विमला पाटिल ने वर्ष 1959 में इस मैगजीन की लॉन्चिंग के समय बतौर एडिटर यहां जॉइन किया था और वर्ष 1993 तक कार्यरत रही थीं।
उन्हें चौथे स्टेज का लंग कैंसर था, जो मस्तिष्क तक पहुंच गया था। इस दौरान मुंबई के टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट में उनका लंबा इलाज चला।
वह करीब 11 साल से यहां कार्यरत थे और वर्तमान में ‘डीडी न्यूज’ (DD News) में एंकर कम करेसपॉन्डेंट के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
नई दिल्ली में जे.एल.एन मार्ग स्थित एस.पी. मुखर्जी सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में 13 सितंबर की शाम चार से पांच बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
करीब 88 वर्षीय अरुणा वासुदेव कुछ समय से मल्टी-स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
जाने-माने पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय का एक सितंबर को निधन हो गया था। उमेश उपाध्याय विश्वविद्यालय महापरिषद के माननीय सदस्य भी थे।
अंतिम संस्कार दो सितंबर की दोपहर 12:00 बजे निगमबोध घाट, दिल्ली पर किया जाएगा। उमेश उपाध्याय के निधन पर तमाम पत्रकारों और उनके शुभचिंतकों ने दुख जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मैंने हमेशा युवा पत्रकारों और दूसरे पेशेवरों को कड़ी मेहनत के मामले में उनकी मिसाल दी। इतने बड़े पदों पर रहने के बावज़ूद कभी उनमें अहं का भाव नहीं आया।
इतने ऊंचे पदों पर रहकर इतनी विनम्रता आज के दौर में मुश्किल ही है। अपनी ऊंची पहुंच/संबंधों का दिखावा करते उन्हें मैंने नहीं देखा।
वह वैश्विक मीडिया के भारत विरोधी चेहरे को उजागर करने वाले साहसी पत्रकार थे।