अक्सर इसकी एक वजह बाज़ार भी बताई जाती है, जिसके चलते अब समाचार पत्रों या न्यूज़ चैनलों में संपादक नहीं, प्रबंधन होते हैं।
स्मरण रहे कि हम जिस संसार में रहते हैं उसे ‘जगत्’ भी कहते हैं, जहां सब कुछ गतिमान है।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से किए जाने वाले ध्वजारोहण के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है यह गीत