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पत्रकार अविनाश का असमय जाना बहुत पीड़ादायक है, 9 महीने का है बेटा

जिनके कंधों पर देश की जनता को न्याय दिलाने की जिम्मेवारी हो उनके परिवार की जिम्मेवारी कौन उठाएगा अजित जी’...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago

अजीत कुमार मिश्रा

‘जिनके कंधों पर देश की जनता को न्याय दिलाने की जिम्मेवारी हो उनके परिवार की जिम्मेवारी कौन उठाएगा अजित जी’, ऐसा ही कुछ कहते थे अक्सर हमारे पत्रकार मित्र अविनाश कुमार।

मीडिया जगत में कम उम्र में ही अपनी खास पहचान बनाने वाले अविनाश आज हमारे बीच नहीं हैं। 8 मार्च को दिल्ली की कातिल डीटीसी बस ने उनकी जान ले ली। 6 मार्च की सुबह जब अविनाश जब अपने घर से निकले तो उन्हें शायद ही पता था कि एक डीटीसी बस की रफ्तार उनकी मौत की वजह बनेगी। पटपड़गंज की एक सड़क के किनारे ही उन्हें बस ने ऐसा धक्का मारा कि वो वहीं बेहोश हो गए । पास के राहगीरों ने उन्हें तत्काल मैक्स अस्पताल पहुंचाया। लेकिन दो दिनों के जिंदगी मौत के संघर्ष में वो हार गए और 8 तारीख को उनकी मौत हो गई।

आम मीडियाकर्मियो की तरह उनकी जिंदगी भी संघर्षों से भरी रही थी। मुजफ्फरपुर (बिहार) के एक छोटे से गांव से दिल्ली अविनाश देश की मीडिया के जरिए लोगों को न्याय दिलाने के सपने से आए थे। इस संघर्ष के दौरान माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की और फिर अविनाश ने 2005 से 2011 तक आईबीएन 7 में कार्य किया। वो चैनल में बतौर प्रोड्यूसर कार्यरत रहे। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ कर खुद का व्यवसाय करने की कोशिश की जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। साल 2018 में एक निजी कंपनी में एक छोटी सी नौकरी की। दुर्भाग्यवश बस दुर्घटना के एक दिन पहले नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा था।ही उन्हें अपने परिवार  की गिरती आर्थिक स्थिति ने उन्हे काफी तनाव में डाल दिया था। शायद यही वजह रही होगी कि जब उनका एक्सीडेंट हुआ तब उनके परिवार के सामने घर चलाने का भी संकट आ खड़ा हुआ है। परिवार में उनकी पत्नी प्रियंका कुमारी के अलावा नौ महीने की एक संतान है । पत्नी और बेटे के सामने आगे जीवन यापन का संकट आ खड़ा हुआ है। दुर्घटना के मुआवजे को मिलने में कम से कम एक से दो साल लग सकते हैं। ऐसे में मीडियाकर्मी ही उनके इस दर्द को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। आप सभी मीडिया कर्मियों से निवेदन हैं कि वो अविनाश कुमार के परिवार की सहायता के लिए आगे आएं। जिन भी लोगों को उनके परिवार की सहायता करनी है वो अविनाश कुमार की पत्नी के बैंक अकाउंट में सीधे अनुदान कर सकते हैं। नीचे उनकी पत्नी प्रियंका जी का बैंक अकाउंट दे रहा हूं। आशा है देश की जनता को न्याय दिलाने का सपना रखने वाले अविनाश खुद आर्थिक अन्याय के शिकार न हो।

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