / विचार मंच / उदास और निराश रवीश कुमार बोले- मेरी क्या गलती है, भाई दोषी है तो कोर्ट सजा दे...
उदास और निराश रवीश कुमार बोले- मेरी क्या गलती है, भाई दोषी है तो कोर्ट सजा दे...
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने अपने फेसबुक पोस्ट में जिन संतोष सिंह के तथ्यों को लेकर ‘एनडीटीवी’ के जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार के बचाव किया है, उनकी पूरी पोस्ट आप नीचे पढ़ सकते हैं। हालांकि इसी मुद्दे पर जब समाचार4मीडिया ने रवीश कुमार का पक्ष जानने की फिर कोशिश की तो हर बार की तरह इस बार भी उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल
समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने अपने फेसबुक पोस्ट में जिन संतोष सिंह के तथ्यों को लेकर ‘एनडीटीवी’ के जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार के बचाव किया है, उनकी पूरी पोस्ट आप नीचे पढ़ सकते हैं। हालांकि इसी मुद्दे पर जब समाचार4मीडिया ने रवीश कुमार का पक्ष जानने की फिर कोशिश की तो हर बार की तरह इस बार भी उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। पर उनके मित्र संतोष कुमार ने इस सेक्स स्कैंडल पर रवीश कुमार से फोन पर बात की, तो रवीश ने उनके साथ अपने मन की बात शेयर की। पढ़िए उनकी पूरी पोस्ट...
मतभेद होना चाहिए और किसी भी समाज में मतभेद ना हो तो समझिए वो समाज मर चुका है लेकिन मतभेद मनभेद में बदल जाये तो समझिए वो समाज अपना नैतिक मूल्य खो रहा है और फिर उसके बाद ही वो समाज का पतन शुरू हो जाता है। जी यहां बात रवीश कुमार कि कर रहे हैं वही रवीश कुमार जो अक्सर बीजेपी और नरेन्द्र मोदी कि खिंचाई करते रहते हैं... सही है आप इनके विचार से असहमत हो लेकिन असहमति का ये मतलब नही होनी चाहिए कि उनके चरित्र पर सवाल खड़े करें, उन्हें गाली दें और उन्हें देशद्रोही तक कह दे। और इससे भी बात नहीं बने तो उनका खामियाजा उनके परिवार को भुगतना पड़ जाये अंधेरगर्दी वाली स्थिति है क्या... रवीश कुमार से हमारे रिश्ते हैं जगजाहिर है मैंने उसे कभी छुपाया भी नहीं।
कल कांग्रेस के ही एक नेता जो हमारे फेसबुक से जुड़े हुए हैं प्रवीण मिश्रा एनएसयूआई के बड़े लीडर है। उन्होंने मेरे चैट बॉक्स में रवीश कुमार के भाई सेक्स का धंधा कराते है इससे जुड़ी कई लिंक्स और टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार का लिंक भेजा और मुझसे कहा ये खबर क्यों नही चल रही है? क्यों मीडिया वाले खामोस हैं? मुझे बहुत गुस्सा आया मैंने कहा, ‘टाइम्स ऑफ इंडिया क्या है कोई साक्ष्य हो तो दीजिए देखिए कैसे खबर चलती है खैर उसके बाद वो भाग खड़े हुए...
ब्रजेश पांडेय को मैं तो ना जानता हूं और ना ही पहले कभी इनसे मुलाकात हुई है मैंने सीधे रवीश जी को फोन किया क्या ये सही है उन्होंने बस इतना ही कहा मेरी क्या गलती है जो मेरे साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है भाई दोषी हैं तो कोर्ट सजा दे बातचीत के दौरान उदास और निराश थे। खैर मैंने सोचा पहले सच्चाई जान लिया जाये।
22-12-2016 को एसीएसटी थाने में एफआईआर दर्ज होता है जिसमें निखिल प्रियदर्शी उनके पिता और भाई पर छेड़छाड़ करने और पिता और भाई से शिकायत करने पर हरिजन कह कर गाली देने से सम्बन्धित एफआईएर दर्ज करायी गयी इस एफआईआर में कही भी रेप करने कि बात नहीं कही गयी है, इसमें ब्रजेश पांडेय के नाम का जिक्र भी नही है।
24-12-2016 को पीड़िता का बयान कोर्ट में होता है धारा 164 के तहत इसमें पीड़िता ने शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप निखिल प्रियदर्शी पर लगाती है ये बयान जज साहब को बंद कमरे में दी है इस बयान में भी ब्रजेश पांडेय का कही भी जिक्र नहीं है। दो दिन में ही छेड़छाड़ रेप में बदल गया।
30–12–2016 को यह केस सीआईडी ने अपने जिम्मे ले लिया इससे पहले पीड़िता ने पुलिस के सामने घटना क्रम को लेकर कई बार बयान दिया लेकिन उसमें भी ब्रजेश पांडेय का नाम नहीं बताया।
31-12-2016 से सीआईडी अपने तरीके से अनुसंधान करना शुरू किया और इसके जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया जांच के क्रम में पीड़िता ने एक माह बाद बताया कि एक पार्टी में ब्रजेश पांडेय मिले थे उन्होंने मेरे साथ छेड़छाड़ किया। फेसबुक पर देखा तो ये निखिल के फ्रेंड लिस्ट में हैं इनको लेकर मैं अपने दोस्तों से चर्चा किया तो कहा कि ये सब लगता है सेक्स रैकेट चलाता है इन सबों से सावधान रहो... पुलिस डायरी में एक गवाह सामने आता है मृणाल जिसकी दो बार गवाही हुई है पहली बार उन्होंने ब्रजेश पांडेय के बारे में कुछ नही बताया निखिल का अवारागर्दी कि चर्चा खूब किया है उसके एक सप्ताह बाद फिर उसकी गवाही हुई और इस बार उसके गवाही का वीडियोग्राफी भी हुआ जिसमें इन्होंने कहा कि एक दिन निखिल और पीड़िता आयी थी निखिल ने पीड़िता को कोल्ड ड्रिंक पिलाया और उसके बाद वह बेहोश होने लगी उस दिन निखिल के साथ ब्रजेश पांडेय भी मौंजूद थे। मृणाल उसी पार्टी वाले दिन का स्वतंत्र गवाह है लेकिन उसमें ब्रजेश पांडेय छेड़छाड़ किये है ऐसा बयान नही दिया है।
वैसे इस मामले में बहुत कुछ ऐसा है जिसका खुलासा कर दिया जाये तो पूरा खेल एक्सपोज हो जायेगा लेकिन इससे कही ना कही निखिल को लाभ मिल जायेगा जो पीड़िता के साथ न्याय नहीं होगा।
पुलिस का अनुसंधान अभी यहीं तक पहुंचा है वैसे मेडिकल रिपोर्ट भी बहुत कुछ बयां कर रही है। छोड़िए आप, बताये क्या इसी आधार पर ब्रजेश पांडेय को दोषी मान लिया जाये फांसी चढ़ा दिया जाये, क्योंकि यूपी चुनाव के बाद ब्रजेश बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते थे। इसलिए इन्हें फांसी चढा दिया जाये कि ये रवीश के भाई है। वैसे आपके पास कुछ जानकारी हो तो जरूर दीजिए क्यों कि अगर सच में सैक्स रैकेट चलाते हैं तो फिर कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
(साभार: पत्रकार संतोष सिंह की फेसबुक वाल से)
समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
टैग्स