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'प्रेस कॉन्फ्रेंस' में वरिष्ठ पत्रकारों के जवाब कुछ इस तरह से दिए हार्दिक पटेल ने...

एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम ‘प्रेस कांफ्रेंस’ के इस बार चीफ गेस्ट थे अनामत आंदोलन समिति के संयोजक और पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल। 19 अगस्त को प्रसारित इस कार्यक्रम में हार्दिक पटेल से 12 पत्रकारों ने पूछे कई तीखे सवाल और उन्होंने भी तीखे सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। बता दें कि एबीपी न्यूज पर दिखाए जाने वाले ‘प्रेस कांफ्रेंस’ शो प्रस

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 21 September, 2015
Last Modified:
Monday, 21 September, 2015
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एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम ‘प्रेस कांफ्रेंस’ के इस बार चीफ गेस्ट थे अनामत आंदोलन समिति के संयोजक और पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल। 19 अगस्त को प्रसारित इस कार्यक्रम में हार्दिक पटेल से 12 पत्रकारों ने पूछे कई तीखे सवाल और उन्होंने भी तीखे सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। बता दें कि एबीपी न्यूज पर दिखाए जाने वाले ‘प्रेस कांफ्रेंस’ शो प्रसारण का हर शनिवार रात 8 बजे, रविवार सुबह 10 बजे और रात 8 बजे किया जाता है। ये देश का इकलौता पहला शो है जिसमें 12 वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं जो चीफ गेस्ट से सवाल करते हैं। प्रेस कांफ्रेंस शो का एंकर वरिष्ठ पत्रकार दिबांग हैं। ‘प्रेस कांफ्रेंस’ में हार्दिक पटेल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी से बेहतर गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी से अच्छा काम केशुभाई पटेल ने गुजरात के लिए किया। हार्दिक पटेल ने एक तरफ बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि अब गुजरात में कमल कतई नहीं उगेगा लेकिन दूसरी तरफ ये भी कहा कि बीजेपी अच्छी पार्टी है लेकिन उसके नेता खराब हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'वाइब्रेंट गुजरात' अभियान पर निशाना साधते हुए पटेल ने कहा है कि हिन्दुस्तान में मेक इन इंडिया, वाइब्रेंट गुजरात जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि अमीर, अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब होता जा रहा है। गुजरात में नौकरी के लिए घूस लिये जाते हैं। पुलिस इंस्पेक्टर के पद के लिए 25 लाख रुपए मांगे जाते हैं। हार्दिक पटेल ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि वो सत्ता चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते। यहां पढ़ें हार्दिक पटेल के साथ इंटरव्यू के प्रमुख अंश: सवाल - आप एक बार आनंदी बेन पटेल की आलोचना करते हैं, दूसरी तरफ उनकी तारीफ करते हैं कि बड़ी मजबूत नेता हैं, फिर आप कहते हैं कि आप गांधी के रास्ते पर चल रहे हैं, दूसरी तरफ आप कहते हैं कि आप भगत सिंह का रास्ता भी अख्तियार कर सकते हैं। आप क्या लोगों को कन्फ्यूज नहीं कर रहे? हार्दिक पटेल - कन्फ्यूजन तो कोई नहीं है सर जी। जब यहां से कोई आदमी जाता है और कहता है कि हिन्दुस्तान के बॉर्डर पर कोई किसी जवान का सिर ले जाए तो मैं दो ले आऊंगा तो क्या मजबूत बात की यार, बहुत ही मजबूत सी बात थी। आज वहां गए तो जो पहले हो रहा था वो आज भी हो रहा है। हम वही बात कह रहे थे। हमारे निवेदन आज तक किसी को बुरे नहीं लगे। 25 तारीख तक लगा कि हार्दिक क्या बात करता है, हार्दिक की बात ही अच्छी लगती है, हार्दिक जो कहता है वो 70 लाख लोग कर लेते हैं 25 तारीख चली जाती है तो हार्दिक तो बुरा आदमी है, हार्दिक के तो पुतले जलने लगते हैं। हमने 2002 में किसी व्यक्ति के पुतले बहुत जलाए थे बहुत सारे, आज देश का सबसे बड़ा नेता उसको बना दिया। मैं वही कह रहा हूं कि हम छोटी समझ से हैं लेकिन किसी को तो अच्छा लगता है। आज मेरे लिए सब लोग बाहर नहीं आए, मैं तो सब को एक अच्छी दिशा दे रहा हूं कि भाई यहां से चलो और सब लोग चले जा रहे हैं क्योंकि वो कहते हैं कि ये हार्दिक बोल रहा है तो अच्छा है। मैं नासमझ हूं लेकिन मैं पूरा साफ हूं, बस इतना मुझे मालूम है। सवाल - क्या आप ये कह रहे हैं कि आनंदी बेन पटेल को हटाइए, नया मुख्यमंत्री लाइए और हमसे बात कीजिए और बीजेपी के साथ हैं। हार्दिक पटेल - हम वही बात कर रहे हैं कि उनपर कार्रवाई को लेकर आनंदी बेन अपना स्टैंड क्लीयर कर दें। हाईकोर्ट कर रही है, सरकार नहीं कर रही है। सवाल - स्टैंड क्लीयर से आप का मतलब क्या है? हार्दिक पटेल - स्टैंड क्लीयर से पहला मतलब है कि अभी जो वक्त चल रहा है उसमें आरक्षण को साइड में कर दिया है, अभी आरक्षण हमें नहीं चाहिए। जीएमडीसी ग्राउंड पर जितने भी पुलिस वाले थे, उन सब को पहले सस्पेंड कर दो क्योंकि वो अगर आप के बिना इजाजत के वो लोग हमला कर देते हैं और उस वक्त जब रामदेव जी बैठे थे तो बहुत उछल कर चढ़ बैठे कि यार कोई संत बैठा है उसे ऐसे मारते हैं तो हम तो देश के बच्चे हैं, देश के भविष्य हैं, अच्छे काम के लिए बैठे तो हमको मार दिया। जिस तरह से मारा है ना मैंने अपनी आंखों से देखा है, मैं वैन में बैठा था, बंदूक की बट से हम लोगों को मारा है। सवाल - मैं हाथ काट दूंगा, मैं तोड़ दूंगा, मैं गोली मार दूंगा, ये कैसी भाषा है? हार्दिक पटेल - उसमें मैं गलत तो नहीं मानता कि वो होना चाहिए। अगर आप न्याय व्यवस्था की बात करते हैं तो वो मैं बोलूंगा कि 2-3 साल बाद पुलिस वाले परेशान करेंगे और मैं उसमें डरता भी नहीं हूं। अगर देश में कोई सरेआम किसी को गोली मार देता और उसके बाद वो खुलेआम रहता है किसी नेता के बलबूते पर तो हमें उसका विरोध है। ये न्याय व्यवस्था नहीं इस हिन्दुस्तान में और उसको हमें स्वीकारना पड़ेगा। जिस दिन हम ये स्वीकर कर लेंगे कि इस देश में सही तौर पर न्याय व्यवस्था नहीं है, हमारी बहन-बेटियों पर दस-दस लोग रेप कर लेते हैं ये कहां पर है न्याय व्यवस्था, वो फिर भी घूमते रहते हैं और रेप करने वालों में कोई अगर 17 साल का निकल जाता है तो फिर वो तो 17 साल का छोटा बच्चा है, ये हमारी न्याय व्यवस्था है यहां पर। सवाल - क्या आप कह रहे हैं कि शादी की समस्या हो रही है हार्दिक पटेल को? हार्दिक पटेल - नहीं मुझे तो नहीं हो रही है। अभी तो 22 साल का हूं। अभी से थोड़े ना शादी कर लूंगा मैं। अभी तो थोड़ी देर लगेगी और जिसकी शादी नहीं होती वो बहुत आगे चला जाता है यहां पर। सवाल - रिमोट का मतलब होता है कि हम सत्ता चाहते हैं लेकिन सत्ता के साथ जो जिम्मेदारी है वो नहीं चाहते हैं। आप ऐसी बात क्यों कर रहे हैं? हार्दिक पटेल - हम सत्ता चाहते हैं। सवाल - और जिम्मेदारी नहीं चाहते हैं? हार्दिक पटेल - ज़िम्मेदारी उन लोगों को सौंपना चाहते हैं, जो लोग वहां जाकर दूसरों के लिए जिम्मेदारी बन जाते हैं। सवाल - आप कभी हाथ में बंदूक लेते हैं, कभी रिवाल्वर लेते हैं। ये आप का शौक है या आप लोगों को डराते हैं? हार्दिक पटेल - हथियार रखना मेरा शौक है। मुझे तो गर्व होता है। पापा भी खुश हो गए कि मेरी बंदूक किसी ने नहीं देखी आज पूरा हिन्दुस्तान देख रहा है। सवाल - क्या आप को लगता है हार्दिक कि आप सीधे पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहते हैं, वो इसलिए भी है कि अगर आप आज कहें कि मैं मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो बहुत सारे लोग जो आप के साथ जुड़े हुए हैं, वो समझेंगे कि ये सिर्फ अपने बात करता है, बनना चाहता है इसलिए कर रहा है? हार्दिक पटेल - ये हो सकता है लेकिन सर जी आप मुझे वहीं पर घुमा-घुमा कर ला रहे हैं, मुझे नहीं बनना सीएम। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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मशहूर फिल्म एडिटर निशाद युसुफ का निधन, घर में मिला शव

प्रसिद्ध फिल्म एडिटर निशाद युसुफ का बुधवार, 30 अक्टूबर की सुबह कोच्चि स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनकी उम्र 43 साल थी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 30 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 30 October, 2024
NishadYusuf7854120

प्रसिद्ध फिल्म एडिटर निशाद युसुफ का बुधवार, 30 अक्टूबर की सुबह कोच्चि स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनकी उम्र 43 साल थी। मलयालम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका शव रात करीब 2 बजे कोच्चि के पनमपिल्ली नगर में उनके अपार्टमेंट में पाया गया। पुलिस ने अभी तक मौत का कारण नहीं बताया है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।  

फिल्म एम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ केरल (FEFKA) डायरेक्टर्स यूनियन ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर निशाद युसुफ की मौत की पुष्टि की। फिल्म संगठन ने निशाद की तस्वीर साझा करते हुए मलयालम में लिखा, "मलयालम सिनेमा को एक नई दिशा देने वाले संपादक निशाद युसुफ के असमय निधन को फिल्म जगत जल्दी स्वीकार नहीं कर पाएगा। FEFKA डायरेक्टर्स यूनियन की ओर से श्रद्धांजलि।"

हालांकि, क्षेत्रीय मीडिया ने उनके निधन को आत्महत्या की संभावना के रूप में बताया है, लेकिन पुलिस की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। *मातृभूमि* के अनुसार, केरल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और किसी भी संभावना को खारिज नहीं किया गया है।

निशाद युसुफ मलयालम और तमिल सिनेमा के लोकप्रिय फिल्म एडिटर थे। उन्होंने 'थल्लुमाला', 'उंडा', 'वन', 'सऊदी वेलक्का' और 'अडिओस अमिगोस' जैसी प्रमुख फिल्मों पर काम किया था। पिछले साल उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट साइन किया था, जिसमें अभिनेता सूर्या और बॉबी देओल की पैन-इंडिया फिल्म 'कंगुवा' शामिल है, जो 14 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।

FEFKA के अनुसार, निशाद के पास अन्य प्रोजेक्ट्स भी थे, जिनमें मोहनलाल और ममूटी की आने वाली फिल्म 'बाजूका' और 'अलप्पुझा जिमखाना' शामिल हैं। हरिप्पाड के निवासी निशाद को 2022 में 'थल्लुमाला' के लिए राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा को प्रार्थना सभा में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘e4m’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
Prayer Meeting

‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

दिल्ली में लोदी रोड स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के मल्टीपर्पज हॉल में 28 अक्टूबर (सोमवार) को अपराह्न तीन बजे से आयोजित इस प्रार्थना सभा में श्रीमती ऊषा बत्रा को श्रद्धांजलि दी गई और उन्हें याद किया गया।

इस प्रार्थना सभा में डॉ. अनुराग बत्रा के परिजन, शुभचिंतक और तमाम मित्र शामिल हुए, जिन्होंने श्रीमती ऊषा बत्रा को याद करते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी जिंदगी से जुड़ी कई घटनाओं व यादों का जिक्र किया।

बता दें कि श्रीमती ऊषा बत्रा का 25 अक्टूबर 2024 को देहांत हो गया था। वह लगभग साढ़े 83 वर्ष की थीं और पिछले कुछ दिनों से वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं। उनका इलाज दिल्ली के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां शुक्रवार की सुबह करीब छह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 25 अक्टूबर को ओल्ड गुरुग्राम के मदनपुरी स्थित श्मशान घाट में दोपहर करीब 12:30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।

श्रीमती ऊषा बत्रा लंबे समय तक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत रहीं। उन्होंने शिक्षा और शिक्षकों के प्रशिक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण संस्थान ‘राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ (SCERT), हरियाणा में अपनी जिम्मेदारी निभाई। वह सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। श्रीमती ऊषा बत्रा को उनके स्नेह, दयालुता और आत्मीय व्यक्तित्व के लिए जाना जाता था।

श्रीमती ऊषा बत्रा की श्रद्धांजलि सभा की कुछ तस्वीरें आप यहां देख सकते हैं।

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महिला पत्रकार ने CPI(M) नेता तन्मय भट्टाचार्य पर गोद में बैठने का लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है। CPI(M) के पूर्व विधायक तन्मय भट्टाचार्य पर एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है।

Last Modified:
Monday, 28 October, 2024
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पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है। CPI(M) के पूर्व विधायक तन्मय भट्टाचार्य पर एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। महिला पत्रकार का कहना है कि इंटरव्यू के दौरान भट्टाचार्य उनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार करते हुए उनकी गोद में बैठ गए। 

महिला पत्रकार ने फेसबुक लाइव के जरिए इस घटना को साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि रविवार को जब वह तन्मय भट्टाचार्य का इंटरव्यू लेने उनके घर गई थीं, तो उन्होंने अनुचित व्यवहार करते हुए उनकी गोद में बैठने की कोशिश की। इसके बाद सोशल मीडिया पर मामला तेज़ी से वायरल हो गया और CPI(M) के भीतर हड़कंप मच गया।

घटना के बाद CPI(M) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तन्मय भट्टाचार्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। CPI(M) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि पार्टी ने मामले की जांच के लिए एक आंतरिक कमेटी का गठन किया है। सलीम ने स्पष्ट किया कि पार्टी ऐसे किसी भी गलत व्यवहार का समर्थन नहीं करती और इस मामले को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करेगी। 

CPI(M) ने कहा कि जांच पूरी होने तक भट्टाचार्य निलंबित रहेंगे और कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि तन्मय भट्टाचार्य के खिलाफ पहले भी शिकायतें आई थीं, जिन्हें अब इस जांच में भी शामिल किया जा सकता है।

पत्रकार का कहना है कि उन्हें पहले भी तन्मय भट्टाचार्य के घर पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि भट्टाचार्य को लोगों को छूने की आदत है और वह पहले भी उनका हाथ छू चुके हैं। हालांकि, पहले उन्होंने डर के कारण इसकी शिकायत नहीं की, लेकिन इस बार की घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया।

महिला पत्रकार ने बताया कि जब उनका कैमरामैन इंटरव्यू के लिए फ्रेम सेट कर रहा था, तो उसने तन्मय भट्टाचार्य को एक जगह बैठने के लिए कहा। इसी दौरान, भट्टाचार्य ने इसका फायदा उठाते हुए पहले अपनी जगह पूछी और फिर अचानक आकर उनकी गोद में बैठ गए। इस घटना को याद करते हुए पत्रकार की आवाज कांप उठी।

महिला पत्रकार ने फेसबुक लाइव में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि CPI(M) अपने नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, लेकिन उनका मानना है कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह कुछ व्यक्तियों की निजी प्रवृत्ति का परिणाम है। इस मामले की शिकायत बारानगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है और CPI(M) ने तन्मय भट्टाचार्य को निलंबित करते हुए आंतरिक जांच का आश्वासन दिया है।

गौरतलब है कि तन्मय भट्टाचार्य CPI(M) के सक्रिय सदस्य रहे हैं और उन्होंने 2016 से 2021 तक उत्तरी दमदम के विधायक के रूप में भी सेवा दी है।

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काशी में ‘भारत एक्सप्रेस’ ने किया Mega Conclave, सीएमडी उपेंद्र राय ने कही ये बात

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काशी के अभूतपूर्व विकास की सराहना की। उपेंद्र राय का कहना था, ‘पीएम मोदी का लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद बनारस में पर्यटकों की संख्‍या तेजी से बढ़ी है।'

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 26 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 26 October, 2024
Kashi Conclave

महादेव की नगरी काशी में ‘भारत एक्‍सप्रेस’ (Bharat Express) न्‍यूज चैनल की ओर से ‘काशी का कायाकल्‍प’ कॉन्‍क्‍लेव आयोजित किया गया। ‌बनारस कैंट स्थित होटल रमाडा में कॉन्‍क्‍लेव के मंच पर ‘भारत एक्‍सप्रेस’ के सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल ने दीप प्रज्वलन किया।

कॉन्क्लेव में उपेंद्र राय ने काशी के गौरवशाली इतिहास और ‘कायाकल्प’ के बारे में बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काशी के अभूतपूर्व विकास की सराहना की। उपेंद्र राय का कहना था, ‘बनारस अब निरंतर प्रगति कर रहा है। पीएम मोदी का लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद बनारस में पर्यटकों की संख्‍या तेजी से बढ़ी है। पीएम द्वारा यहां काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर बनवाया गया। 2022 में 7 करोड़ से ज्‍यादा लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने बनारस पहुंचे। यह संख्‍या और बढ़ सकती है।’

इसके साथ ही उपेंद्र राय का कहना था, ’बनारस का लिखित इतिहास तो 3 हजार साल पुराना है, हालांकि, जब महाभारत ग्रंथ पढ़ते हैं तो पता चलता है कि साढ़े 5 हजार वर्ष पूर्व, पितामह भीष्‍म हस्तिनापुर से काशी आए थे। भीष्‍म ने काशी नरेश की पुत्रियों- अंबा, अंबिका और अंबालिका के लिए आयोजित स्वयंवर में हिस्‍सा लिया था। इस स्वयंवर में भीष्‍म बिन बुलाए पहुंचे थे। उन्‍होंने वहां अन्‍य सभी राजाओं को चुनौती देते हुए राजकुमारियों का बलपूर्वक हरण किया और तीनों राजकुमारियों को अपने सौतेले भाई विचित्रवीर्य से विवाह करवाने के लिए हस्तिनापुर ले गए थे।’

उन्होंने आगे कहा, ’इस प्रकार हमारे पास काशी का साढ़े 5 हजार वर्ष पहले तक का लिखित इतिहास है। और बात जब सनातन धर्म की होती है, तो इसके 11,ooo वर्ष पुराना होने के प्रमाण मिलते हैं। दुनिया का कोई और मत या मजहब इतना पुराना नहीं है। सनातन धर्म को बाद में हिंदू धर्म कहा जाने लगा, इस हिंदू धर्म के भी 7 हजार साल पुराना होने के साक्ष्य मिलते हैं। जैन और बौद्ध धर्म का इतिहास लगभग 3 हजार साल पुराना है। ईसाई मजहब ढाई हजार साल पहले स्थापित किया गया। इस्लाम का इतिहास लगभग 1400 साल पुराना है। सिख संप्रदाय लगभग 500 साल पहले स्थापित हुआ।’

अपने वक्तव्य में मोक्ष का जिक्र करते हुए उपेंद्र राय बोले, ’अन्य सारे मत-मजहब नरक और स्वर्ग की सीढ़ी तक जाकर फंस जाते हैं। लेकिन सनातन धर्म मोक्ष की बात करता है और काशी मोक्षदायिनी नगरी है। धर्मग्रंथों में काशी को पृथ्वी का प्रवेश द्वारा कहा गया है। कहा जाता है कि जो एक बार काशी आकर बस जाता है और भगवान शिव-पार्वती का संवाद पढ़ेगा, तो वह कभी काशी छोड़कर नहीं जाता। उसकी वजह है कि काशी ‘मोक्ष’ प्रदान करने वाली नगर है। ‘मोक्ष’ वो है, जो आत्माओं को स्वर्ग-नरक से परे जाकर मिलता है। इसमें आत्मा सारे बंधनों से मुक्त हो जाती है।’

कॉन्क्लेव में राजनीति, शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कई विशिष्ट अतिथियों ने हिस्सा लिया।

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डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा

‘एक्सचेंज4मीडिया’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा

Last Modified:
Friday, 25 October, 2024
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‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। 

दिल्ली में लोदी रोड स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के मल्टीपर्पज हॉल में 28 अक्टूबर (सोमवार) को अपराह्न तीन बजे से होने वाली इस प्रार्थना सभा में श्रीमती ऊषा बत्रा को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा।  

बता दें कि श्रीमती ऊषा बत्रा का 25 अक्टूबर 2024 को देहांत हो गया है। वह लगभग साढ़े 83 वर्ष की थीं और पिछले कुछ दिनों से वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं। उनका इलाज दिल्ली के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां शुक्रवार की सुबह करीब छह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 

25 अक्टूबर को ओल्ड गुरुग्राम के मदनपुरी स्थित श्मशान घाट में दोपहर करीब 12:30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया। 

श्रीमती ऊषा बत्रा लंबे समय तक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत रहीं। उन्होंने शिक्षा और शिक्षकों के प्रशिक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण संस्थान ‘राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ (SCERT), हरियाणा में अपनी जिम्मेदारी निभाई। वह सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। श्रीमती ऊषा बत्रा को उनके स्नेह, दयालुता और आत्मीय व्यक्तित्व के लिए जाना जाता था। 

श्रीमती ऊषा बत्रा के निधन पर कई प्रमुख हस्तियों और इंडस्ट्री के दिग्गजों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

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एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की मां का निधन

BW बिजनेस वर्ल्ड के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा का शुक्रवार 25 अक्टूबर को निधन हो गया।

Last Modified:
Friday, 25 October, 2024
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BW बिजनेस वर्ल्ड के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा का शुक्रवार 25 अक्टूबर को निधन हो गया। वह 83 वर्ष की थीं और आज सुबह करीब 6 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

बता दें कि वह वृद्धावस्था संबंधित बीमारियों से ग्रसित थीं और पिछले कुछ दिनों से दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 

श्रीमती ऊषा बत्रा को उनकी दयालुता और स्नेह के लिए जाना जाता था और उनके जाने से परिवार, मित्र और करीबियों को गहरा आघात पहुंचा है।

उनका अंतिम संस्कार आज, 25 अक्टूबर को गुरुग्राम के मदनपुरी स्थित श्मशान घाट में दोपहर 12:30 बजे होगा।  

डॉ. अनुराग बत्रा और उनके परिवार को इस कठिन घड़ी में सहानुभूति और संवेदनाएं व्यक्त करते हुए विभिन्न इंडस्ट्री के दिग्गजों व मित्रों ने दुख प्रकट किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

'समाचार4मीडिया' ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और बत्रा परिवार को इस मुश्किल समय में धैर्य और शक्ति प्रदान करें। 

 

 

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‘Arré’ के संस्थापक बी.साई कुमार के ससुर जगदीप सिंह बुद्धिराजा का निधन

जगदीप सिंह बुद्धिराजा अपने दयालु स्वभाव और पारिवारिक मूल्यों के लिए जाने जाते थे। परिवार के प्रति उनकी निष्ठा और समाज में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 24 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 24 October, 2024
Jagdeep Singh

डिजिटल मीडिया कंपनी ‘Arré’ के फाउंडर और ‘नेटवर्क18’ के पूर्व ग्रुप सीईओ बी. साई के ससुर जगदीप सिंह बुद्धिराजा का निधन हो गया है। वह साई कुमार की पत्नी शरण के पिता थे। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर वडोदरा (गुजरात) में अलकापुरी स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा।

जगदीप सिंह बुद्धिराजा अपने दयालु स्वभाव और पारिवारिक मूल्यों के लिए जाने जाते थे। परिवार के प्रति उनकी निष्ठा और समाज में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

जगदीप सिंह बुद्धिराजा के निधन पर तमाम गणमान्य लोगों और उनके शुभचिंतकों ने शोक जताते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है और ईश्वर से शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

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जयपुर में दो दिवसीय क्षेत्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन 24 अक्टूबर से

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और आईआईएम की ओर से संयुक्त रूप से किया जा रहा है आयोजन, इस वर्ष के सम्मेलन की थीम है, ‘Celebrating 20 years of Community Radio in India’

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 22 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 22 October, 2024
IIMC Community Radio

‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) और ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) द्वारा सामुदायिक रेडियो के 20 वर्षों का जश्न मनाने के उपलक्ष्य में दिनांक 24-25 अक्टूबर, 2024 को जयपुर (राजस्थान) में 'क्षेत्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन (पश्चिम)' का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस वर्ष के सम्मेलन की थीम है, ‘Celebrating 20 years of Community Radio in India’।

‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ की सीआरएस प्रमुख प्रो. संगीता प्रणवेंद्र ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक रेडियो की उपलब्धियों का जश्न मनाना और इसके भविष्य की दिशा पर विचार-विमर्श करना है। सम्मेलन के दौरान विभिन्न सत्रों में तकनीकी विकास, कार्यक्रम निर्माण, सामुदायिक सहभागिता और रेडियो के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, एक ओपन हाउस सेशन भी होगा, जहां प्रतिभागी अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे।

यह सम्मेलन सामुदायिक रेडियो के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इससे पहले वर्ष 2023 में नई दिल्ली और 2024 में चेन्नई में सफलतापूर्वक दो सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें सामुदायिक रेडियो के भविष्य पर व्यापक रूप से चर्चा की गई थी।

सामुदायिक रेडियो ने पिछले 20 वर्षों में जमीनी स्तर पर सामाजिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह सम्मेलन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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वकील व पत्रकार के रूप में अधिवक्ता को दोहरी भूमिका निभाने की इजाजत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील को फ्रीलांस पत्रकारिता करने पर कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि वह "ऐसे दोहरे रोल की अनुमति नहीं देगी।"

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 22 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 22 October, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर कड़ा सवाल उठाया है कि एक वकील कैसे एक साथ वकालत और पत्रकारिता जैसे दो अलग-अलग पेशों में काम कर सकता है, जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत यह प्रतिबंधित है। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने साफ कहा कि किसी भी वकील को दोहरी भूमिका निभाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। 

लिहाजा इस बाबत सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील को फ्रीलांस पत्रकारिता करने पर कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि वह "ऐसे दोहरे रोल की अनुमति नहीं देगी।" इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को नोटिस जारी कर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है।

यह मामला उस वक्त सामने आया जब सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ए.जी. मसीह की दो-जजों की पीठ पूर्व भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ एडवोकेट मोहम्मद कामरान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह जानकारी मिली कि वकील कामरान न केवल वकालत कर रहे हैं, बल्कि फ्रीलांस पत्रकार के तौर पर भी काम कर रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल को नोटिस जारी कर उनका पक्ष जानने की मांग की।

बार काउंसिल के नियम स्पष्ट रूप से यह कहते हैं कि कोई भी प्रैक्टिसिंग वकील किसी अन्य पेशे में नहीं लग सकता। इस नियम का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा, "उन्हें या तो वकील होना होगा या पत्रकार। हम इस तरह की प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दे सकते।"

कोर्ट ने आगे कहा, "हम दोहरी भूमिका निभाने की इजाजत नहीं दे सकते। यह एक उच्च प्रतिष्ठित पेशा है। वह यह नहीं कह सकते कि वह फ्रीलांस पत्रकार हैं।"

गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई 2024 में भी सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को यह निर्देश दिया था कि वे मोहम्मद कामरान द्वारा एक साथ वकालत और पत्रकारिता करने के मामले में आवश्यक कार्रवाई करें।

अब इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के जवाब का इंतजार है, जिससे यह साफ हो सकेगा कि वकीलों द्वारा किसी अन्य पेशे में शामिल होने को लेकर भविष्य में क्या नियम लागू होंगे।

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इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजे गए वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन

अखिल भारतीय गुर्जर महासभा उप्र इकाई की ओर से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-2 स्थित पटेल लोक संस्कृतिक संस्थान में सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती मनाई गई।

Last Modified:
Monday, 21 October, 2024
Jitendra Bachchan

अखिल भारतीय गुर्जर महासभा उप्र इकाई द्वारा ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-2 स्थित पटेल लोक संस्कृतिक संस्थान में सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर देश की एकता-अखंडता के क्षेत्र में पत्रकारिता के माध्यम से उत्कृष्ट योगदान देने के लिए वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन को ‘लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल स्मृति’ सम्मान से नवाजा गया। उन्होंने आयोजकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा है कि यह सम्मान उन्हें और बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा।

बता दें कि जितेन्द्र बच्चन करीब 37 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़े हैं। कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं में वरिष्ठ पदों पर रहे हैं। अब तक उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मान व पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। वह राजनीति, अपराध और समसामयिक विषयों पर निरन्तर लेखन कर रहे हैं।

इस मौके पर जितेन्द्र बच्चन का कहना था कि आज के दौर में अच्छी पत्रकारिता करना कठिन है और खोजी पत्रकारिता करना उससे भी अधिक कठिन है। लेकिन जब कोई सम्मान मिलता है या आपका लेखन सराहा जाता है तो काम करने की क्षमता बढ़ जाती है। हमारी भी यही कोशिश होगी कि हम अन्याय, अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ देश को अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें।

कार्यक्रम में दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ कई प्रदेशों के गुर्जर नेता व सैकड़ों कार्यकार्ता उपस्थित रहे। इस अवसर पर कुछेक अन्य वरिष्ठ पत्रकारों व समाज सेवियों को भी सम्मानित किया गया। समारोह की अध्यक्षता पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर ने की।

राजस्थान से आए महासभा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बच्चू सिंह बैंसला ने जहां राजनैतिक व प्रशासनिक पदों पर गुर्जरों की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए अपनी कार्य योजना पर प्रकाश डाला, वहीं गोपीचंद गुर्जर ने समाज को संगठित व शिक्षित करने पर बल दिया।

मंच संचालन प्रोफेसर बी. एस. रावत ने किया। विशिष्ट अतिथि के तौर पर महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष व दिल्ली में निगम पार्षद रेणु चौधरी, युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुंदर चौधरी, पूर्व विधायक दादरी सतवीर गुर्जर, नगर पंचायत बिलासपुर के चेयरमैन संजय सिंह, ज़िला अध्यक्ष कांग्रेस दीपक चोटीवाला और लोकदल मंच के जिलाध्यक्ष जनार्दन भाटी के अलावा कई पत्रकार, समाजसेवी, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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