बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और ये पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते है। कंगना की इस बेबाकी की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है।
15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इसके अलावा नए क्रिमिनल कानूनों की कॉपी जलाई जाएगी। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने बड़ा सवाल पूछा है।
किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी गई है। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कटीले तार, कैंटेनर समेत कई अन्य व्यवस्थाएं की हैं।
नवंबर 2020 में भारत सरकार ने देश में तीन कृषि कानून लागू किए थे। हालांकि कानून लागू होने के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया।
चंद्रशेखर ने लिखा कि यह ट्विटर के इतिहास के उस धुंधले दौर को साफ करने की कोशिश है, जब ट्विटर डोर्सी के कार्यकाल में लगातार भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा था।
कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार से जंतर-मंतर पर शुरू हए आंदोलन के दौरान मीडियाकर्मियों से मारपीट का मामला सामने आया है।
किसान आंदोलन के मामले में किए गए ट्वीट्स को लेकर इंडिया टुडे ग्रुप ने सरदेसाई को दो हफ्ते के लिए ऑफ एयर कर दिया था।
किसानों के विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में हाल ही में कुछ अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटीज द्वारा किए गए ट्वीट ने ट्विटर पर नए विवाद को जन्म दे दिया है।
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा और किसान आंदोलन की कवरेज को लेकर वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की निंदा की है।
संपादकों की संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ (Editors Guild Of India) ने इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की मीडिया कवरेज को लेकर एडवाइजरी जारी की है।