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धर्म और संस्कृति का संरक्षण करती है ‘राष्‍ट्रधर्म’ पत्रिका: डॉ. कृष्णगोपाल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने लखनऊ में विशाल खंड गोमती नगर स्थित सीएमएस के सभागार में राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक 'राष्ट्रोन्मुख विकास' का लोकार्पण किया

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Sunday, 26 November, 2023
Last Modified:
Sunday, 26 November, 2023
Book Release


‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने 25 नवंबर को लखनऊ में विशाल खंड गोमती नगर स्थित सीएमएस के सभागार में राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक 'राष्ट्रोन्मुख विकास' का लोकार्पण किया।

इस मौके पर डॉ. कृष्ण गोपाल का कहना था, ‘एक हजार वर्ष की पराधीनता काल में हमारी संस्कृति का क्षरण होता रहा। संस्कार भी खोने लगे। ऐसे में राष्ट्र की अखंडता के मूल को जीवित रखने की आवश्यकता पड़ने लगी। देश की आजादी के समय में अंग्रेजों ने देश की संस्कृति को जिस प्रकार से खंडित करने का षड्यंत्र रचा था, उसे निष्‍प्रयोज्‍य करने के लिए ‘राष्ट्रधर्म’ पत्रिका की 76 वर्ष पूर्व शुरुआत की गई थी। बीते 9 वर्षों से जब देश को एक नई दिशा मिलने लगी है तो राज्यों में हो रहे विकास कार्यों और राष्ट्र में हो रहे समुचित विकास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राष्‍ट्रधर्म पत्रिका के ‘राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास’ अंक का प्रकाशन किया गया है।’

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णगोपाल का कहना था, ‘इस पत्रिका में योग्य और विद्वान लोगों के विचार प्रकाशित किए जाते रहे हैं। देश में पहले कई पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता था, जो अब दिखती नहीं हैं। ऐसे में पाठकों को वैचारिक सामग्री देने का दायित्व ’राष्ट्रधर्म’ पत्रिका उठा रही है।’ उन्होंने कहा कि इस पत्रिका के प्रकाशन में भी कई तरह की परेशानियां आयीं। आरम्भ के समय में ही गांधीजी की हत्या और उसके बाद आपातकाल में प्रकाशन करना काफी दुरूह था। इसके बाद भी प्रकाशन का कार्य कुशलता से किया गया। आज देश में जब पठनीयता की समस्या दिख रही है। लोगों की पढ़ने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है, तब भी इस पत्रिका के माध्यम से विचारों का संयोजन लगातार किया जा रहा है। आवश्‍यकता है कि हर घर में हिंदी या स्थानीय भाषा के साहित्य का एक कोना होना चाहिए। ऐसा न होने पर पठनीयता की आदत खत्म होते ही देश की संस्कृति भी प्रभावित हो जायेगी।

उन्होंने हिन्दुत्व पर कहा कि हजार वर्षों की पराधीनता काल में देश की संस्कृति प्रभावित हुई। तमाम लोगों ने हमारे देश को आर्थ‍िक रूप से लूटने के साथ ही सांस्‍कृतिक रूप से विकृत करने का  प्रयास किया परन्तु हिन्दुओं ने अपनी जीवनीशक्‍ति से खुद को और देश की संस्‍कृति को बचाये रखा। ऐसे में राष्‍ट्रधर्म पत्रिका ने भी अपना विशेष योगदान दिया है।

मुगल काल में तीर्थयात्राओं पर लगने वाले कर (टैक्‍स) के बारे बताते हुए डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि जजिया के साथ ही तीर्थयात्रा एवं गंगा स्नान के टैक्स का बोझ उठाने के बाद भी हिंदुओं ने न तो तीर्थाटन छोड़ा और न ही गंगा स्‍नान। एक समय में मधुसूदन सरस्वती जी ने आगरा जाकर मुगल बादशाह से अपील की कि वह तीर्थयात्रा पर लगने वाला कर हटा दें। ऐसे में दारा शिकोह और उनकी बहन ने इसका समर्थन किया। अन्त में तीर्थयात्रा पर लगने वाला कर हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि संस्कृति का संरक्षक हिंदू मुगलों द्वारा बार-बार मंदिरों को तोड़े जाने के बाद भी मंदिरों का पुनर्निर्माण करता रहा क्योंकि मुगल हम हिंदुओं की मंदिर बनाने की भावना को तोड़ने में असफल रहे थे। उन्होंने अंत में कहा कि इस पत्रिका के माध्‍यम से देश में ऐसे विचारों को ही जीवंत रखने का प्रयास किया जा रहा है।

पत्रिका के विशेष अंक के विमोचन कार्यक्रम का आरम्भ घनानन्द पाण्डेय के भारत माता तेरी जय हो...गीत से हुआ। इसके बाद पत्रिका के राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास अंक की विशेषता के बारे में विस्तार से बताते हुये निदेशक मनोजकान्त ने कहा, ‘राष्‍ट्रधर्म पत्रिका का राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास अंक देश के राज्यों में हो रहे विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने और उसके लिये विचार प्रकट करने के लिए पब्लिश किया गया है।’ उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में राष्ट्रधर्म पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया गया था। इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय, प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया,  भाऊराव देवरस जी, नानाजी देशमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपना योगदान दिया। इसमें महान विचारकों के लेख एवं साहित्य का संकलन कर देश के पाठकगणों का वैचारिक विकास करने का सफल प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही अवधारणा रही है कि राष्ट्र जब तक राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप आचरण करता है, तब तक देश विकास की राह पर चलता है। ऐसा न होने पर अवरोध आते हैं। ऐसे में इस पत्रिका के माध्‍यम से वैचारिकता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

इसके बाद पत्रि‍का के संपादक प्रो. ओमप्रकाश पाण्‍डेय ने कहा कि ‘राष्‍ट्रधर्म का यह विशेषांक उस परम्‍परा का समर्थन करता है, जिसमें राष्‍ट्रीयता को बढ़ावा मिले। जिस प्रकार सिंह अवलोकन करके यह देखता है कि अब कितना लक्ष्य शेष है, ठीक उसी प्रकार राष्ट्र का अब तक कितना विकास हुआ है और कितना शेष बचा है, उसका निर्धारण करने के लिये राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास अंक का प्रकाशन किया गया है।’ उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के ठीक बाद देश में अच्छा माहौल नहीं था किन्तु अब परिवर्तन दिखने लगा है। इस पत्रिका के माध्यम से देश में सामाजिक, आर्थिक और वैचारिक क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तन को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष की भूमिका में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित ने बताया, ‘राष्‍ट्रधर्म का प्रतिपादन करती यह पत्रिका अपने 75 वर्ष पूर्ण कर चुकी है। इस अवसर पर मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि यह पत्रिका पाठकों को सूचना, ज्ञान और मनोरंजन देने के साथ ही विचारपरक पठनीय सामग्री भी दे रही है। यह एक विचार परक पत्रिका है।’ उन्‍होंने कहा, ‘इतिहास, भूगोल, नागरिकता और संस्‍कृति का परिचायक राष्‍ट्र होता है। यह पत्रिका उसी धर्म का पालन कर रही है। बीते 9 वर्ष में देश को एक नयी दिशा मिली है। हमें भारत शब्द भी अब जाकर मिला है। चंद्रयान के समान ही हम भी उन्‍नत हुए हैं। देश का पुनरुत्थान हो रहा है। कोरोना काल में भी हमारे देश ने वैश्विक उदारता का परिचय दिया है। आयात घट रहा है और निर्यात बढ़ रहा है। यह गौरव काल है। ऐसे में यह राष्ट्रधर्म पत्रिका देशवासियों को प्रेरित कर रही है।’

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड के प्रबंधक डॉ. पवनपुत्र बादल ने 75 वर्षों के प्रकाशन काल के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन संपादक मण्डल के सदस्य डॉ. अमित उपाध्याय ने एवं आभार ज्ञापन प्रभारी निदेशक सर्वेश चन्द्र द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रान्त प्रचारक कौशल, राज्यसभा सांसद अशोक बाजपेयी, क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख मिथलेश नारायण, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, राष्ट्रधर्म के निदेशक हरजीवन लाल, सुनील शुक्ल, सहक्षेत्र सम्पर्क प्रमुख मनोज, सहक्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर, संयुक्त क्षेत्र कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख ओमपाल, प्रान्त प्रचार प्रमुख अशोक दूबे, पूर्व विधायक सुरेश चन्द्र त्रिपाठी, प्रचारक रामजी भाई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री घनश्याम शाही समेत समाज के सैकड़ों गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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'ग्रेटर कश्मीर' के हेल्थ एडिटर बने GOSI के नॉर्थ इंडिया चैप्टर के प्रेजिडेंट 

'ग्रेटर कश्मीर' के हेल्थ एडिटर व जेरोंटोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. जुबैर सलीम को जेरियाट्रिक ऑर्थोपेडिक सोसाइटी ऑफ इंडिया (GOSI) के नॉर्थ इंडिया चैप्टर का प्रेजिडेंट नियुक्त किया गया है।

Last Modified:
Monday, 14 October, 2024
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'ग्रेटर कश्मीर' के हेल्थ एडिटर और प्रसिद्ध जेरियाट्रिक मेडिसिन व जेरोंटोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. जुबैर सलीम को जेरियाट्रिक ऑर्थोपेडिक सोसाइटी ऑफ इंडिया (GOSI) के नॉर्थ इंडिया चैप्टर का प्रेजिडेंट नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल तीन वर्षों तक रहेगा। 

इस भूमिका में, डॉ. सलीम जम्मू और कश्मीर में वरिष्ठ नागरिकों के हित में कई कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिनमें कंटिन्यूस मेडिकल एजुकेशन (CME), जागरूकता अभियान और सामाजिक गतिविधियां शामिल होंगी। इन प्रयासों का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

डॉ. सलीम ने अब तक 35,000 से अधिक बुजुर्ग मरीजों का सफल इलाज किया है और कश्मीर में जेरियाट्रिक देखभाल में अग्रणी माने जाते हैं। उन्होंने घर-आधारित और टेलीहेल्थ सेवाओं को शुरू करके बुजुर्गों की देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

डॉ. सलीम मौल मौज फाउंडेशन के माध्यम से भी समाज के हाशिए पर रहने वाले और उपेक्षित बुजुर्गों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनकी यह सेवाएं जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।

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PM मोदी के इस सुझाव पर 'ब्लिट्ज इंडिया' की पहल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूं फैलाए ‘पंख’

देश के जाने-माने साप्ताहिक अखबार (Weekly Tabloid) ‘ब्लिट्ज इंडिया’ (Blitz India) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर अमल करते हुए एक नई पहल करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ‘पंख’ फैलाए हैं।

Last Modified:
Monday, 14 October, 2024
Blitz India

देश के जाने-माने साप्ताहिक अखबार (Weekly Tabloid) ‘ब्लिट्ज इंडिया’ (Blitz India) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर अमल करते हुए एक नई पहल करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ‘पंख’ फैलाए हैं।

इस पहल के तहत ‘ब्लिट्ज इंडिया’ ने संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक छह भाषाओं- अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, अरबी, चाइनीज और रूसी में अपने पाठकों को भारतीय कंटेंट परोसना शुरू कर दिया है। इस साल 24 अगस्त से बाकायदा इसकी शुरुआत कर दी गई है।

भारतीय कंटेंट को अब हिंदी समेत सात भाषाओं में राष्ट्रीय व ग्लोबल पाठकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यानी आप इस अखबार की वेबसाइट पर जाकर इन सभी भाषाओं में कंटेंट पढ़ सकते हैं।

बता दें कि इससे पहले यह अखबार हिंदी और अंग्रेजी के पाठकों के लिए ही कंटेंट देता था। इसके अलावा, इस अखबार के पहले से ही ऑनलाइन रूप में चार इंटरनेशनल एडिशन- यूएस (न्यूयॉर्क), यूके (लंदन), मिडिल ईस्ट (दुबई) और अफ्रीका (तंजानिया) हैं।

अखबार प्रबंधन का दावा है कि इस तरह की पहल करने वाला यह देश का इकलौता अखबार है जो विदेशी पाठकों को उन्हीं की भाषा में भारतीय कंटेंट उपलब्ध करा रहा है।

अखबार प्रबंधन के अनुसार, करीब दो महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई के ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी’ (INS) के आईएनएस टॉवर्स का उद्घाटन किया था, उस दौरान पीएम ने सुझाव देते हुए इच्छा जताई थी कि भारतीय कंटेंट को विदेशी पाठकों तक उनकी भाषाओं में पहुंचाना चाहिए, ताकि वे भी अपनी भाषा में हमारे देश के कंटेंट को आसानी से पढ़ सकें और हमारे यहां की घटनाओं व संस्कृति से अच्छी तरह रूबरू हो सकें। अखबार मैनेजमेंट ने पीएम के इसी सुझाव पर अमल करते हुए यह पहल शुरू कर दी है। 

अखबार प्रबंधन का यह भी कहना है कि इसके साथ ही ‘ब्लिट्स इंडिया’ देश का ऐसा इकलौता अखबार है जो संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता प्राप्त 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) को अपने प्रत्येक एडिशन में पब्लिश करता है। इन गोल का उद्देश्य एक समृद्ध, न्यायपूर्ण और सतत भविष्य की दिशा में कार्य करना है। ये लक्ष्य दुनिया भर की सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को प्रेरित करने के लिए बनाए गए हैं। अखबार के अनुसार, इन्हीं गोल पर चलकर विकसित भारत के सपने को साकार किया जा सकता है।

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‘दैनिक जागरण’ में रेजिडेंट एडिटर प्रदीप शुक्ला ने दिया इस्तीफा

प्रदीप शुक्ला इस अखबार के साथ करीब 20 साल से जुड़े थे और करीब दो साल से दिल्ली-एनसीआर के रेजिडेंट एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 08 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 08 October, 2024
Pradeep Shukla

वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शुक्ला ने हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस अखबार में  करीब 20 साल से कार्यरत थे और करीब दो साल से दिल्ली-एनसीआर में बतौर रेजिडेंट एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह नोएडा स्थित कार्यालय से अपना कामकाज देख रहे थे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रदीप शुक्ला ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। अपनी नई पारी के बारे में उनका कहना है कि वह कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं और जल्द ही इसके बारे में अपडेट देंगे। हालांकि, इस संस्थान से इस्तीफे के पीछे क्या वजह रही, इस बारे में उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।

बता दें कि ‘दैनिक जागरण’ के साथ अपने अब तक के सफर में वह तमाम प्रमुख पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। पूर्व में वह इस अखबार में मुरादाबाद में संपादकीय प्रभारी, बरेली में न्यूज एडिटर, बनारस में एडिटर और झारखंड में रेजिडेंट एडिटर के पद पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा पूर्व में वह ‘अमर उजाला’ में भी अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

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नवरात्रि के आगमन से बड़े ब्रैंड्स के अखबारों में ऊर्जा का संचार तेज

3 अक्टूबर को नवरात्रि की शुरुआत ने भारत के प्रिंट इंडस्ट्री को उत्साहित कर दिया है। नेशनल और रीजनल दोनों ही तरह के बड़े दैनिक अखबारों  ने विज्ञापनों में भारी उछाल दर्ज किया है।

Last Modified:
Monday, 07 October, 2024
Newsprint

कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, ग्रुप एडिटोरियल इवैंजलिस्ट एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।

3 अक्टूबर को नवरात्रि की शुरुआत ने भारत के प्रिंट इंडस्ट्री को उत्साहित कर दिया है। नेशनल और रीजनल दोनों ही तरह के बड़े दैनिक अखबारों  ने विज्ञापनों में भारी उछाल दर्ज किया है। इंडस्ट्री के अधिकारियों ने 'एक्सचेंज4मीडिया' को बताया कि बाकी के लिए, यह मौसम फिलहाल शांत है।

शनिवार को 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने कई पूर्ण-पृष्ठ विज्ञापनों के कारण 76 पृष्ठों का प्रकाशन किया। शुक्रवार और रविवार को उनके संस्करणों में भी 44 पृष्ठ थे। बिजनेस हेड्स ने कहा कि इन दिनों विज्ञापन बड़े पैमाने पर सप्ताहांत (वीकेंड्स) की ओर स्थानांतरित हो गए हैं।

बीसीसीएल ग्रुप के रिस्पॉन्स प्रेजिडेंट सुरिंदर सिंह चावला ने कहा, "नवरात्रि हमारे लिए अब तक एक मजबूत सीजन रहा है। जैसा कि हमारी करेंट बुकिंग्स हैं, हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दशहरा तक और भी विज्ञापन मिलेंगे।" समूह के हिंदी और मराठी अखबार 'नवभारत टाइम्स' और 'महाराष्ट्र टाइम्स' ने भी नवरात्रि के दौरान कई विज्ञापन प्राप्त किए।

हिन्दुस्तान टाइम्स के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राजीव बेओत्रा ने कहा, "हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ-साथ नवरात्रि प्रिंट मीडिया के लिए एक अच्छा सीजन है। हमें विज्ञापनदाताओं से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।"

दैनिक भास्कर के लिए भी यह त्योहारी सीजन बेहतरीन साबित हो रहा है। दैनिक भास्कर के चीफ कॉर्पोरेट सेल्स एंड मार्केटिंग ऑफिसर सत्यजीत सेनगुप्ता ने कहा, "नवरात्रि सीजन हमारे वार्षिक राजस्व का 15-20% हिस्सा होता है। इस साल हम सभी फेस्टिव कैटेगरी को बड़े पैमाने पर अखबारों में विज्ञापन करते हुए देख रहे हैं। हमें पिछले साल के मुकाबले दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद है।"

ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, उपकरण और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर्स ने त्योहारी सीजन की शुभता का फायदा उठाते हुए विज्ञापन में बढ़त बनाई है। उम्मीद है कि दशहरा तक इन विज्ञापनों में और इजाफा होगा।

कुछ पब्लिशर्स ने 'एक्सचेंज4मीडिया' को बताया  कि कुछ अंग्रेजी व रीजनल अखबारों के लिए यह सीजन चुनौतीपूर्ण रहा। उनके विज्ञापन राजस्व में अपेक्षाओं से काफी कमी आई है। इंडस्ट्री जगत ने बताया कि वे नवरात्रि के विज्ञापनों से 20-25% वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे, जो आमतौर पर त्योहार से 1-2 सप्ताह पहले अखबारों में आने लगती है। लेकिन मौजूदा बुकिंग के आधार पर यह वृद्धि केवल 5-10% तक ही सीमित रही है।

पब्लिशर्स का कहना है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति में थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन उम्मीदों या पिछले साल के आंकड़ों से मेल खाने की संभावना नहीं है।"

'मलयाला मनोरमा' के मार्केटिंग व ऐड सेल्स के वाइस प्रेजिडेंट वर्गीस चांडी ने कहा, "केरल जैसे राज्यों में नवरात्रि कोई बड़ा त्यौहार नहीं है। ऐसे राज्यों में प्रकाशकों की उम्मीदें दिवाली से जुड़ी हैं, जो महीने के अंत में है।"

विज्ञापन एजेंसियां आमतौर पर इस त्योहारी सीजन की गहमा-गहमी को याद कर रही हैं, जो उन्हें हर साल व्यस्त रखती थी।

Tgthr के सीईओ राहुल वेंगलिल ने कहा, "सामान्यत: खरीदारी के लिए बेहतरीन समय 2-3 सप्ताह का ही समय होता है। नवरात्रि के विज्ञापन तीन हफ्ते पहले ही शुरू हो जाने चाहिए थे और इस समय दिवाली कैम्पेंस शुरू हो जाने चाहिए थे। लेकिन हम अभी भी विज्ञापनों की उस बाढ़ का इंतजार कर रहे हैं, जो आमतौर पर त्योहारों के उत्साह को दर्शाती है।"

हालांकि केंद्र और राज्य सरकारों के विज्ञापन अभियान, खासकर महाराष्ट्र जैसे चुनावी राज्यों में, इस अवधि में कई अखबारों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। 

हर त्योहारी सीजन में रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, शिक्षा, रिटेल, ज्वेलरी, FMCG और BFSI जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विज्ञापन का बजट बढ़ जाता है। इस साल जब पूरा त्योहारी सीजन एक ही महीने में सिमट गया है, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन की गति अब भी धीमी है।

उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव, विश्वसनीय पाठक डेटा की कमी और साल भर विवेकाधीन खर्च - ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली आसान EMI की वजह से - विज्ञापनदाताओं की अख़बारों में घटती दिलचस्पी के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे कारकों में से हैं।

विज्ञापनदाताओं का कहना है कि इसके अलावा, कमजोर होते उपभोक्ता के सेंटीमेंट्स, उच्च मुद्रास्फीति और व्यापक बेरोजगारी बड़ी चिंताएं हैं। अधिकांश लोग आवश्यक वस्तुओं से अधिक खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए, हम अभी सावधानी से खर्च कर रहे हैं।"

कई ब्रैंड लीडर्स ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान पहले ही बहुत पैसा खर्च कर दिया है। इसलिए, उनका त्यौहारी बजट पिछले साल जितना बड़ा नहीं है। महाराष्ट्र जैसे चुनावी राज्यों में, कुछ सरकारी कैम्पेंस ने स्थिति को बचाया है।

PMAR के अनुसार, प्रिंट मीडिया के विज्ञापन राजस्व में 4% की वृद्धि दर्ज की गई, फिर भी यह कोविड-पूर्व के अपने उच्चतम स्तर 20,045 करोड़ रुपये से पीछे रह गया और 2023 के लिए 19,250 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।  

प्रिंट मीडिया के कुल विज्ञापन खर्च (AdEx) में हिस्सा कम हो रहा है। 2014 में, प्रिंट मीडिया का कुल विज्ञापन खर्च में 41% हिस्सा था, लेकिन इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, इस हिस्सेदारी में और दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

क्रिसिल की जुलाई 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में क्षेत्रीय प्रिंट मीडिया कंपनियों का विज्ञापन राजस्व 8-9% तक बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) के लिए उनकी वृद्धि की भविष्यवाणी 13-15% थी, यानी वास्तविक वृद्धि अपेक्षा से कम हो सकती है।

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वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष चतुर्वेदी और अनुज कुमार सिन्हा की किताबों का दिल्ली में हुआ विमोचन

नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में दो अक्टूबर 2024 की शाम को आयोजित कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण जी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 03 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 03 October, 2024
Book Prabhat Prakashan

जाने-माने पत्रकार और ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी की किताब ‘समाचारों की बिसात पर’  और इस अखबार के कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा की किताब ‘जमीनी और क्षेत्रीय पत्रकारिता की ताकत’ का दो अक्टूबर को दिल्ली में विमोचन हुआ।

नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में दो अक्टूबर 2024 की शाम को आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण जी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

‘समाचारों की बिसात पर’ आशुतोष चतुर्वेदी के लिखे गए 81 आलेखों का संग्रह है, जबकि ‘जमीनी और क्षेत्रीय पत्रकारिता की ताकत’ में प्रभात खबर के अब तक के सफर की प्रमुख घटनाओं को जगह दी गई है। इन दोनों किताबों को ‘प्रभात प्रकाशन’ ने पब्लिश किया है।

इस मौके पर आशुतोष चतुर्वेदी ने पत्रकारिता की चुनौतियों पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फेक न्यूज के दौर में अखबार की विश्वसनीयता बनाए रखना बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने ‘प्रभात खबर’ की सामाजिक पत्रकारिता की परंपरा को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे अखबार ने झारखंड के कई गांवों को गोद लेकर उनमें सकारात्मक बदलाव किए। सोशल मीडिया के विस्तार पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति संपादक की भूमिका में है, जिससे खबरों की सच्चाई और निष्पक्षता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने अपने संबोधन का अंत गुलजार की कविता की पंक्तियों से किया, जो पुस्तकों के प्रति लोगों की घटती रुचि पर चिंतन करती हैं।

‘प्रभात खबर’ के कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा ने अपने वक्तव्य में कहा कि अखबार ने हमेशा ‘सच है तो छपेगा’ के सिद्धांत को अपनाया है और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘प्रभात खबर’ ने स्थानीय नायकों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अखबार ने न सिर्फ सच को सामने लाने का काम किया है, बल्कि उन मुद्दों को उठाया है जो समाज और आम जनता से सीधे जुड़े हैं।

वहीं, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने अशुतोष चतुर्वेदी और अनुज कुमार सिन्हा की पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘प्रभात खबर’ की जमीनी स्तर पर सामाजिक मुद्दों को उजागर करने और सकारात्मक बदलाव लाने की सराहना की। हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि आज के डिजिटल युग में जब गलत सूचनाओं का प्रचार-प्रसार बढ़ गया है, अखबारों की विश्वसनीयता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जिम्मेदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की भूमिका पर जोर दिया, जो समाज को सही दिशा में प्रेरित करती है।

'प्रभात प्रकाशन' के प्रभात कुमार और पीयूष कुमार भी मंच पर मौजूद थे। इस कार्यक्रम में ‘प्रभात खबर’ के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आरके दत्ता, CFO आलोक पोद्दार, वाइस प्रेजिडेंट विजय बहादुर, कॉरपोरेट संपादक विनय भूषण और प्रभात खबर डॉट कॉम के संपादक जनार्दन पांडे समेत पत्रकारिता जगत के तमाम जाने-माने नाम मौजूद रहे। 

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'अमर उजाला' में रेजीडेंट एडिटर बने आशीष तिवारी, मिली इस यूनिट की कमान

आशीष तिवारी इससे पहले ‘अमर उजाला वेब सर्विसेज’ (Amar Ujala Web Services) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। यहां वह नेशनल टीम में कार्यरत थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 03 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 03 October, 2024
Aashish Tiwari

‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) ने वरिष्ठ पत्रकार आशीष तिवारी को रेजिडेंट एडिटर के पद पर नियुक्त किया है। अपनी इस भूमिका में वह चंडीगढ़ यूनिट (Tri-City और Punjab State) में एडिटोरियल हेड की जिम्मेदारी संभालेंगे।

आशीष तिवारी इससे पहले ‘अमर उजाला वेब सर्विसेज’ (Amar Ujala Web Services) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। यहां वह नेशनल टीम में कार्यरत थे।  

बता दें कि आशीष तिवारी को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह ‘अमर उजाला’ के अलावा ‘दैनिक भास्कर’ और ‘नवभारत टाइम्स’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।

आशीष तिवारी ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत ‘अमर उजाला’ चंडीगढ़ से बतौर ट्रेनी रिपोर्टर की। इसके बाद वह करीब दो साल तक ‘दैनिक भास्कर’, चंडीगढ़ की टीम का हिस्सा रहे और फिर ‘अमर उजाला’ लौट आए। फिर यहां से बाय बोलकर वह वर्ष 2013 से 2019 तक ‘नवभारत टाइम्स’ लखनऊ में सिटी हेड भी रह चुके हैं। इसके बाद वह फिर ‘अमर उजाला’ आ गए और 2019 से 2021 तक इस अखबार में दिल्ली में मेट्रो एडिटर की पारी खेली।

2021 से वह ‘अमर उजाला वेब सर्विसेज’ में अपनी भूमिका निभा रहे थे और अब उन्होंने अमर उजाला, चंडीगढ़ में बतौर रेजीडेंट एडिटर जॉइन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से आशीष तिवारी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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बॉलीवुड स्टार मीनाक्षी शेषाद्रि ने एडवोकेट डॉ. अजय कुमार पांडे की किताब का किया विमोचन

कार्यक्रम में जाने-माने लेखक, वरिष्ठ पत्रकार और आईटीवी ग्रुप, इंडिया न्यूज व आज समाज के एडिटोरियल डायरेक्टर पद्मश्री आलोक मेहता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 30 September, 2024
Last Modified:
Monday, 30 September, 2024
MeenakshiSeshadri8451

बॉलीवुड स्टार मीनाक्षी शेषाद्रि ने नई दिल्ली में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम में एडवोकेट डॉ. अजय कुमार पांडे की किताब 'प्रॉपर्टी लॉ अनवील्ड' (Property Law Unveiled) का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में कई प्रमुख उद्यमी, सेलिब्रिटीज और गणमान्य लोग शामिल हुए।

इस इवेंट का मुख्य आकर्षण मीनाक्षी शेषाद्रि का शानदार अंदाज में किताब का अनावरण करना था, जिसने सभी का ध्यान खींचा। कार्यक्रम में जाने-माने लेखक, वरिष्ठ पत्रकार और आईटीवी ग्रुप, इंडिया न्यूज व आज समाज के एडिटोरियल डायरेक्टर पद्मश्री आलोक मेहता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। आलोक मेहता ने अपने संबोधन में कानूनी साक्षरता के महत्व पर जोर दिया और डॉ. पांडे के काम की सराहना की।

इस मौके पर TaxOnlineIndia के फाउंडर व सीईओ शैलेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे। उन्होंने डॉ. पांडे की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी किताब ने जटिल प्रॉपर्टी कानूनों को सरल बना दिया है, जिससे आम लोगों को भी कानून को समझने में मदद मिलेगी।

'प्रॉपर्टी लॉ अनवील्ड' किताब न सिर्फ कानून के छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी एक गाइड के रूप में काम करेगी, जो भारत में संपत्ति से जुड़े अधिकारों और कानूनों को समझने में रुचि रखते हैं। डॉ. अजय कुमार पांडे ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि उनका उद्देश्य प्रॉपर्टी कानूनों को सरल बनाना है, ताकि लोग संपत्ति से जुड़े मामलों और विवादों को आसानी से समझ सकें।

इस कार्यक्रम में मीडिया, कानून, व्यवसाय और मनोरंजन जगत की कई जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद थीं, जिसने इसे एक शानदार नेटवर्किंग अवसर बना दिया। 

डॉ. पांडे की इस किताब ने उन्हें प्रॉपर्टी कानून के क्षेत्र में एक प्रमुख आवाज के रूप में और भी मजबूत किया है। यह किताब छात्रों, शोधकर्ताओं, न्यायाधीशों और वकीलों के लिए एक विश्वसनीय संसाधन के रूप में काम करेगी, जिसमें कानून के महत्वपूर्ण मामलों और आगामी कानूनी रुझानों पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।

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‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ के नए प्रेजिडेंट चुने गए एम.वी. श्रेयम्स कुमार

‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ (INS) की 27 सितंबर को हुई 85वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में यह फैसला लिया गया। वर्तमान में एम.वी. श्रेयम्स कुमार ‘मातृभूमि’ अखबार के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 28 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 28 September, 2024
Sreyams Kumar

एम.वी. श्रेयम्स कुमार को आगामी एक साल के कार्यकाल (2024-25) के लिए ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ (INS) का नया प्रेजिडेंट चुना गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 27 सितंबर को हुई ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ की 85वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में यह फैसला लिया गया। वर्तमान में एम.वी. श्रेयम्स कुमार ‘मातृभूमि’ अखबार के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

इसके साथ ही ‘सन्मार्ग’ के विवेक गुप्ता और ‘लोकमत’ के करण राजेंद्र दर्डा को वाइस प्रेजिडेंट और ‘अमर उजाला’ के तन्मय माहेश्वरी को मानद कोषाध्यक्ष पद पर चुना गया है। 

बता दें कि हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) ने सबसे पहले खबर दी थी कि एम.वी. श्रेयम्स कुमार को ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ (INS) का नया प्रेजिडेंट चुना जा सकता है। वह ‘आईएनएस’ में डिप्‍टी प्रेजिडेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। 

फिलहाल राकेश शर्मा ‘आईएनएस’ में साल 2023-24 के लिए प्रेजिडेंट के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अब एम.वी. श्रेयम्स कुमार उनकी जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे।

‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ की एग्जिक्यूटिव कमेटी के अन्य सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं। 

1. Mr. S. Balasubramanian Adityan     (Daily Thanthi)

2. Mr. Girish Agarwal                             (Dainik Bhaskar, Bhopal)

3. Mr. Samahit Bal                                 (Pragativadi)

4. Mr. Samudra Bhattacharya              (Hindustan Times, Patna)

5. Mr. Hormusji N. Cama                      (Bombay Samachar)

6. Mr. Gaurav Chopra                             (Filmi Duniya)

7. Mr. Vijay Kumar Chopra                    (Punjab Kesari, Jalandhar)

8. Dr. Vijay Jawaharlal Darda               (Lokmat, Nagpur)

9. Mr. Jagjit Singh Dardi                       (Charhdikala Daily)

10. Mr. Viveck Goenka                            (The Indian Express, Mumbai)

11. Mr. Mahendra Mohan Gupta           (Dainik Jagran)

12. Mr. Pradeep Gupta                            (Dataquest)

13. Mr. Sanjay Gupta                               (Dainik Jagran, Varanasi)

14. Mr. Shailesh Gupta                            (Mid-Day)

15. Mr. Shivendra Gupta                         (Business Standard)

16. Mr. Yogesh P. Jadhav                       (Pudhari)

17. Ms. Sarvinder Kaur                           (Ajit)

18. Dr. R. Lakshmipathy                         (Dinamalar)

19. Mr. Vilas A. Marathe                        (Dainik Hindusthan, Amravati)

20. Mr. Harsha Mathew                         (Vanitha)

21. Mr. Anant Nath                                 (Grihshobhika, Marathi)

22. Mr. P. V. Nidhish                               (Balabhumi)

23. Mr. Pratap G. Pawar                        (Sakal)

24. Mr. Rahul Rajkhewa                        (The Sentinel)

25. Mr. R.M. R. Ramesh                        (Dinakaran)

26. Mr. Atideb Sarkar                            (The Telegraph)

27. Mr. Partha P. Sinha                         (Navbharat Times)

28. Mr. Praveen Someshwar               (The Hindustan Times)

29. Mr. Kiran D. Thakur                        (Tarun Bharat, Belgaum)

30. Mr. Biju Varghese                           (Mangalam Plus)

31. Mr. I. Venkat                                    (Eenadu)

32. Mr. Kundan R. Vyas                       (Vyapar - Janmabhoomi)

33. Mr. K. N. Tilak Kumar                    (Deccan Herald & Prajavani)

34. Mr. Ravindra Kumar                      (The Statesman)

35. Mr. Kiran B. Vadodaria                 (Western Times)

36. Mr. Somesh Sharma                    (Rashtradoot Saptahik)

37. Mr. Jayant Mammen Mathew    (Malayala Manorama)

38. Mr. L. Adimoolam                         (Health & The Antiseptic)

39. Mr. Mohit Jain                               (Economic Times)

40. Mr. K. R. P. Reddy                          (Sakshi)

41. Mr. Rakesh Sharma                      (Aaj Samaj)

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‘अमर उजाला’ में शामिल हुए वरिष्ठ पत्रकार अंशुमान तिवारी, निभाएंगे यह बड़ी भूमिका

समाचार4मीडिया से बातचीत में अंशुमान तिवारी ने बताया कि ‘द बोनस’ अमर उजाला समूह की एक नई और खास पहल है, जिसके बारे में वह जल्द ही विस्तार से बताएंगे। 

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 28 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 28 September, 2024
Anshuman

जाने-माने आर्थिक पत्रकार अंशुमान तिवारी ने ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) समूह के साथ अपनी नई पारी शुरू की है। उन्होंने यहां पर ‘द बोनस’ (The Bonus) वर्टिकल में बतौर एडिटर जॉइन किया है। वह मुंबई और दिल्ली दोनों जगह से अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में अंशुमान तिवारी ने बताया कि ‘द बोनस’ अमर उजाला समूह की एक नई और खास पहल है, जिसके बारे में वह जल्द ही विस्तार से बताएंगे। 

बता दें कि अंशुमान तिवारी इससे पहले करीब तीन साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में कार्यरत थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले इस्तीफा दे दिया था। वह इस नेटवर्क की बहुभाषी बिजनेस वेबसाइट ‘मनी9’ (Money9) में बतौर एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले अंशुमान तिवारी ‘इंडिया टुडे’ (India Today) का हिस्सा थे। वह यहां इंडिया टुडे (हिंदी) के संपादक के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

अंशुमान तिवारी की फाइनेंस और इकनॉमी पर काफी अच्छी पकड़ है। उन्हें पर्सनल फाइनेंस, पब्लिक फाइनेंस इकनॉमी और कैपिटल मार्केट के जटिल मुद्दों को समझाने की उनकी नवीन और सरल शैली के लिए जाना जाता है।

प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका अवॉर्ड से सम्मानित अंशुमान तिवारी को खोजी पत्रकारिता के लिए उन्हें ‘वैन इफ्रा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार’ (WAN-IFRA International award) भी मिल चुका है। इसके अलावा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेस्ट इकनॉमिक शो के लिए उन्हें ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड’ (ENBA) भी मिल चुका है।

समाचार4मीडिया की ओर से अंशुमान तिवारी को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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जागरण प्रकाशन लिमिटेड की 48वीं वार्षिक आम बैठक में महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी

जागरण प्रकाशन लिमिटेड की 48वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) 24 सितंबर, 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से आयोजित की गई।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 28 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 28 September, 2024
Jagran Prakashan

जागरण प्रकाशन लिमिटेड की 48वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) 24 सितंबर, 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में कंपनी के निदेशक मंडल में कुछ महत्वपूर्ण  पुनर्नियुक्तियों पर निर्णय लिया गया। इस दौरान जिन स्वतंत्र निदेशकों का कार्यकाल पूरा हुआ, उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया गया। जागरण प्रकाशन ने इसकी जानकारी स्टॉक मार्केट को दी है।

देवेंद्र मोहन गुप्ता की पुनर्नियुक्ति: 

कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक देवेंद्र मोहन गुप्ता को पुनः नियुक्त किया गया है। उन्हें पहली बार 25 अगस्त, 2023 की AGM में निदेशक नियुक्त किया गया था और अब उन्हें एक बार फिर से रोटेशन के आधार पर पद पर बने रहने की मंजूरी दी गई है। देवेंद्र मोहन गुप्ता गुप्ता कंपनी में एक अनुभवी निदेशक हैं, जो 2008 से इस पद पर बने हुए हैं। वे भारतीय मानक संस्थान (ISI) के साथ D.C. माइक्रो मोटर्स तकनीक के विकास में भी शामिल रहे हैं। देवेंद्र गुप्ता जगमिनी माइक्रो निट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और जागरण माइक्रो मोटर्स लिमिटेड व जागरण मीडिया नेटवर्क इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं।

सतीश चंद्र मिश्रा की पुनर्नियुक्ति:   

सतीश चंद्र मिश्रा को कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक के रूप में तीन वर्षों के लिए पुनः नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होगी। सतीश चंद्र के पास समाचार पत्र उद्योग में 38 वर्षों का अनुभव है और वे कंपनी के प्रॉडक्शन विभाग के हेड हैं। उनके बी.ई. (इलेक्ट्रॉनिक्स) व एमबीए की डिग्री हैं और मानव संसाधन प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा भी किया है।  

इन दोनों पुनर्नियुक्तियों से जागरण प्रकाशन लिमिटेड अपने निदेशक मंडल की स्थिरता और अनुभव को बनाए रखने में सफल रहा है, जिससे कंपनी के भविष्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

स्वतंत्र निदेशकों का पद छोड़ना:

स्वतंत्र निदेशकों में से अनुज पुरी, दिलीप चेरियन, जयंत दावर, रवि सरदाना, शशिधर सिन्हा, और विजय टंडन का कार्यकाल 48वीं वार्षिक आम बैठक के साथ ही समाप्त हो गया। बोर्ड ने उनके द्वारा दी गई सेवाओं और योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।

नई स्वतंत्र निदेशकों की पुनर्नियुक्ति:

दिव्या करणी और शैलेन्द्र स्वरूप को स्वतंत्र निदेशक के रूप में पुनर्नियुक्त किया गया। वे अगले पांच साल तक, 2029 तक, बोर्ड में रहेंगे।

दिव्या करणी के पास मीडिया इंडस्ट्री में तीन दशक से अधिक का अनुभव है और उन्होंने कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम किया है। वहीं, शैलेन्द्र स्वरूप एक अनुभवी कॉर्पोरेट वकील हैं, जिनके पास 55 साल का कानूनी अनुभव है।

स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति:

कंपनी के नामांकन और पारिश्रमिक समिति (NRC) की सिफारिश पर, बोर्ड ने निम्नलिखित व्यक्तियों को स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की:

  • अनीता नायर (62 वर्ष): अनीता नायर के पास विज्ञापन, मार्केटिंग और मीडिया में 35 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने प्रमुख मीडिया कंपनियों जैसे Saatchi & Saatchi, Ogilvy & Mather, टाइम्स ऑफ इंडिया और Zee5 में कार्य किया है। वह कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं, जैसे कि Women Disruptors 2023 Life Time Achievement Award।

  • होरमुसजी एन. कामा (63 वर्ष): वह एशिया के सबसे पुराने समाचारपत्र 'मुंबई समाचार' के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। 40 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, उन्हें प्रिंट मीडिया में अहम योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

  • केमिशा सोनी (53 वर्ष): वह चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं और उनके पास 25 वर्षों का वित्तीय रिपोर्टिंग, ऑडिट और प्रबंधन का अनुभव है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समितियों में सेवा की है।

  • प्रमोद अग्रवाल (70 वर्ष): वह राम पेपर मिल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं और शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में 40 से अधिक वर्षों का अनुभव रखते हैं।

  • शालीन टंडन (46 वर्ष): रिलायंस इंडस्ट्रीज में रणनीतिक सलाहकार के रूप में कार्यरत, शालीन टंडन का 20 वर्षों का कॉर्पोरेट अनुभव है। उन्होंने भारत के पहले वैश्विक स्तर के कन्वेंशन सेंटर के विकास में भी प्रमुख भूमिका निभाई है।

  • तरुण साहनी (51 वर्ष): वह त्रिवेणी इंजीनियरिंग और इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। उनके पास शुगर और बायोएनेर्जी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान है और उन्होंने कई राष्ट्रीय उद्योग समितियों में भी सेवा दी है।

इन निदेशकों का कार्यकाल 48वीं AGM के समापन से 2029 तक या 5 साल की अवधि तक रहेगा, जो भी पहले हो। यह भी पुष्टि की गई कि इन नियुक्तियों पर किसी भी नियामक संस्था द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं है। सभी सदस्यों ने इन नियुक्तियों को मंजूरी दी। 

जागरण प्रकाशन लिमिटेड की इस AGM ने कंपनी की संरचना और प्रबंधन में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, जो इसके आगे के विकास और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

 

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