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‘अखबार के अंदर के पेज पर एक खबर पर मेरी निगाह जाकर रुक गई’
रविवार के सभी अख़बारों में पहले पेज पर क्या लीड खबर है इसको देखने के लिए कई पेज पलटने पड़े। किसी अखबार में...
समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago
शंभूनाथ गौतम
सीनियर जनर्लिस्ट, हिंदुस्तान (आगरा) ।।
रविवार के सभी अख़बारों में पहले पेज पर क्या लीड खबर है इसको देखने के लिए कई पेज पलटने पड़े। किसी अखबार में विज्ञापन से शुरू के 3 पेज भरे हुए थे, तो किसी में दो पेज विज्ञापन से फुल थे। आख़िर में मैं थक हारकर सभी अखबारों के पहले पेज पर पहुंच ही गया। यहां भी एक अखबार ने खबरों के पहले पेज दो लिए थे। किसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता अभियान और किसी ने सुषमा स्वराज के यूएनओ में दिए गए पाकिस्तान के बयान को लेकर पहले पेज की लीड बनाई थी। एक अखबार ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर लीड बनाई थी। कल रविवार था इसलिए मैं कुछ लिखना भी चाह रहा था। उसी दौरान एक अखबार के अंदर के पेज पर एक खबर पर मेरी निगाह जाकर रुक गई। इस खबर की हेडिंग कुछ ये थी "झारखंड में पत्रकारों को सरकार देगी पेंशन" आमतौर पर इस प्रकार की खबरें या हेडिंग कभी-कभार ही सुनने को या पढ़ने को मिलती है। मैंने भी सोचा लाइए इसी पर कुछ लिखा जाए वैसे बात भी हम मीडिया बिरादरी की है।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की सराहनीय पहल-
झारखंड की राजधानी रांची में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नवनिर्मित रांची प्रेस क्लब भवन के उद्घाटन करने के दौरान राज्य के पत्रकारों को सेवानिवृत्त होने के बाद 10000 मासिक पेंशन देने की घोषणा कर डाली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के लिए और भी योजनाएं लागू करने की घोषणा कर दी। जैसे प्रेस क्लब में लाइब्रेरी और जिम प्रेस क्लब के भवन की स्थापना आदि।
केरल में पहले से ही पत्रकारों के लिए पेंशन योजना लागू है-
केरल राज्य में सरकार पत्रकारों को पहले ही पेंशन योजना दे रही है। केरल सरकार वहां के पत्रकारों को सेवानिवृत्त होने के बाद 10000 मासिक पेंशन देती है। उसी की तर्ज पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पत्रकारों के लिए पेंशन योजना लागू की है।
मीडिया लाइन में 50 वर्ष के खबरनवीसों की दिक्कतें-
पिछले 5 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र में बहुत तेजी से बदलाव हो रहे हैं। आज पूरा डिजिटल युग है। मौजूदा समय की पत्रकारिता बहुत तेज है। अखबारों और चैनलों का खबर को लेकर स्वरूप तो बदला ही है साथ में पाठक वर्ग की सोच भी बदली है अब हम पत्रकारिता के पुराने ढर्रे पर सफल नहीं हो सकते हैं। वर्तमान पत्रकारिता में वही सफल हो पाएगा जो कि डिजिटल वेब पोर्टल, सोशल मीडिया वॉट्सऐप, मोबाइल पत्रकारिता आदि पर अपने आप को अपडेट रखकर आगे बढ़ेगा। आज की खबरों को लेकर पत्रकारों को बहुत ही तेज निर्णय लेने होते हैं। आज अखबारों या चैनलों में 24 घंटे का काम करना पड़ रहा है। ऐसे में 50 वर्ष या इससे अधिक आयु का रिपोर्टर कुछ असहज महसूस तो करता ही है और अपने आप को डिजिटल युग में ढाल भी नहीं पा रहा है। केरल और झारखंड की सरकारों ने सेवानिवृत्त पत्रकारों को 10000 मासिक पेंशन देने की घोषणा करने से उन उम्रदराज पत्रकारों को बहुत ही लाभ होगा जो की रिटायरमेंट के करीब है।
केंद्र और दूसरे राज्यों की सरकारों को भी ऐसी करनी होगी ऐसी पहल-
केरल और झारखंड के सरकारों की लागू की गई पेंशन योजना अन्य राज्यों में भी पत्रकारों के लिए लागू करनी होगी। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को भी आगे आना होगा। और अंत में मैं केरल और झारखंड के सरकारों को पेंशन योजना के लिए नहीं बल्कि मीडिया बिरादरी का सम्मान के लिए धन्यवाद देता हूं...
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