होम / विचार मंच / क्या हिटलर, मुसोलिनी या इंदिरा गांधी को सार्वजनिक रुप से रोते हुए देखा है या सुना है? : डॉ. वैदिक

क्या हिटलर, मुसोलिनी या इंदिरा गांधी को सार्वजनिक रुप से रोते हुए देखा है या सुना है? : डॉ. वैदिक

डॉ. वेद प्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार ।। भंवर से निकालो मोदी की नाव नरेंद्र मोदी की नाव भंवर में हैं। 17 दिन बीत गए लेकिन कोई किनारा नहीं दिखाई पड़ रहा है। खुद मोदी को खतरे का अहसास हो गया है। यह नाव मझधार में ही डूब सकती है। वरन

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago

डॉ. वेद प्रताप वैदिक

वरिष्ठ पत्रकार ।। भंवर से निकालो मोदी की नाव

नरेंद्र मोदी की नाव भंवर में हैं। 17 दिन बीत गए लेकिन कोई किनारा नहीं दिखाई पड़ रहा है। खुद मोदी को खतरे का अहसास हो गया है। यह नाव मझधार में ही डूब सकती है। वरना मोदी-जैसा आदमी, जो 2002 में सैकड़ों बेकसूर लोगों की हत्या होने पर भी नहीं हिला, वह सभाओं में आंसू क्यों बहाता? खुद के कुर्बान होने का डर जो है। संसद के सामने दो हफ्तों से घिग्घी क्यों बंधी हुई है? यह बताता है कि मोदी पत्थरदिल नहीं है, तानाशाह नहीं है। वह इंदिरा गांधी या हिटलर नहीं है। वह सख्त दिखने में है, बोलने में है लेकिन अंदर से काफी नरम है। क्या आपने कभी हिटलर, मुसोलिनी या इंदिरा गांधी को सार्वजनिक रुप से रोते हुए देखा है या सुना है?

इसका अर्थ यह नहीं कि मोदी पराई पीर पर पिघल रहे हैं। जिस बात ने मोदी को पिघलाया है, वह यह है कि उन्होंने इतनी जबर्दस्त पहल की थी और यह क्या हो गया? लेने के देने पड़ गए। जिन लोगों की पसीने की कमाई मारी जाएगी, क्या वे मोदी को 2017 के प्रादेशिक और 2019 के राष्ट्रीय चुनाव में माफ करेंगे? मोदी भी मजबूर हैं। खुद से मजबूर! वे जिस सीढ़ी से ऊपर चढ़ते हैं, उसे ढहाने की कला में वे उस्ताद हैं। केशूभाई व लालकृष्ण आडवाणी मिसाल हैं। इस बार उन्होंने भाजपा और संघ की सीढ़ियों पर भी प्रहार कर दिया है। भाजपा और संघ देश के छोटे व्यापारियों के दम पर चलने वाले संगठन हैं। वे संघ और भाजपा की रीढ़ हैं। मोदी ने इस रीढ़ पर ही डंडा जमा दिया है। मोटे पैसे वाले और विदेशी गुप्त खातेवाले तमाशा देख रहे हैं और मजे ले रहे हैं। उन्होंने रातों-रात अपने अरबों-खरबों रुपयों को सोने-चांदी, डालरों और संपत्तियों में बदल लिया है। जन-धन योजना खातों में एक सप्ताह में ही 21 हजार करोड़ रु. कहां से आ गए? काला धन दुगुनी गति से सफेद हो रहा है।

मोदीजी ने आम आदमी को भी काले धन की कला में पारंगत कर दिया है। दो हजार के नोट ने बड़ी सुविधा कर दी है। करोड़ों गरीब लोग काले को सफेद करने के लिए रात-रात भर लाइन में लगे रहते हैं। अमित शाह ने 15 लाख रु. के वादे को चाहे चुनावी जुमला कहकर उड़ा दिया हो लेकिन मोदी की जादूगरी जिंदाबाद कि अब करोड़ों लोगों के खातों में लाखों रु. रातों-रात पहुंच गए हैं। सरकार घबरा गई है। मोदीजी पीछे हटना नहीं जानते लेकिन जिस अदा से वे लड़खड़ा रहे हैं, उसे देखकर लाल किले में बैठा हुआ मुहम्मद शाह रंगीला भी गश खा जाए।

अब काले धन, रिश्वतखोरी और आतंक की रेल नए नोटों की पटरी पर दौड़ेगी।

रोज-रोज फरमान जारी करनेवाली यह सरकार अपनी गलती खुद ही स्वीकार कर रही है। वह आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए बेताब दिखाई पड़ रही है। नौसिखिया प्रधानमंत्रीजी फंस गए हैं लेकिन उन्हें बचाने की कोशिश न तो उनकी पार्टी कर रही है और न ही विरोधी दल। विरोधी दल तो चाहते हैं कि उनकी नय्या जल्दी से जल्दी डूब जाए। लेकिन इस बचाने और डुबाने के खेल में कहीं भारत का भट्ठा न बैठ जाए। इसे राष्ट्रीय संकटकाल समझकर आज जरुरत है कि मोदी की मदद की जाए। सरकार को अच्छे-अच्छे ठोस सुझाव दिए जाएं। यदि दिसंबर में भी हालात पर काबू न हो तो मोदी से कहा जाए कि हिम्मत करो और इस तुगलकी फरमान को वापस ले लो। वापसी के लिए मोदी की पीठ ठोकी जाए। उत्साह बढ़ाया जाए। उनका अपमान न किया जाए। उन्होंने नोटबंदी अच्छे इरादे से की थी लेकिन कभी-कभी तीर गलत निशाने पर भी लग जाता है। मोदी की नाव भंवर में डूब जाए, उससे कहीं अच्छा है कि उसे खींचकर किनारे पर ले आया जाए।

(साभार: नया इंडिया)

समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।


टैग्स
सम्बंधित खबरें

‘भारत की निडर आवाज थे सरदार वल्लभभाई पटेल’

सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन ऐसी विजयों से भरा था कि दशकों बाद भी वह हमें आश्चर्यचकित करता है। उनकी जीवन कहानी दुनिया के अब तक के सबसे महान नेताओं में से एक का प्रेरक अध्ययन है।

2 hours ago

भारत और चीन की सहमति से दुनिया सीख ले सकती है: रजत शर्मा

सबसे पहले दोनों सेनाओं ने डेपसांग और डेमचोक में अपने एक-एक टेंट हटाए, LAC पर जो अस्थायी ढांचे बनाए गए थे, उन्हें तोड़ा गया। भारत और चीन के सैनिक LAC से पीछे हटने शुरू हो गए।

1 day ago

दीपावली पर भारत के बही खाते में सुनहरी चमक के दर्शन: आलोक मेहता

आने वाले वर्ष में इसके कार्य देश के लिए अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की नींव रख सकते हैं।

1 day ago

अमेरिकी चुनाव में धर्म की राजनीति: अनंत विजय

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार हो रहे हैं। डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच बेहद कड़ा मुकाबला है।

1 day ago

मस्क के खिलाफ JIO व एयरटेल साथ-साथ, पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब-किताब'

मुकेश अंबानी भी सेटेलाइट से इंटरनेट देना चाहते हैं लेकिन मस्क की कंपनी तो पहले से सर्विस दे रही है। अंबानी और मित्तल का कहना है कि मस्क को Star link के लिए स्पैक्ट्रम नीलामी में ख़रीदना चाहिए।

1 week ago


बड़ी खबरें

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

15 hours ago

फ्लिपकार्ट ने विज्ञापनों से की 2023-24 में जबरदस्त कमाई

फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है।

15 hours ago

ZEE5 ने मनीष कालरा की भूमिका का किया विस्तार, सौंपी अब यह बड़ी जिम्मेदारी

मनीष को ऑनलाइन बिजनेस और मार्केटिंग क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने Amazon, MakeMyTrip, HomeShop18, Dell, और Craftsvilla जैसी प्रमुख कंपनियों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं।

7 hours ago

विनियमित संस्थाओं को SEBI का अल्टीमेटम, फिनफ्लुएंसर्स से रहें दूर

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।

16 hours ago

डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा को प्रार्थना सभा में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘e4m’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

13 hours ago