इन दिनों मेरे दौर के अधिकांश वरिष्ठ साथी यह लोक छोड़कर जा चुके हैं। शिखर पुरुष के रूप में अभय जी ही बचे थे, वे भी चले गए। पत्रकारिता के इस विलक्षण व्यक्तित्व को मेरा नमन।
अभयजी के कई रूप थे और उनमें से हर रूप अपने आप में एक उपन्यास। और उनका हर रूप एक अंतहीनसंघर्ष की दास्तान है। बाहर-भीतर हर तरह का संघर्ष।
लंबे समय तक ‘नई दुनिया’ के प्रधान संपादक रहे अभय छजलानी काफी समय से बीमार चल रहे थे।
राजेश झा को देशभर के तमाम प्रमुख अखबारों और मैगजींस में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है।
अंग्रेजी अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाली कंपनी ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने दायर की थी याचिका
‘नेशनल हेराल्ड’ (National Herald) मामले में कांग्रेस को दिल्ली हाई कोर्ट से करारा झटका...