कांग्रेस अभी भी यह तय नहीं कर पाई है कि उन लोगों के साथ क्या किया जाए, जिनके नेतृत्व में वह तीन राज्यों में चुनाव हार गई।
विश्वविद्यालय का नाम आदरणीय चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर रखकर आप उनका सम्मान नहीं कर रहे, बल्कि एक महानायक को विवादों में ही डाल रहे हैं।