होम / विचार मंच / 'मोदी जी आप मसीहा बनना चाहते हैं, तो आपको अम्मा से सीखना होगा...'

'मोदी जी आप मसीहा बनना चाहते हैं, तो आपको अम्मा से सीखना होगा...'

निर्मलेंदु, एग्जिक्यूटिव एडिटर राष्ट्रीय उजाला तमिल की एक मशहूर कहावत है- ‘जो भी आपको नमक देगा, अपनी आखिरी सांस तक आपको उसका वफादार रहना होगा।’ जिन लोगों ने

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago

निर्मलेंदु,

एग्जिक्यूटिव एडिटर

राष्ट्रीय उजाला

तमिल की एक मशहूर कहावत है- ‘जो भी आपको नमक देगा, अपनी आखिरी सांस तक आपको उसका वफादार रहना होगा।’ जिन लोगों ने अम्मा का नमक खाया है, वे आज सड़कों पर रो रहे हैं, बिलख रहे हैं। महिलाओं को लग रहा है कि उनकी ‘रियल’ नहीं, लेकिन ‘रील’ अम्मा अब उनके बीच नहीं रहीं। जनता के बीच जो लोकप्रियता अम्मा की बनी है, वह अकाट्य है, अद्भुत है, अकल्पनीय है। भारतीय राजनीति में वह बेजोड़ रही हैं। अलविदा अम्मा।

तमिलनाडु की अम्मा अब हमारे बीच नहीं रहीं। देश की राजनीति में एक बहुत बड़ा हादसा है। जो प्यार, जो सम्मान, जो सहयोग उन्हें वहां की जनता का मिला, वह अद्भुत और अकल्पनीय है। उन्होंने राजनीति को जिस तरह से मजबूत किया, वह सराहनीय है। बहुत ही आत्मविश्वास के साथ उन्होंने वहां तीस सालों तक राज किया। जनता में रहकर जनता की बातें सुनना, उनके सुख-दुख में शामिल होना, गरीबों की बेटियों की शादी करवाना, दहेज में 2 लाख दे देना, बेरोजगारों को रोजगार देना, गरीबों को पांच रुपए में भरपेट भोजन करवाना- ये सभी उनकी लोकप्रियता के आयाम रहे हैं। तमिलनाडु की सीएम जयललिता पूरे राज्य में अम्मा के नाम से फेमस हैं। उनके समर्थक उन्हें भगवान मानते हैं। जयललिता ने अपने समर्थकों के लिए कम कीमत में अम्मा के नाम से कई ऐसी योजनाएं चलाई हैं, जो पूरे देश में प्रचलित हैं। उन्होंने तमिलनाडु की जनता के लिए नमक से लेकर सिनेमा तक कम दाम में मुहैया कराया है। दरअसल, वह चाहती थीं कि राज्य के गरीब लोगों को वह सब कुछ मिले, जिसके वे हकदार हैं। यदि यह कहें कि जयललिता की जनकल्याणकारी योजनाओं की वजह से उनसे लोगों का भावनात्मक लगाव रहा है।

अब यहां यह सवाल उठता है कि क्या भारतीय राजनीति में आज कोई ऐसा शख्स है, जो उन जैसा लोकप्रिय हुआ है? शायद नहीं। गांधी के बाद आज तक ऐसा कोई शख्स जन्मा ही नहीं, जिसके बारे में हम गर्व से कह सकें कि वह हमारे नेता हैं, या वह हमारे पिता हैं, या अम्मा हैं। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले अपनी एक छवि जरूर बनाई थी, और दरअसल, उस ‘निश्छल’ छवि के कारण ही वह भारी बहुमत से चुनाव जीतकर भारत के पीएम भी बने, लेकिन अब उनकी छवि धीरे धीरे धूमिल हो रही है। उन्होंने कसम खायी कि भारत से भ्रष्टाचार मिटा कर दम लेंगे, लेकिन काला धन और भ्रष्टाचार की दलदल में वे खुद फंस गये, नोटबंदी की वजह से, क्योंकि नये नोट आने के बाद भी कालाबाजारी और भ्रष्टाचार जारी है। जनता के पास पैसे नहीं, एटीएम खाली, बैंक कहीं खुल रहे हैं, तो पैसे नहीं हैं, कहीं बैंक बंद का बोर्ड लगाकर बैंक के अंदर आराम फरमा रहे हैं। 24 हजार की लिमिट है, लेकिन दो से पांच हजार तक ही एक बार में मिल रहे हैं। संसद में रोज इस मुद्दे पर हंगामा होता रहता है, लेकिन केंद्र सरकार की आंखें कुछ भी देखने में असमर्थ हैं। मानो आंखों पर पट्टी बंधी है। केंद्र सरकार को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि रियलिटी चेक भी नहीं करवा रही है सरकार?

शर्म की बात तो यह है कि 90 से ज्यादा लोगों ने नोटबंदी के कारण अब तक मौत को गले लगा लिया, सैकड़ों घरों में शादियां टूट गर्इं, कुछ बच्चे दूध के लिए तरस रहे हैं, सैकड़ों घरों में लोग बीमार पड़े हैं, कुछ बुजुर्ग अस्पताल में दाखिल हैं, लेकिन सच तो यही है कि पैसों की किल्लत के कारण इलाज नहीं हो पा रहा है, हालांकि केंद्र सरकार के सभी मंत्री वाह वाह, वाह वाह की रट लगाये बैठे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि मोदी जी का यह निर्णय अति उत्तम और सराहनीय पहल है, लेकिन उसका एग्जीक्यूशन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार के लोग यदि बैंकों का निरीक्षण करने जाएंगे, तो समझ पाएंगे कि रियलिटी क्या है? अकेले आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में टलीं 50 हजार शादियां। एक खबर यह भी है कि बेटी की शादी के लिए एक शख्स ने साउथ में अपना घर ही बेच दिया।

इधर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भी पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया है। पूजा शकुन ने कहा कि मोदी के अंत की शुरुआत हो चुकी है। रेणुका चौधरी ने भी कहा कि पीएम यदि अपनी पत्नी को साथ रखते, तो उन्हें पता चलता कि महिलाओं को किस तरह से परेशानी हो रही है। पुरुष ऑफिस के काम में व्यस्त हैं, तो महिलाएं एटीएम और बैंकों में लाइन लगाकर अपना समय नष्ट कर रहे हैं। किसी किसी बैंक में तो दो दो दिनों तक जूता घिसने के बाद भी पैसे नहीं मिलते। कहीं काउंटर तक पहुंचते पहुंचते पैसे खत्म हो जाते हैं, तो कहीं दो हजार थमा कर बैंकवाले अपना पीठ थपथपाने लगते हैं। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का तो यही मानना है कि नोटबंदी के बहाने जनता से छल कर रही है मोदी सरकार। लालू यादव ने भी कहा कि जनता को बुड़बक बना रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी।

मोदी जी आप मसीहा बनना चाहते हैं, तो आपको अम्मा से सीखना होगा। गरीब कष्ट में है, घर में फांके चल रहे हैं, इस बात को समझना होगा। पुरुषों की जेब में पैसे नहीं होने से पुरुषों का दिमाग ठीक नहीं रहता, वे गलिया रहे हैं, लेकिन धीरे धीरे। आपके सामने नहीं गलियाएंगे। सच तो यही है कि कोई भी अमीर आदमी लाइन में लगकर कैश नहीं बटोर रहे हैं, गरीब लोग लाइन में लगे हुए हैं। अमीर लोग अपने कर्मचारियों को भेज कर पैसे कैश करवा रहे हैं। मजदूर अपनी मजदूरी छोड़ कर लाइन में लगे हैं। वे सभी गरीब आपको मन ही मन कोस रहे हैं। दबी जुबां से खीझ निकाल तो रहे हैं, लेकिन यह भी एक सच है कि सबके सामने नहीं निकाल पा रहे हैं। खीझ धीरे-धीरे वोटों में तब्दील होता जा रहा है और एक दिन ऐसा भी आएगा, जब चुनाव में यह खीझ खुलकर दिखाई देगी। आश्चर्य की बात तो यह है कि अखबार और चैनल्स में भी सरकार के विरोध में न्यूज नहीं दिखाया जा रहा है। विरोध की खबरें दिखाई तो जाती हैं, लेकिन एक बार दिखाकर उसे रद्दी की टोकरी में फेंक दी जाती हैं। केंद्र सरकार का डर अखबारों और चैनलों में दिख रहा है। देश के मूर्धन्य पत्रकार डर गये हैं। मोदी जी को यह समझना चाहिए कि सब से अधिक आनंद इस भावना में है कि हमने मानवता की प्रगति में कुछ योगदान दिया है। भले ही वह कितना कम, यहां तक कि बिल्कुल ही तुच्छ क्यों न हो?

याद रखें मोदी जी, कमजोर व्यक्ति से दुश्मनी ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि वह उस समय वार करता है, जब कल्पना भी नहीं कर सकते। और देश के कमजोर व्यक्ति हैं देश की जनता। दरअसल, वे उसी समय वार करेंगे, जब माकूल समय होगा। वह जनता आपको बर्बाद कर देगा। आप कहीं के नहीं रहेंगे। जिसने अन्यायपूर्वक धन इक्ट्ठा किया है और अकड़ कर सदा सिर को उठाए रखा है, ऐसे लोगों को आप जरूर दंड दें, उन्हें सूली पर चढ़ा दें, लेकिन ईमानदार और कर्मठ लोगों, किसानों, मजदूरों को आप दंड देने की कोशिश ही न करें।

देश की युवाओं पर निवेश करने की सबसे अच्छी चीज है अपना समय और अच्छे संस्कार। इसे आप युवाओं पर निवेश करें। अम्मा की तरह सम्मान पाएं, ताकि जाने के बाद भी लोग आपको याद रखें। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि एक श्रेष्ठ बालक का निर्माण सौ विद्यालय को बनाने से भी बेहतर है। यदि आंख के बदले आंख मांगने लगेंगे, तो पूरी दुनिया ही अंधी हो जाएगी। इसलिए याद रखें, व्यक्ति अकेले ही पैदा होता है और अकेले ही मरता है। और यही सच है कि अपने कर्मों के शुभ-अशुभ परिणाम अकेले ही भोगता है। अकेले ही नरक में जाता है या सद्गति प्राप्त करता है। यदि अच्छे कर्म करके जाएंगे, तो लोग आपको सिर आंखों बिठा कर रखेंगे, लेकिन यदि जनता को परेशान करेंगे, तो ईश्वर भी माफ नहीं करेगा।

गुरु नानक देव ने कहा है कि दूब की तरह छोटे बनकर रहो, क्योंकि जब घास-पात जल जाते हैं, तब भी दूब जस की तस बनी रहती है। अहंकार को अपने आसपास भटकने न दें, आपको स्पर्श न करने दें। आपमें अद्भुत शक्ति है, दृढ़ संकल्प है, अदूरदर्शिता है, हिम्मत है, जांबाज हैं, आपके विचार अच्छे हैं, आप देश के हित में काम करना चाहते हैं, गरीबों की हित में काम करना चाहते हैं, तो प्लीज गरीबों पर जिस तरह से अत्याचार हो रहा है, उस पर ध्यान दें। आप हमेशा अपने भाषण में कहते हैं कि आप सेवक हैं, तो सच्चा सेवक बनें, जनता का वफादार और चहेते सेवक बनें। उन्हें कष्ट भूलकर भी न दें।

समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।


टैग्स
सम्बंधित खबरें

‘भारत की निडर आवाज थे सरदार वल्लभभाई पटेल’

सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन ऐसी विजयों से भरा था कि दशकों बाद भी वह हमें आश्चर्यचकित करता है। उनकी जीवन कहानी दुनिया के अब तक के सबसे महान नेताओं में से एक का प्रेरक अध्ययन है।

2 hours ago

भारत और चीन की सहमति से दुनिया सीख ले सकती है: रजत शर्मा

सबसे पहले दोनों सेनाओं ने डेपसांग और डेमचोक में अपने एक-एक टेंट हटाए, LAC पर जो अस्थायी ढांचे बनाए गए थे, उन्हें तोड़ा गया। भारत और चीन के सैनिक LAC से पीछे हटने शुरू हो गए।

1 day ago

दीपावली पर भारत के बही खाते में सुनहरी चमक के दर्शन: आलोक मेहता

आने वाले वर्ष में इसके कार्य देश के लिए अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की नींव रख सकते हैं।

1 day ago

अमेरिकी चुनाव में धर्म की राजनीति: अनंत विजय

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार हो रहे हैं। डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच बेहद कड़ा मुकाबला है।

1 day ago

मस्क के खिलाफ JIO व एयरटेल साथ-साथ, पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'

मुकेश अंबानी भी सेटेलाइट से इंटरनेट देना चाहते हैं लेकिन मस्क की कंपनी तो पहले से सर्विस दे रही है। अंबानी और मित्तल का कहना है कि मस्क को Star link के लिए स्पैक्ट्रम नीलामी में ख़रीदना चाहिए।

1 week ago


बड़ी खबरें

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

15 hours ago

फ्लिपकार्ट ने विज्ञापनों से की 2023-24 में जबरदस्त कमाई

फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है।

16 hours ago

ZEE5 ने मनीष कालरा की भूमिका का किया विस्तार, सौंपी अब यह बड़ी जिम्मेदारी

मनीष को ऑनलाइन बिजनेस और मार्केटिंग क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने Amazon, MakeMyTrip, HomeShop18, Dell, और Craftsvilla जैसी प्रमुख कंपनियों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं।

7 hours ago

विनियमित संस्थाओं को SEBI का अल्टीमेटम, फिनफ्लुएंसर्स से रहें दूर

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।

16 hours ago

डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा को प्रार्थना सभा में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘e4m’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

13 hours ago