सुरजेवाला जी अपनी बातचीत बहुत नापतोल कर बोलते हैं फिर भी अगर बोला गया है तो इसका मतलब यही है कि पार्टी से नाप तौल के ही बुलवाया गया होगा।
राहुल ने कहा कि पीएम आग बुझाना ही नहीं चाहते वे तो खुद मणिपुर को जलाना चाहते हैं।
एंकर अशोक श्रीवास्तव के एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार तुषार गुप्ता ने कहा कि मणिपुर पर राहुल गांधी के सुझाव उचित नहीं हैं।
मोदी-शाह को पांच राज्यों के चुनाव से कुछ माह पहले नौ साल की उपलब्धियां गिनाने का अद्भुत अवसर दे दिया।
एक 25 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति ने पारिवारिक विवाद पर अपनी हिंदू पत्नी और उसके माता-पिता की हत्या कर दी।
इसी को लेकर एबीपी न्यूज ने सी-वोटर के साथ मिलकर जनता की नब्ज को टटोलने की कोशिश की है।
प्रियंका ने अपने भाषण की शुरुआत भी स्थानीय बोली में की। उन्होंने लोगों से कहा- ‘हमारी आप को राम-राम।
स्मरण रहे कि हम जिस संसार में रहते हैं उसे ‘जगत्’ भी कहते हैं, जहां सब कुछ गतिमान है।
हालांकि भाजपा नीत एनडीए बार-बार विपक्षी गठबंधन इंडिया से यह सवाल जरूर पूछेंगे कि नरेंद्र मोदी के मुकाबले उनके पास नेता कौन है।
आपको याद होगा कि आजादी के बाद भारत में जो राजनीतिक दल पनपे, वे किसी न किसी ठोस वैचारिक धुरी पर टिके हुए थे।