पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्षी दलों की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु पहुंच गई हैं।
एनडीए की आगामी 18 जुलाई को बुलाई गई बैठक में एनसीपी के अजीत पवार गुट और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के शामिल होने की संभावना है।
दरअसल, भाजपा के लिए 2024 में दो-तीन राज्यों में मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं। महाराष्ट्र, बिहार इनमें से एक है।
मृतकों में तृणमूल कांग्रेस के 5 समर्थक और बीजेपी, कांग्रेस, सीपीएम और एक निर्दलीय उम्मीदवार का एक-एक समर्थक शामिल है।
पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत के घर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पहुंचे और उन्होंने पीड़ित के ऊपर गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र किया।
अगर भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि शरद पवार को इस हाल में ले आने से उसे राजनीतिक फायदा होगा तो वह मुगालते में है।
2024 के आम चुनावों के पहले एकजुट हो रहे विपक्ष को नित नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
एनसीपी में जिस तरह बगावत हुई है उससे यह सवाल खड़े होने लगे है कि अगले आम चुनाव में क्या सही में विपक्षी एकता कायम हो पाएगी?
जब मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन जैसे लोग जेल गए तो इनकी पार्टी के लोगों को और उनके समर्थकों को यह लगता था कि कुछ ही दिनों में यह जेल से बाहर आ जाएंगे।
पिछले दिनों भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता लाने का आह्वान किया और अल्पसंख्यक समुदायों को सुधार के खिलाफ भड़काने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की।