होम / विचार मंच / न्यूज चैनल के संपादक-पत्रकारों से वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता की अपील...

न्यूज चैनल के संपादक-पत्रकारों से वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता की अपील...

मंडल आयोग की सिफारिश के तहत आरक्षण के विरोध को लेकर मांग पर विश्वनाथ प्रताप सिंह...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 6 years ago

आलोक मेहता

वरिष्ठ पत्रकार ।।

हत्या की धमकियों के प्रसारण पर सवाल

मंडल आयोग की सिफारिश के तहत आरक्षण के विरोध को लेकर मांग पर विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार के दौरान सड़क पर युवक की आत्महत्या के प्रयास की फोटो और खबर के प्रसारण पर सवाल उठे थे। इसी तरह भारत-पाकिस्तान सीमा पर युद्ध के जीवंत कवरेज अथवा मुंबई में 26/11 को हुए आतंकवादी हमले के लाइव कवरेज को लेकर भी आपत्ति उठायी गई थी।

यह माना जाता है कि ऐसे किसी कवरेज से यदि किसी अन्य व्यक्ति को भी मारे जाने का खतरा हो सकता है। यही नहीं, भड़काऊ, हिंसक भाषणों के प्रसारण या प्रकाशन पर भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। लेकिन 17 नवंबर को एक प्रमुख टीवी चैनल पर एक जाति विशेष के नेता होने के कथित दावेदार और उसके साथी तलवार दिखाते हुए अब तक प्रदर्शित नहीं हुई पद्मावतीफिल्म की नायिका दीपिका पादुकोण को मार देने अथवा उसकी हत्या करने वाले को 5 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की धमकी देते हुए सुनाई दिये। इनके इंटरव्यू कई मिनटों तक चलते रहे।

अन्य चैनलों पर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किले के सामने प्रदर्शनकारी पेड़ पर दीपिका पादुकोण और सलमान खान के पुतलों को फांसी पर लटकाए हुए नारे लगा रहे थे। इस प्रदर्शन के दौरान बंदूक से हवा में फायरिंग भी हुई। फिल्म के विवाद और जाति विशेष अथवा राजनीतिक दलों की अपनी राजनीति और स्वार्थ को लेकर बहस चलती रह सकती है। लोकतंत्र में किसी संगठन द्वारा होने वाले प्रदर्शन पर भी रोक लगाना संभव नहीं है। लेकिन हम जैसे पत्रकारों को अपनी आचार संहिता की चिंता होने लगती है।

सामाजिक या राजनीतिक गड़बड़ियों के लिए हम राजनेताओं को दोषी ठहराते हैं, वहीं मीडिया में कोई गड़बड़ी या गलती हो जाने पर भी सरकार ही नहीं समाज भी हमारे अपने नैतिक मूल्यों और संपादकीय गरिमा तथा आचार संहिता होने का सवाल उठाने लगते हैं।

मीडिया के विस्तार के साथ चुनौतियां बढ़ती गई हैं। लेकिन भारतीय मीडिया अपनी स्वतंत्रता अक्षुण्ण रखने के लिए सदैव सजग और सक्रिय रहा है, वहीं भारतीय प्रेस परिषद के अलावा एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन ने समय-समय पर अपनी आचार संहिताएं भी जारी की हैं।

एडिटर्स गिल्ड की आचार संहिता लगभग 10 वर्ष पहले तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने स्वयं इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में संपादकों के बीच आकर जारी की थी। इस आचार संहिता में भी तथ्यों को सनसनीखेज और उत्तेजक ढंग से नहीं रखे जाने तथा सार्वजनिक हित को सर्वाधिक महत्व दिए जाने का मानदंड निर्धारित किया गया।

यही नहीं, मानहानिपरक बातों को भी कानूनी परिधि में रखे जाने की सलाह दी गई। साथ ही ऐसी किसी रिपोर्टिंग में संबंधित पक्ष की बात भी उसी के साथ दिए जाने का प्रावधान किया गया। भारतीय प्रेस परिषद के नियम पुराने भले ही हो गए हों, लेकिन उसमें तो किसी भी सांप्रदायिक संगठन द्वारा भड़काऊ और हिंसा फैलाने वाले बयानों को अनुचित बताया गया है। यह कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के दो दशकों से विस्तार के बावजूद उसे प्रेस परिषद की परिधि में नहीं लाया जा सका है और न ही मीडिया काउंसिल बनाने की सिफारिशों को सरकार ने माना है।

यह बात अलग है कि केन्द्र या राज्य सरकारें समय-समय पर मीडिया के लिए दिशा-निर्देश जारी करती रहती हैं। कहीं-कहीं राज्य सरकारें कानूनों का सही या गलत उपयोग भी करती हैं, लेकिन देश के प्रमुख टीवी समाचार चैनलों के अधिकांश संपादक उनकी अपनी संस्था बनने के पहले से एडिटर्स गिल्ड के सदस्य भी रहे हैं। आज भी जब किसी टीवी समाचार चैनल पर कोई हमला होता है तो गिल्ड या प्रेस क्लब अथवा पत्रकारों के श्रम संगठन मीडिया के समर्थन में खड़े हो जाते हैं। इस स्थिति में मीडिया की अपनी गलती अथवा असावधानी से हिंसा भड़काने वाली बातों के प्रसारण पर पत्रकारों के संगठनों द्वारा तत्काल सक्रिय होने की उम्मीद भी की जाती है।

भारतीय पत्रकारिता में निखिल चक्रवर्ती, वी.जी. वर्गीज, अजित भट्टाचार्जी, कुलदीप नैयर, प्राण चोपड़ा, एस. निहाल सिंह, राजेन्द्र माथुर, एस. सहाय जैसे संपादकों ने पत्रकारिता की गरिमा को बनाये रखने के लिए निरंतर अभियान चलाए। उनके तटस्थ और प्रोफेशनल दृष्टिकोण के कारण ही पत्रकारिता में आचार संहिता को महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। संभव है कि एडिटर्स गिल्ड और ब्रॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन जल्द ही अपनी तरफ से राय रखने का प्रयास करेगी। लेकिन यह केवल एक घटना पर वक्तव्यों की खानापूर्ति तक सीमित रहना भी उचित नहीं होगा।

जब हम मानहानि प्रकरणों में क्रिमिनल धारा को समाप्त किए जाने के लिए संसद और सुप्रीम कोर्ट से लगातार मांग कर रहे हैं और यह भी चाहते हैं कि मीडिया पर किसी तरह का अंकुश न हो, तब एडिटर्स गिल्ड में कुछ वर्षों तक पदों पर रह चुके हम जैसे पत्रकारों को यह अभियान भी अवश्य चलाना होगा कि टीवी समाचार चैनलों से जुड़े हमारे साथी पत्रकार न्यूनतम आचार संहिता का पालन करें। जिन घटनाओं और बयानों से न केवल गंभीर हिंसक घटनाएं और हत्या तक होने के खतरे हों, उन्हें दिखाने या छापने की कोई लक्ष्मण रेखा भी तय करें। जब किसी प्रदेश का कोई समूह या अल्पसंख्यक समाज का व्यक्ति हत्या की धमकी देता है तब उसे आतंकवादी या राष्ट्रद्रोही तक करार दिया जाता है। इसलिए नागरिकों के लिए समान कानून मानकर कोई बहुमत या बहुसंख्यक शक्ति के आधार पर खुलेआम हत्याओं या अन्य अपराध की धमकियां जारी कर रहा हो तो कानून व्यवस्था करने वाली मशीनरी के सक्रिय होने के साथ क्या मीडिया को भी अधिक संयमित नहीं रहना होगा?

(लेखक एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं)


समाचार4मीडिया.कॉम देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया में हम अपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं। 


टैग्स
सम्बंधित खबरें

‘भारत की निडर आवाज थे सरदार वल्लभभाई पटेल’

सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन ऐसी विजयों से भरा था कि दशकों बाद भी वह हमें आश्चर्यचकित करता है। उनकी जीवन कहानी दुनिया के अब तक के सबसे महान नेताओं में से एक का प्रेरक अध्ययन है।

14 hours ago

भारत और चीन की सहमति से दुनिया सीख ले सकती है: रजत शर्मा

सबसे पहले दोनों सेनाओं ने डेपसांग और डेमचोक में अपने एक-एक टेंट हटाए, LAC पर जो अस्थायी ढांचे बनाए गए थे, उन्हें तोड़ा गया। भारत और चीन के सैनिक LAC से पीछे हटने शुरू हो गए।

2 days ago

दीपावली पर भारत के बही खाते में सुनहरी चमक के दर्शन: आलोक मेहता

आने वाले वर्ष में इसके कार्य देश के लिए अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की नींव रख सकते हैं।

2 days ago

अमेरिकी चुनाव में धर्म की राजनीति: अनंत विजय

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार हो रहे हैं। डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच बेहद कड़ा मुकाबला है।

2 days ago

मस्क के खिलाफ JIO व एयरटेल साथ-साथ, पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'

मुकेश अंबानी भी सेटेलाइट से इंटरनेट देना चाहते हैं लेकिन मस्क की कंपनी तो पहले से सर्विस दे रही है। अंबानी और मित्तल का कहना है कि मस्क को Star link के लिए स्पैक्ट्रम नीलामी में ख़रीदना चाहिए।

1 week ago


बड़ी खबरें

'जागरण न्यू मीडिया' में रोजगार का सुनहरा अवसर

जॉब की तलाश कर रहे पत्रकारों के लिए नोएडा, सेक्टर 16 स्थित जागरण न्यू मीडिया के साथ जुड़ने का सुनहरा अवसर है।

3 hours ago

‘Goa Chronicle’ को चलाए रखना हो रहा मुश्किल: सावियो रोड्रिग्स

इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म पर केंद्रित ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘गोवा क्रॉनिकल’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सावियो रोड्रिग्स का कहना है कि आने वाले समय में इस दिशा में कुछ कठोर फैसले लेने पड़ सकते हैं।

3 minutes from now

रिलायंस-डिज्नी मर्जर में शामिल नहीं होंगे स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल 

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है

3 hours ago

फ्लिपकार्ट ने विज्ञापनों से की 2023-24 में जबरदस्त कमाई

फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है।

1 day ago

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

1 day ago