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पढ़िए, वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को क्यों कहा अनाड़ी
आलोक मेहता प्रधान संपादक, आउटलुक (हिंदी) ।। परमाणु हथियारों की धमकियां खतरनाक दुनिया के लिए सबसे खतरनाक धमकी। हवाई या जल
समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago
आलोक मेहता
प्रधान संपादक, आउटलुक (हिंदी) ।।
परमाणु हथियारों की धमकियां खतरनाक
दुनिया के लिए सबसे खतरनाक धमकी। हवाई या जल मार्ग हो- तबाह तो धरती पर बसने वाले लोग ही हो सकते हैं। फिर यह चेतावनी किसी संगठन, गुट या सिरफिरे तानाशाह की नहीं है। दुनिया की दो महाशक्तियों- अमेरिका और रूस के शक्ति संपन्न राष्ट्रपतियों की है।
विदाई ले रहे राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने लगभग एक वर्ष तक अध्ययन एवं शीर्षस्थ विशेषज्ञों से सलाह मशविरे के बाद 64 पृष्ठों की ‘परमाणु नीति’ का दस्तावेज तैयार करके सरकार और संसद के समक्ष प्रस्तुत किया। लेकिन हाल के चुनाव में विजयी विवादास्पद नेता डोनाल्ड ट्रंप ने किसी अध्ययन या सोच-समझ के बिना केवल 140 शब्दों में ट्विटर पर परमाणु हथियारों के अपने खतरनाक इरादों को सार्वजनिक कर दिया। अब तक अमेरिका में राज करने वाली रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति परमाणु हथियारों में कमी का पाठ दुनिया को पढ़ाते रहे और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर परमाणु अस्त्रर परिसीमन के समझौतों की घोषणाएं होती रहीं।
बराक ओबामा प्रशासन तो परमाणु हथियारों की कमी के साथ अंततः उनके खत्म किए जाने का निश्चय व्यक्त कर रहा था। लेकिन राष्ट्रपति पद संभालने और संसद के समक्ष पेश होने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने लिखित घोषणा कर दी- ‘जब तक परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया को सद्बुद्धि नहीं आ जाती, तब तक अमेरिका को अपने परमाणु हथियारों की क्षमताओं को मजबूती और विस्तार देना चाहिए।’
ट्रंप को तो अनाड़ी कहा जा सकता है। लेकिन इससे पहले ट्रंप के विरोधी माने जाने वाले रूस के अनुभवी एवं सर्वाधिक शक्तिशाली राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन ने अपने सेनाधिकारियों से कहा कि ‘हमें परमाणु मिसाइल कार्यक्रम को मजबूत करना चाहिए।’ ट्रंप तो वैसे भी अपने चुनाव अभियान में प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन पर रूस के समर्थन के गंभीर आरोप लगाते रहे थे। राजनीतिक या कूटनीतिक अभियान, षड्यंत्र के आरोप-प्रत्यारोप पहले भी चलते रहे हैं, लेकिन परमाणु हथियारों पर पुतिन से दस कदम आगे बढ़कर परमाणु हथियारों का भंडार बढ़ाने एवं अन्य देशों की अक्ल ठिकाने लगने तक रौद्र रूप दिखाने की ट्रंप की धमकी गंभीर है।
उत्तर कोरिया का तानाशाह या पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन द्वारा परमाणु हथियारों की धमकी दिए जाने पर भी अमेरिका-रूस, भारत ही नहीं दुनिया चिंता व्यक्त करती रही है। उनकी क्षमताएं भी बेहद कम हैं। पिछले वर्षों के दौरान ईरान के परमाणु शक्ति संपन्न होने की संभावना मात्र पर अमेरिका ने विश्वव्यापी अभियान चलाया। ईरान ने भी स्पष्ट किया कि वह शांतिपूर्ण उद्देश्य से परमाणु क्षमता रखने की कोशिश करेगा। लेकिन ट्रंप की नई धमकी एवं लगातार की जा रही बयानबाजी आने वाले समय में अमेरिकी राजनीति के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूफान मचाने वाली है।
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