इस यात्रा के सफर में ज्यादातर वो राज्य हैं, जहां पर कांग्रेस पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। बंगाल, बिहार और यूपी ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं।
संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में 45 विपक्षी सांसदों को शेष बचे हुए सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
इसके पहले भी 1998 में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली में जीत दर्ज की, लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा से हार गई।
कमलनाथ ने तो 1980 दौर में ही शुक्ल बंधुओं के प्रिय आदिवासी नेता शिवभानु सिंह सोलंकी को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए पहले अपनी दावेदारी की।
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के विकल्प के तौर पर पार्टी में नया नेतृत्व तैयार कर सकता है।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार एस ने एक विवादित बयान दिया है।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़! इन तीनों राज्यों में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता है।
बीजेपी हाल तक कर्नाटक में सरकार चला रही थी और अभी पुड्डेचरी में गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
बहुमत का आंकड़ा 60 है। ऐसे में साफ तौर पर तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने की प्रबल संभावनाएं दिख रही हैं।
उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, हजारों साल से न्याय और बराबरी की उम्मीद करने वाले हमारे से खड़े होकर इस लड़ाई को और मजबूत बनाएंगे।